आईएएस अफसर बनना कई लोगों का सपना होता है लेकिन केवल कुछ लोग ही इस सपने को पूरा कर पाते हैं। आईएएस बनने के लिए जागृति अवस्थी और उनके माता-पिता ने कई कठिन फैसले लिए। जहां जागृति ने यूपीएससी पास करने के लिए अपनी इंजीनियर की नौकरी तक छोड़ दी तो वहीं उनके माता-पिता ने चार साल तक टीवी नहीं देखी। आज हम आपको IAS अफसर जागृति अवस्थी की यूपीएससी एग्जाम से जुड़ी हुई इंस्पिरेशनल जर्नी बताने जा रहे हैं।
कहां से पूरी की जागृति ने पढ़ाई?
जागृति ने भोपाल के मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और इसके बाद वह भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड में काम करने लगी। लेकिन उनका यह सपना बचपन से था कि वह आईएएस ऑफिसर बने। इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने जॉब छोड़ दी और यूपीएससी तैयारी में जुट गई।
आपको बता दें कि जागृति के परिवार में माता-पिता और एक भाई है। जागृति के पिता एससी अवस्थी पेशे से होमियोपैथ हैं। वहीं उनकी मां एक स्कूल टीचर थी लेकिन जागृति की पढ़ाई में मदद करने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी भी छोड़ दी थी। जागृति का भाई एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है।
साल 2016 में जागृति ने इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी।(स्कूल के दौरान फेल हुए ये बच्चे बड़े होकर कैसे बन गए IAS? आप भी जानें) जिसके बाद जागृति ने गेट की परीक्षा दी और उसमें सफलता हासिल करने के बाद भेल वह नौकरी करने लगी थी।
जागृति ने क्यों छोड़ी नौकरी?
जागृति गेट की परीक्षा में जब शामिल हुई थी तो उसमें उन्हें सफलता मिल गई और भेल में वह टेक्निकल ऑफिसर नौकरी करने लगीं। जागृति देश के लिए भी कुछ करना चाहती थी इसलिए उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की और दो साल बाद इंजीनियर की नौकरी छोड़ दी।
साल 2019 में जागृति ने अफसर बनने के सपने को पूरा करने की ठान ली थी और दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान में एडमिशन ले लिया लेकिन कोविड के केस ज्यादा आने के कारण लॉकडाउन घोषित हुआ और उन्हें भोपाल लौटना पड़ा। लेकिन जागृति ने अपनी पढ़ाई नहीं रोकी। जागृति ने ऑनलाइन क्लासेज की मदद से अपनी पढ़ाई फिर से शुरू की।
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कैसे की यूपीएससी एग्जाम की तैयारी?
आईएएस बनने के लिए जागृति ने इंजीनियरिंग छोड़ी थी और वहीं उनके माता-पिता ने भी अपनी बेटी के लिए कई कठिन फैसले भी लिए। जागृति की मां ने बेटी की पढ़ाई में मदद के लिए अपनी टीचिंग की जॉब भी छोड़ दी थी उनके घर पर चार सालों से टीवी को ऑन भी नहीं किया गया।
इन सभी फैसलों के कारण जागृति को घर से सपोर्ट मिला। पहले प्रयास में जागृति प्रीलिम्स भी पास नहीं हो सकी थी लेकिन उन्होंने दृढ़ निश्चय किया और दूसरे प्रयास में वह टॉपर बन गयी थी। साल 2020 में सिविल सेवा परीक्षा में उनकी ऑल इंडिया रैंक 2 थी।
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