
क्या आप जानती हैं कि आपकी आंखें सिर्फ दुनिया को देखने का जरिया नहीं, बल्कि आपके संपूर्ण स्वास्थ्य, खान-पान और भावनात्मक संतुलन का आईना हैं? आज के डिजिटल युग में आंखें लगातार स्क्रीन के स्ट्रेन से जूझ रही हैं। ऐसे में आंखों को प्राकृतिक उपचार और पोषण देना बेहद जरूरी है। डॉक्टर मनदीप सिंह बसु (डायरेक्टर, डॉक्टर बसु आई केयर सेंटर) बताते हैं कि आयुर्वेद में आंखों की देखभाल को स्वास्थ्य का हिस्सा माना जाता है। आज हम आपको 5 ऐसे आयुर्वेदिक और लाइफस्टाइल से जुड़े आसान उपाय बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपनी आंखों की रोशनी को सही बनाए रख सकती हैं।
आयुर्वेद में त्रिफला को आंखों के लिए वरदान माना गया है। एक्सपर्ट की सलाह से त्रिफला घृत का इस्तेमाल करें। इसे औषधीय घी माना जाता है।

त्रिफला घृत को डाइट में शामिल करने या बाहरी रूप से इस्तेमाल करने से आंखों को पोषण मिलता है, तनाव कम होता है और यह आपकी दृष्टि को बनाए रखने में मदद करता है। इसका इस्तेमाल हमेशा किसी एक्सपर्ट की देख-रेख में ही करना चाहिए।
यह आंखों की थकान और जलन को शांत करने का सबसे आसान और अच्छा उपाय है। साफ रुई या कॉटन पैड को ठंडे गुलाब जल में भिगोएं। इन्हें अपनी बंद पलकों पर 5 से 10 मिनट के लिए रखें। ठंडी सिकाई करने से आंखों की जलन, रेडनेस और थकान को तुरंत कम करती है। गुलाब जल आंखों को ठंडक और ताजगी देता है।
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यह नियम डिजिटल उपकरणों के कारण होने वाले आई स्ट्रेन को कम करने के लिए सबसे जरूरी है। इसके लिए, हर 20 मिनट के बाद, 20 सेकंड के लिए अपनी आंखों को 20 फीट (लगभग 20 कदम) दूर रखी किसी चीज पर टिकाएं।

यह आंखों की मांसपेशियों को आराम देता है, उन्हें लचीला बनाए रखता है और लंबे समय तक स्क्रीन पर देखने से होने वाले थकान को कम करता है।
आपकी आंखों का पोषण आपकी थाली से आता है। अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां (जैसे पालक), बादाम, शुद्ध देसी घी और आंवला जरूर शामिल करें। ये सभी फूड्स एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, जो आंखों को पोषण देते हैं और रेटिना के काम को सही रखने में मदद करते हैं। विशेष रूप से आंवला, विटामिन-सी का भंडार होने के कारण आंखों के लिए फायदेमंद होता है।
रोज योग और ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। ये ब्लड सर्कुलेशन को सुधारते हैं और शरीर में तनाव को कम करते हैं, जिसका सीधा असर आंखों पर पड़ता है और थकान कम होती है।

डॉक्टर बसु सलाह देते हैं कि भले ही आयुर्वेद सपोर्टिव सिस्टम के रूप में काम करता है, लेकिन अगर आपको लगातार दर्द, ड्राईनेस या धुंधला दिखाई देने जैसी समस्या है, तो हमेशा आंखों के डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए। सेल्फ मेडिकेशन खतरनाक हो सकता है।
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