herzindagi
postpartum care myths busted

डिलीवरी के बाद हर मां को करना पड़ता है इन मिथ्स का सामना

जब एक महिला मां बनती हैं तो उसे कई तरह के मिथ्स का सामना करना पड़ता है।   
Editorial
Updated:- 2022-11-04, 11:49 IST

कहा जाता है कि मां बनना किसी भी स्त्री के लिए दुनिया का सबसे खूबसूरत अहसास है। एक नन्हीं सी जान को जन्म देना वास्तव में खुद स्त्री के लिए दूसरे जन्म के बराबर होता है। प्रेग्नेंसी में तो महिला को अपना ख्याल रखना ही होता है। प्रसव के बाद तो उसे खुद का अपना अधिक ख्याल रखने की जरूरत होती है, ताकि बच्चे का स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहे।

हम सभी ने अपने घर में देखा है कि एक नई मां या जच्चा का विशेष रूप से ख्याल रखा जाता है। उसे खाने से लेकर नहाने तक कई तरह के नियमों का पालन करना होता है, ताकि महिला का शरीर प्रसव के बाद तेजी से रिकवर हो सके। हालांकि, उन बातों में कितनी सच्चाई होती है, इसके बारे में कोई नहीं जानता। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको पोस्टपार्टम केयर से जुड़े कई तरह के मिथ्स और उनकी सच्चाई के बारे में बता रहे हैं-

मिथक 1- हर महिला को डिलीवरी के बाद डिप्रेशन होता है

woman has depression after delivery

सच्चाई- यह सच है कि अधिकतर महिलाओं को डिलीवरी के बाद बेबी ब्लूज या डिप्रेशन का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन हर महिला के साथ ऐसा ही हो, यह जरूरी नहीं है। यहां तक कि कुछ लोग बेबी ब्लूज़ को भी डिप्रेशन समझ लेते हैं, जबकि ये दोनों पूरी तरह से अलग हैं। बेबी ब्लूज कुछ ही दिनों में स्वाभाविक रूप से दूर हो जाते हैं। जबकि पोस्टपार्टम डिप्रेशन को दूर करने के लिए एक्सपर्ट की जरूरत पड़ सकती है।

इसे भी पढ़ें-डिलीवरी के 4 हफ्ते बाद आपको भी हो रहा है डिप्रेशन तो जानें कारण

मिथक 2- मां जितना अधिक दूध का सेवन करेगी, स्तनपान का अनुभव उतना अच्छा होगा

सच्चाई- नई मां के लिए दूध का सेवन करना अच्छाहै, क्योंकि यह वसा और प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है। लेकिन फिर भी इसे सीमित मात्रा में ही लिया जाना चाहिए। लगभग 150 मिलीलीटर दूध दिन में दो बार लेना पर्याप्त है। आपको दूध के अलावा अपने अन्य आहार पर भी ध्यान देना चाहिए। सिर्फ दूध से स्तनपान बेहतर होगा, यह सोचना ठीक नहीं है।

यह विडियो भी देखें

मिथक 3- अगर मां बीमार है तो वह स्तनपान ना करवाए

Do not breastfeed mother is sick

सच्चाई- यह एक कॉमन मिथ है, जिसे अधिकतर महिला सच मानती हैं। उन्हें लगता है कि अगर वे बीमार हैं, तो उन्हें स्तनपान नहीं करवाना चाहिए, क्योंकि इससे शिशु भी बीमार हो जाएगा। जबकि ऐसा नहीं है। ज्यादातर समय, बीमार होने पर बच्चे को दूध पिलाना बिल्कुल ठीक होता है क्योंकि स्तनपान के माध्यम से आपके बच्चे में संक्रमण फैलने की कोई संभावना नहीं होती है। अगर फिर भी आपके मन में संशय है तो आप एक बार डॉक्टर की सलाह ले सकती हैं।(ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इन चीजों का न करें सेवन)

मिथक 4- डिलीवरी के बाद महिला को ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए

सच्चाई- यह भी एक पॉपुलर मिथ है। अक्सर प्रसव के बाद जच्चा के कमरे में एक लोटा पानी का रखा जाता है और उसे पूरे दिन में केवल उतना ही पानी पीने की अनुमति होती है। ऐसा माना जाता है कि प्रसव के बाद अधिक पानी पीने से महिला का पेट फूल जाएगा। जबकि यह बिल्कुल मिथक है। नई माताओं के लिए पानी का सेवन महत्वपूर्ण है ताकि वे अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहें। उनके शरीर को अच्छी तरह से काम करने और अपने बच्चे की देखभाल करने के लिए दिन में कम से कम 3-4 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। अगर महिला कम पानी पीती है, तो इससे उसके शरीर में रक्त के थक्के बन सकते हैं।(डिलीवरी के बाद अमृत है अजवाइन का पानी)

इसे भी पढ़ें-इन तीन कारणों से कम नहीं होता डिलीवरी के बाद महिलाओं का वजन

तो अब आप भी किसी मिथ पर भरोसा करने से पहले उसकी सच्चाई जानने का प्रयास करें। आपकी इस विषय पर क्या राय है, हमें कमेंट बॉक्स में अवश्य बताइएगा।

अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकीअपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Image Credit- freepik

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।