पीसीओएस यानी कि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम महिलाओं में होने वाला एक हार्मोनल विकार है जो प्रजनन आयु के दौरान किसी भी महिला को अपनी चपेट में लेता है। इसमें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जैसे इरेगुलर पीरियड, हेयर फॉल, वजन का बढ़ना वगैरह-वगैरह। क्या आपको मालूम है कि इसे अंडाशय का भी मधुमेह कहा जाता है। आइए जानते हैं हेल्थ एक्सपर्ट से इस बारे में। डॉक्टर पूजा ठुकराल सीनियर कंसल्टेंट, गाइनेकोलॉजिस्ट, क्लाउड नाइन हॉस्पिटल, फरीदाबाद इस बारे में जानकारी दे रही हैं।
पीसीओएस को अंडाशय का मधुमेह क्यों कहा जाता है?
एक्सपर्ट बताती हैं कि यह इंसुलिन प्रतिरोध और हार्मोनल असंतुलन से जुड़ा हुआ है, जो टाइप 2 डायबिटीज जैसी ही जटिलताएं पैदा कर सकता है। पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में इंसुलिन प्रतोरोध आम समस्या होतीहै। इंसुलिन वह हार्मोन है, जो रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है।जब शरीर इंसुलिन के प्रति संवेदनशील नहीं रहता है, तो अग्नाशय अधिक मात्रा में इंसुलिन बनाता है ताकि रक्त शर्करा का स्तर सामान्य बना रहे। अधिक मात्रा में इंसुलिन बनने से अंडाशय पर इसका प्रभाव पड़ता है और वे अधिक एंट्रोजन यानी की पुरुष हार्मोन का उत्पादन करने लगते हैं। इससे ओव्यूलेशन प्रभावित होता है, जिससे अनियमित महावरी, मुहांस, चेहरे और शरीर पर अनचाहेबाल और वजन बढ़ने जैसी समस्याएं हो सकती है।
पीसीओएस और टाइप 2 डायबिटीज के बीच समानता
- टाइप 2 डायबिटीज और पीसीओएस, दोनों में इंसुलिन प्रतिरोध की समस्या देखी जाती है।
- पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में हाई बीपी कोलेस्ट्रॉल और मोटापे का खतरा अधिक होता है, जो टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाता है।
- शरीर में क्रोनिक सूजन पीसीओएस और मधुमेह दोनों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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Image Credit- freepik
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