अगर मेरी तरह आप भी पहली बार मां बनी हैं, तो बच्चों से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जान लेना आपके लिए बहुत जरूरी हो जाता है। पैदा होने से लेकर एक साल तक बच्चे के जीवन का ये एक ऐसा समय होता है जब बच्चे में बहुत जल्दी-जल्दी बदलाव होते हैं। आज हम आपको बच्चे के दांत निकलने से जुड़ी अहम जानकारी देने वाले है। सबसे पहले आपको बता दें कि ज्यादातर बच्चों की दांत निकलने की सही उम्र 7 महीने होती है, लेकिन कई सारे बच्चों के दांत लेट से आते है। कुछ बच्चों के दांत आठवें या नौवें महीने में भी आते है और ये प्रक्रिया चौबीस महीने के बीच तक चलती रहती है। तो आइए जानते है कि इस दौरान बच्चे में क्या-क्या बदलाव होते है।
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सबसे पहला बदलाव जो होता है वो ये है कि इस समय बच्चे के मसूड़़ों में असहनीय दर्द होता है। जिसके कारण उनका स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। साथ ही, दर्द की वजह से बच्चा रोता है। ऐसे में बच्चे को संभालना बहुत मुश्किल भरा काम होता है। ऐसे में बच्चे को आराम दिलाने के लिए आप कुछ घरेलू उपायों को आजमा सकती है। तो चलिए जानते है इन उपायों के बारे में।
जब बच्चे के दांत निकलने वाले हो तो उससे पहले कभी भी उसे कोई भी खट्टी चीज ना खिलाएं। इससे बच्चे के मसूड़ों में खट्टापन आ जाएगा जिससे बच्चे के दांत निकलने में परेशानी होगी।
बच्चे के मसूड़ों की मालिश करें, इससे उसे आराम मिलेगा। इसके लिए आप अपनी इंडेक्स फिंगर से बच्चे के मसूड़ों की हल्के से मालिश करें। इससे बच्चे को दांत पर मसूड़ों के फटने की वजह से होने वाले दर्द से आराम मिलेगा।
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मसूड़ों पर ठंडी चीजें रखने से बच्चे को दर्द से आराम मिलता है। इसके लिए एक साफ गीला कपड़ा लें और उसे फ्रिज में रखकर ठंडा कर लें। अब इस कपड़े से बच्चे के मसूड़ों पर मसाज करें।
बच्चे के जीभ और मसूड़ों की रोज सफाई करें। इसके लिए एक सूती कपड़े को पानी में भिगों लें, फिर इस कपड़े को निचोड़कर अपनी उंगली में लपेटकर बच्चे के मुंह में डालें और गोलाई में घुमाते हुए साफ करें।
टीथिंग रिंग एक खिलौना होता है। इसे चबाने से मसूड़ों का दर्द कम होता है। बच्चे को बेबी टूथर्स या टीथिंग रिंग देने से पहले उसे ठंडा कर लें। इससे बच्चे के मसूड़ों को ज्यादा ठंडक की वजह से आराम मिलेगा। साथ ही, बच्चे के लिए स्वच्छता के नियम का भी पालन करें।
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दांत के आने के समय में बच्चे के गालों में दर्द होता है, उनके कानों में भी दर्द होता है। ऐसे में बच्चे के चेहरे की हल्के हाथों से सर्कुलर मोशन में मालिश (बच्चे की मालिश के लिए 5 तरह के तेल) करें। इससे बच्चे को आराम मिलेगा। ऐसे में उसके दर्द को कम करने के लिए दवा की जगह इन घरेलू उपायों को अपनाएं।
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