आयुर्वेद के बताए ये 5 नियम बताते हैं नींद पूरी करने का नुस्खा  

नींद हमारे लिए बहुत जरूरी होती है और कई बार स्लीप पैटर्न बिगड़ने के कारण नींद की समस्या होने लगती है। नींद पूरी ना होने का असर आपकी हेल्थ पर भी पड़ सकता है इसलिए यह जरूरी है कि अपने स्लीप पैटर्न को सही रखा जाए। 

How to maintain sleep cycle according to ayurveda

How many hours to sleep according to ayurveda| रात भर करवटें बदलने का सिलसिला जारी रहे, तो सुबह उठकर भला किसी को एनर्जी कैसे मिलेगी? फिलहाल जिस तरह की लाइफस्टाइल हम लोगों की हो गई है, रात में करवटें बदलना अनहेल्दी होने की निशानी है। अगर आपका स्लीप पैटर्न खराब हो रहा है, तो आपको धीरे-धीरे अपनी हेल्थ पर इसका असर दिखने लगेगा। नींद ना आने से मानसिक स्वास्थ्य भी खराब होता है और कई बार तो इसके कारण एंग्जायटी बढ़ जाती है।

सिरदर्द, थकान, बदन दर्द, स्ट्रेस, एंग्जायटी, कॉन्सनट्रेशन में कमी से लेकर ब्लड प्रेशर की समस्या तक बहुत सारी दिक्कतें कम नींद लेने के कारण बढ़ जाती हैं। ऐसे में अपने स्लीप पैटर्न को सुधारना भी जरूरी है।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर निकिता कोहली ने इंस्टाग्राम पर कुछ ऐसे तरीके बताए हैं जिनकी मदद से आप अपना स्लीप पैटर्न ठीक कर सकती हैं। दरअसल, यह आयुर्वेदिक नियम हैं जिन्हें फॉलो करना जरूरी होता है।

सूरज के साथ सोने और उठने की आदत डालें (Sleeping Rules According to Ayurveda)

बचपन में हमने पढ़ा था कि जल्दी सोने और जल्दी उठने वाला व्यक्ति बुद्धिमान होता है। 'Early to bed and early to rise' वाली कहावत यहां लागू होती है। आयुर्वेद के हिसाब से आपके शरीर की सर्केडियन रिदम तभी सही तरह से काम करती है जब हम सूरज के साथ काम करते हैं। हालांकि, मौजूदा लाइफस्टाइल को देखें तो यह मुमकिन नहीं है। ऐसे में आप इस तरह की सेटिंग घर पर बना सकती हैं। व्हाइट लाइट से सूरज और मोटे पर्दों से रात का अनुभव करवा सकती हैं। ऐसे में आपका स्लीप पैटर्न लाइट के साथ अलाइन हो जाएगा और धीरे-धीरे आपकी नींद बेहतर होने लगेगी।

sleep cycle of women

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सोने से 3 घंटे पहले डिनर कर लें (Right Time to Have Dinner)

अगर आप उन लोगों में से हैं जिन्हें रात में देर से खाना पसंद है, तो आपका स्लीप पैटर्न डिस्टर्ब हो सकता है और ऐसा भी हो सकता है कि नींद आने के बाद भी बार-बार आपको वॉशरूम जाने की जरूरत पड़े या फिर आप रात में अचानक चौंक कर उठ जाएं। आयुर्वेद के नियमों के अनुसार, रात में सात बजे के बाद खाना खाने के कारण अपच और अनिद्रा जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। अगर आप सोने से 3-4 घंटे पहले खाना खा लेती हैं, तो सोने से पहले आपका डाइजेशन प्रोसेस शुरू हो जाएगा और ऐसे में नींद का समय भी धीरे-धीरे बंध जाएगा।

अगर सोने से पहले ही डाइजेशन प्रोसेस शुरू हो जाता है, तो पेट संबंधित कई परेशानियां दूर होती हैं।

sleeping and its rules

रात में सोने से 1-2 घंटे पहले बंद कर दें इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (Blue Light Side Effects)

ऐसा कितनी बार हुआ है कि आपने सोते-सोते भी फोन को साइड में ना रखा हो या नींद के कारण हाथों से फोन मुंह पर गिर गया हो। हमारी स्लीप साइकिल को बर्बाद करने के लिए खासतौर पर गैजेट्स जिम्मेदार हैं। इनकी वजह से हमारी नेचुरल स्लीप साइकिल हमेशा खराब होती है। डॉक्टर निकिता के अनुसार लगभग 8.30 से 9 बजे तक हमें फोन और गैजेट्स बंद करके रख देने चाहिए।

Cleveland की मश्हूर स्लीप डिसऑर्डर स्पेशलिस्ट हरनीत वालिया (एमडी) ने इस बारे में एक रिसर्च पेपर पब्लिश किया था। उसके अनुसार मोबाइल फोन के कारण हमारा दिमाग व्यस्त होता है और इसके कारण ना सिर्फ आंखों के रेटिना डैमेज की समस्या हो सकती है, बल्कि इसके कारण हार्मोनल समस्याएं भी हो सकती हैं।

हमारी REM स्लीप में भी इसकी वजह से समस्या होती है इसलिए बेहतर नींद के लिए फोन को साइड में रख दें और थोड़ी देर अपनी आंखों को आराम दें।

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बाईं करवट लेकर सोने से हेल्थ होगी बेहतर (Sleeping Positions)

डॉक्टर निकिता के अनुसार अगर आप बाईं करवट लेकर सोती हैं, तो नींद ज्यादा बेहतर आती है क्योंकि इससे सीने में जलन और अन्य तरह की पाचन संबंधित समस्याएं कम होती हैं। यह पोजीशन खर्राटे भी कम करती है और इससे गहरी नींद लगती है। इसलिए आपको इसी पोजीशन में सोना चाहिए।

गर्मियों के अलावा और किसी महीने में दोपहर में ना सोएं (Sleeping in the day Good or Bad)

डॉक्टर निकिता के अनुसार गर्मियों के अलावा और किसी भी मौसम में दिन के वक्त सोने से कफ और पित्त दोष बढ़ता है। इससे शरीर में ज्यादा आलस भर जाता है और प्रोडक्टिविटी कम हो जाती है।

अगर आपको नींद में बहुत ज्यादा समस्या हो रही है, तो डॉक्टरी सलाह लेना ज्यादा बेहतर है। ना सोने से सेहत की बहुत ज्यादा समस्या हो सकती है।

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