कोविड-19 के कारण पूरे विश्व में हालात काफी खराब है और इसका असर बच्चों के वैक्सीनेशन पर भी देखने को मिल रहा है। यूनिसेफ के मुताबिक कोविड-19 की वजह से बच्चों का नियमित वैक्सीनेशन नहीं हो पा रहा है। वहीं, बच्चों को दिए जाने वाले जरूरी वैक्सीनेशन को लेकर पेरेंट्स भी काफी परेशान है, उन्हें समझ नहीं आ रहा की ऐसे में बच्चे को वैक्सीनेशन कैसे दिलाएं। आज की तारीख में पेरेंट्स को दो तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। एक तो वैक्सीनेशन की सुविधा उपलब्ध ना होना और दूसरा अगर उपलब्ध हो भी जाए तो अपने बच्चे को कैसे सुरक्षित हॉस्पिटल तक ले जाए और कितने सुरक्षित तरीके से वैक्सीनेशन दिलवाएं। कोविड-19 के खौफ के कारण पेरेंट्स अपने बच्चों को हॉस्पिटल या क्लीनिक ले जाने से डर रहे हैं।
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वहीं, लॉकडाउन के कारण वैक्सीनेशन का निर्माण और आयात-निर्यात नहीं हो पा रहा है, जिससे हॉस्पिटल में वैक्सीनेशन नहीं मिल रहे हैं। इसके अलावा कई स्वास्थ्य सुविधा केंद्र भी बंद हैं जहां लाखों बच्चों का टीकाकरण किया जाता है। अगर पेरेंट्स किसी तरह से हिम्मत जुटाकर हॉस्पिटल या क्लीनिक तक चले भी जाते हैं तो उनको निराशा ही हाथ लग रही है क्योंकि हॉस्पिटल में वैक्सीनेशन सुविधा उपलब्ध नहीं है। कोविड-19 के खतरे के बीच मुझे भी अपने 6 महीने के बच्चे का वैक्सीनेशन करवाना था और मैंने इन सावधानियों को अपनाकर बच्चे की सुरक्षा को सुनिश्चित किया, जिसे मैं आपके साथ साझा कर रही हूं।
हॉस्पिटल जाने से पहले ये पूरी तरह से सुनिसचिंत कर लें कि आप जिस वैक्सीन को दिलवाने के लिए उसे ले जा रही है उसकी बुकिंग पहले से कर ली गई हो ताकि वहां पहुंचने के बाद किसी तरह की परेशानी ना हो।
लेकिन ऐसे में भी अगर आपको अपने बच्चे का वैक्सीनेशन करवाना है और संयौगवश आपको ऐसा हॉस्पिटल या क्लीनिक मिल जाता है तो आप अपने बच्चे को इस संक्रमण के दौर में कैसे सुरक्षित लेकर जाएंगी ये जान लेना आपके लिए बेहद जरूरी है। तो आइए जानते है की आपको अपने बच्चे को वैक्सीनेशन के लिए ले जाते हुए कौन-कौन सी बातों का ध्यान देना है। जिससे आपका बच्चा रहे बिल्कुल सुरक्षित।
हॉस्पिटल जाने के लिए किसी भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल ना करें। टैक्सी या कैब में अपने बच्चे को ना लेकर जाएं क्योंकि इनमें हाईजिन की कोई गारंटी नहीं होती। चुंकि आपका बच्चा अभी बहुत छोटा है इसलिए उसे संक्रमण का खतरा ज्यादा बना रहता है। अगर हो सके तो अपने निजी वाहन से ही हॉस्पिटल जाएं या अगर हॉस्पिटल पास हो तो पैदल ही जाएं।
जब आप डॉक्टर के क्लीनिक पहुंचे तो बच्चे के साथ तब तक क्लीनिक के बाहर खड़े रहे जब तक की आपका नंबर ना आ जाए। आपके साथ गए दूसरे व्यक्ति को आप अन्य जानकारियों के लिए अंदर भेज सकती है।
जब आप डॉक्टर के क्लीनिक पहुंचे तो कोशिश करें की बच्चा आपकी गोद में ही रहे, उसे कही किसी जगह पर ना सुलाए। कयोंकि आपको नहीं पता की वहां रखी चीजें कितनी हाइजीनिक है। खासकर हॉस्पिटल जैसी जगहों में कई तरह के मरीज आते है, जिससे संक्रमण का खतरा बना रहता है।
वैक्सीनेशन से पहले बच्चे का वजन तौला जाता है लेकिन इस बार आप अपने बच्चे का वजन ना तौलने दें, क्योंकि वेट मशीन से भीसंक्रमण का खतरा बड़ सकता है।
बच्चे को बेड पर ना लेटाएं बल्कि अपनी गोद में रखकर ही इंजेशन दिलवाएं। ऐसे में इस बात की भी कोशिश करें की डॉक्टर के अलावा किसी और से बच्चे का संर्पक ना हो। किसी अन्य व्यक्ति की गोद में बच्चे को ना दें।
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वहीं, घर वापस आने के बाद बच्चे को अच्छे से सेनेटाइज करें। इसके लिए सबसे पहले आप अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं और अपने कपड़ों को तुरंत बदल दें, फिर बच्चे के सारे कपड़े उतारे और उसके पुरे शरीर को गीले कॉटन से साफ करें।इसके बाद उसे साफ कपड़े पहनाएं।
वैसे, ज्यादातर हॉस्पिटल और क्लीनिक हाईजिन का ध्यान रख रहे है और इन जगहों को सेनेटाइज किया जा रहा है फिर भी आप अपनी तरफ से किसी भी तरह की कोताही ना बरतें।
Photo courtesy- (freepik.com)
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