कहते हैं कि जीवन में पैसा सबकुछ नहीं होता, लेकिन पैसे के बिना बेहतर जीवन जीने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। दिन की शुरूआत से ही हमें दूध, फल, सब्जी लाने के लिए पैसों की जरूरत पड़ती है। आमतौर पर, गृहिणियां इन सभी छोटे-छोटे खर्चों के लिए अपने पति पर आर्थिक रूप से निर्भर होती हैं। हालांकि, पति की कमाई से खर्च करने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन महिलाओं के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता के अपने अलग ही कुछ मायने है।
अमूमन यह माना जाता है कि जब एक महिला जॉब करती है या फिर कोई बिजनेस करती है तो वह केवल पैसे ही कमाती है। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। एक महिला जब खुद को स्थापित करती है और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनती है तो वह कई तरह से खुद को एक बेहतर इंसान बनाने की तरफ कदम बढ़ाती है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको महिलाओं के लिए आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने के कुछ बेहतरीन फायदों के बारे में बता रहे हैं-
जब एक महिला आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होती है तो वह बेहतर तरीके से अपने परिवार का सपोर्ट सिस्टम बन सकती है। आज के महंगाई के युग में केवल एक व्यक्ति की सैलरी से घर चलाना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में महिला की आमदनी घर खर्च को काफी आसान बना देती है। कोरोना काल में भी जब पुरूषों के काम-धंधे पूरी तरह से ठप्प हो गए थे, तब महिलाओं की सैलरी से ही घर खर्च में काफी मदद मिली थी।
जब महिलाएं पुरूषों पर आर्थिक रूप से निर्भर होती हैं, तो उन्हें हर छोटे-बड़े खर्चे के लिए पति से परमिशन मांगनी पड़ती है या फिर उनसे बार-बार पैसे मांगने पड़ते हैं। अगर पति मना कर दे तो उन्हें अपना मन भी मारकर रहना पड़ता है। लेकिन आर्थिक आत्मनिर्भरता महिलाओं को आर्थिक आजादी प्रदान करता है। जब वह खुद कमाती हैं तो वह खुद पर खर्च भी कर सकती हैं और इसके लिए उन्हें अलग से किसी की परमिशन लेने की आवश्यकता नहीं होती है।(पुरुषों से महिलाओं की तुलना कितनी सही कितनी गलत?)
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यह देखा जाता है कि जो महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होती हैं, उन्हें घर-परिवार में अधिक सम्मान मिलता है। यह सच है कि एक गृहिणी का कार्य अधिक कठिन होता है और वह 24x7 काम करने के लिए तैयार होती हैं। लेकिन फिर भी परिवार में लोग उनके काम को अहमियत नहीं देते। वहीं, अगर आप किसी कंपनी में जॉब करती हैं या फिर आपका खुद का ही बिजनेस है तो घर सहित रिश्तेदार व अन्य जानने वाले भी आपको एक सम्मान की दृष्टि से देखते हैं।(फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट बनने में आपके काम आएंगे यह टिप्स)
भारतीय घरों में महिलाओं के साथ शारीरिक व मानसिक प्रताड़नाहोना कोई नई बात नहीं है। लेकिन अधिकतर महिलाएं इस हिंसा को सिर्फ इसलिए बर्दाश्त करती हैं, क्योंकि वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं होती हैं। उन्हें यह लगता है कि अगर वह अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएंगी तो उन्हें घर छोड़ना पड़ेगा और फिर उनका व उनके बच्चों का गुजारा कैसे होगा। इसी सोच के चलते वह जीवनभर खुद के साथ होने वाले अन्याय को सहन करती जाती हैं। लेकिन अगर आप आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हैं, तो आपको अन्याय सहन करने की आवश्यकता नहीं है।
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आर्थिक रूप से आत्मनिर्भरता महिलाओं को अधिक आत्मविश्वासी भी बनाती है। उन्हें यह अहसास होता है कि वह अपने पति व परिवार की परछाई से अलग अपनी भी कोई पहचान रखती हैं और समाज में लोग उन्हें मिसेज खन्ना या मिसेज कपूर के अलावा शालिनी या मोनिका जैसे उनके नामों से पहचानते हैं। यह आत्मविश्वास ही उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है।
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