घर से बाहर कदम रखने के साथ महिलाएं भले ही आज अपने हुनर और मेहनत से विभिन्न क्षेत्रों में जीत हासिल की हैं लेकिन तनाव से हार गई हैं। जी हां विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी के कारण जहां एक ओर महिलाएं आर्थिक, सामाजिक एवं पारिवारिक रूप से अधिक सक्षम हुई है लेकिन तनाव ने उनको घेर रखा है।
आज बदलती लाइफस्टाइल के कारण महिलाओं को दोहरी भूमिका निभानी पड़ती हैं। और इस दोहरी जिम्मेदारी के चलते तनाव के कारण वह पहले की तुलना में तेजी से हार्ट डिजीज से घिर रही है। यही कारण है कि आज हार्ट डिजीज महिलाओं के लिये नंबर वन किलर बन गया है।
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हालांकि कई लोगों का मानना है कि दिल पुरुषों की बीमारी हैं लेकिन एक नई रिसर्च के अनुसार तनाव के कारण हार्ट डिजीज महिलाओं में अधिक तेजी से बढ़ रहा है। रिसर्च से पता चला है कि महिलाओं में mental stress के कारण हार्ट डिजीज की आशंका पुरुषों की तुलना में कई गुना अधिक होती है। जॉर्जिया स्थित इमोरी यूनीवर्सिटी में हुए शोध में हार्ट अटैक झेल चुकी महिला मरीजों के आंकड़ों पर अध्ययन किया गया।
इस अध्ययन में कहा गया है कि mental stress के कारण myocardial ischemia की समस्या हो जाती है। इसके कारण हार्ट की मसल्स में ब्लड सर्कुलेशन असंतुलित हो जाता है। यह शोध अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में प्रकाशित हुआ है।
क्या कहती है रिसर्च
इसमें कहा गया है कि हार्ट डिजीज से जूझ रही महिलाओं को उबरने के लिए पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। Mental stress भी पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं के heart health को अधिक प्रभावित करता है। इससे पहले हुए शोध में यह तो साबित हुआ था कि mental stress से महिलाओं को हार्ट डिजीज का खतरा अधिक होता है, लेकिन किस हद तक यह स्पष्ट नहीं हुआ था।
प्रमुख शोधकर्ता Viola Vaccarino का कहना हैं कि myocardial ischemia में heart की मसल्स में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है। यह हार्ट arteries के पूरी तरह अवरुद्ध होने के कारण हो सकता है। इस शोध के लिए हार्ट अटैक के कारण अस्पताल पहुंचने वाली 61 साल की उम्र की डेढ़ सौ महिलाओं और 156 पुरुषों के आंकड़ों का अध्ययन किया गया।
Viola Vaccarino का कहना हैं कि महिलाएं इस्कीमिया के प्रति अधिक संवेदनशील इसलिए होती हैं क्योंकि उनकी छोटी blood arteries में प्रवाह बाधित हो जाता है। यह स्थिति अक्सर mental stress के कारण उत्पन्न होती है। इस कारण महिलाओं में कोई लक्षण न होने के बावजूद ischemia की आशंका अधिक रहती है।
असंतुलित सर्कुलेशन है दुश्मन
Myocardial ischemia तब होता है जब आपके हार्ट में ब्लड फ्लो कम हो जाता है, इसे पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त करने से रोकता है। यह हार्ट arteries (coronary arteries) में आंशिक या पूरी तरह अवरुद्ध होने के कारण हो सकता है।
Myocardial ischemia, जिसे cardiac ischemia भी कहते हैं, आपकी हार्ट मसल्स को नुकसान पहुंचा सकती है जिससे कुशलतापूर्वक पंप करने की क्षमता कम हो जाती है। और एक कोरोनरी artery के अचानक, गंभीर रुकावट से हार्ट अटैक पड़ सकता है। Myocardial ischemia भी serious abnormal heart rhythms का कारण हो सकता है।
Myocardial ischemia के ट्रीटमेंट में हार्ट की मसल्स में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करना शामिल है। उपचार में दवाओं, अवरुद्ध धमनियों को खोलने या बाईपास सर्जरी की प्रक्रिया शामिल है। Myocardial ischemia के उपचार और इसे रोकने के लिए हार्ट-हेल्दी लाइफस्टाइल अपनान बहुत जरूरी है।
अधिक उम्र की महिलाओं में हार्ट डिजीज की चपेट में आने की आशंका अधिक रहती है। हालांकि सभी उम्र वर्ग की महिलाओं को हृदय रोग के बारे में सतर्क रहना चाहिए। सभी महिलाएं हेल्दी लाइफस्टाइल की आदतों को अपनाकर इस बीमारी की रोकथाम के कदम उठा सकती हैं।
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