स्लीप पैरालिसिस एक ऐसी स्थिति होती है, जिसके बारे में अधिकतर लोगों को पता ही नहीं होता है। स्लीप पैरालिसिस की समस्या होने पर व्यक्ति को उठने के बाद भी अपने शरीर के साथ तालमेल बिठाने में दिक्कत होती है। नींद से जागने के बाद भी व्यक्ति के लिए उठना या हिलना-डुलना असंभव हो जाता है।
इस स्थिति को लोग बहुत अधिक गंभीरता से नहीं लेते हैं, लेकिन वास्तव में यह स्थिति काफी खतरनाक हो सकती है। जब आप खुद को हिला नहीं पाते हैं तो कभी-कभी व्यक्ति का दम भी घुटने लगता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको स्लीप पैरालिसिस के बारे में विस्तारपूर्वक बता रहे हैं-
स्लीप पैरालिसिस क्या है?
स्लीप पैरालिसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति का शरीर कुछ देर के लिए तकवाग्रस्त हो जाता है। आमतौर पर यह स्थिति तब होती है, जब कोई व्यक्ति सोने या जागने वाला होता है। इस स्थिति में व्यक्ति चाहकर भी अपने अंगों को हिला-डुला नहीं पाता है। यह स्थिति कुछ देर के लिए होती है, उसके बाद व्यक्ति सामान्य हो जाता है।
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स्लीप पैरालिसिस कब होता है?
स्लीप पैरालिसिस आमतौर पर दो में से एक बार होता है। यदि यह तब होता है जब आप सो रहे होते हैं, तो इसे प्रीडॉर्मिटल स्लीप पैरालिसिस कहा जाता है। यदि ऐसा तब होता है जब आप जाग रहे होते हैं, तो इसे पोस्टडॉर्मिटल स्लीप पैरालिसिस कहा जाता है।(तनाव के लिए करें ये योग)
स्लीप पैरालिसिस के कारण
स्लीप पैरालिसिस के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। मसलन, नींद की कमी से लेकर कुछ दवाओं का सेवन करना, तनाव व एंग्जाइटी, अल्कोहल का सेवन या स्लीप पैरालिसिस की फैमिली हिस्ट्री आदि ऐसे कुछ कारण हैं, जो स्लीप पैरालिसिस की समस्या को जन्म दे सकते हैं या फिर उसे बद से बदतर बना सकते हैं।
स्लीप पैरालिसिस के लक्षण
- स्लीप पैरालिसिस होने पर व्यक्ति में कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं। मसलन-
- जागने के बाद भी अपनी मसल्स को हिलाने में असमर्थ होना। इस स्थिति में व्यक्ति को पता होता है कि वह जाग रहा है, लेकिन फिर भी वह अपने शरीर को हिला नहीं पाता है।
- स्लीप पैरालिसिस होने पर ना केवल शरीर को हिलाने बल्कि व्यक्ति को बोलने में असमर्थता होती है। व्यक्ति चाहकर भी कुछ नहीं बोल पाता है।
- स्लीप पैरालिसिस होने पर व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
- स्लीप पैरालिसिस होने पर व्यक्ति को एक अजीब सा डर महसूस होता है। उसे ऐसा लगता है कि कमरे में कोई है या कोई उसे करीब आ रहा है, जिससे वह एक घुटन का अहसास करता है।
स्लीप पैरालिसिस को कैसे हैंडल करें?
- अगर आपको स्लीप पैरालिसिस की समस्या है तो ऐसे में उसे रोकने के लिए आप कुछ आसान तरीकों को अपना सकते हैं-
- नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
- पीठ के बल सोने से बचें।
- इनसोमनिया, नार्कोलेप्सी या फिर बाइपोलर डिसऑर्डर की समस्या होने पर उसका जल्द से जल्द इलाज करवाएं।
- अपने स्लीप पैटर्न को बेहतर बनाएं। हर दिन पर्याप्त नींद लें और हर दिन एक ही समय पर सोने का अभ्यास करें।
- अगर आप किसी दवा का सेवन कर रहे हैं और उसके बाद आपको यह समस्या हो रही है तो ऐसे में एक बार अपने डॉक्टर से इस विषय में बात करें।
- नियमित रूप से योग व मेडिटेशन करने से भी आपको लाभ मिल सकता है।
- अगर इन उपायों को अपनाने के बाद भी आपको राहत नहीं मिलती है तो ऐसे में आप एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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