
PCOD और PCOS को अक्सर सिर्फ पीरियड्स या फर्टिलिटी से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। इसका असर महिलाओं के पूरे शरीर पर होता है। अगर आप सोच रही हैं कि सिर्फ पीरियड्स का अनियमित होना या हैवी होना ही पीसीओडी का संकेत है, तो आप गलत हैं। इन कंडीशन्स में वजन बढ़ना, बालों का झड़ना, बेली फैट बढ़ना और डाइजेशन का खराब होना जैसी दिक्कतें भी होती हैं। इतना ही नहीं, इसका असर महिलाओं की स्लीप साइकिल पर भी होता है। आमतौर पर PCOD और PCOS से परेशान महिलाओं को नींद आने में मुश्किल होती है। दरअसल इन कंडीशन्स में होने वाले हार्मोनल इंबैलेंस का असर महिलाओं के पूरे शरीर पर होता है। इसमें नींद आने में मुश्किल क्यों होती है और इसे किन तरीकों से इसे कम किया जा सकता है, चलिए इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डाइटिशियन मनप्रीत कालरा दे रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं और रीबूट गट हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली की फाउंडर और डायरेक्टर हैं।

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PCOD का संबंध सिर्फ महिलाओं की फर्टिलिटी से नहीं है। । हर जिंदगी के वेलनेस सेक्शन में हम इसी तरह अपने आर्टिकल्स के जरिए स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के बारे में आप तक सही जानकारी पहुंचाने की कोशिश करते रहेंगे।
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