उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं क्योंकि उनमें कैल्शियम का लेवल कम होने लगता है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस नामक बीमारी हो सकती है और हड्डियों कमजोर होने के कारण फ्रैक्चर होने की संभावनाएं भी बढ़ सकती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस यानी हड्डियों का कमजोर होना एक ऐसी समस्या है, जिसका उम्रदराज लोगों को अधिक सामना करना पड़ता है। 50 साल की उम्र के बाद हर तीन में एक महिला को इस समस्या का सामना करना पड़ता है। ये समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होती है।
आंकड़े बताते हैं कि पूरी दुनिया में हर तीन में से एक महिला को फ्रैक्चर होने का जोखिम बना रहता है। इसलिए इस समस्या के बारे में तथा इससे बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी हो जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी, जिसमें हड्डियों की गुणवत्ता और घनत्व कम होने लगता है। दरअसल हमारी हड्डियां कैल्शियम, फॉस्फोरस और प्रोटीन के अलावा कई प्रकार के मिनरल्स से बनी होती हैं। लेकिन खराब लाइफस्टाइल और बढ़ती उम्र के साथ ये मिनरल नष्ट होने लगते हैं, जिस वजह से हड्डियों का घनत्व कम होने लगता है और वे कमजोर होने लगती हैं। कई बार तो हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि कोई छोटी सी चोट भी फ्रैक्चर का कारण बन जाती है। लेकिन परेशान ना हो क्योंकि मेडिटेरेनियन डाइट से इस समस्या को दूर किया जा सकता है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि एक नई रिसर्च से पता चला है।
महिलाओं पर की गई रिसर्च
ब्राजील में ऐसी महिलाओं पर एक शोध किया गया है, जो कि पोस्ट मेनोपोज कि स्थिति से गुजर रही है। महिलाओं में पीरियड्स बंद हो जाने के बाद कि स्थिति को पोस्ट मेनोपॉज कहा जाता है और एस्ट्रोजन का लेवल घटने लगता है। जिससे महिलाओं के reproduction और sexual health पर बुरा असर पड़ता है।
रिसर्च का खुलासा
शोधकर्ताओं का कहना है कि मेडिटेरेनियन डाइट ऑस्टियोपोरोसिस या हड्डियों की कमजोरी की समस्या को सही करने का गैर-चिकित्सक तरीका है। पोस्ट मेनोपॉज से गुजर रही महिलाओं को अपने डॉक्टर से इसी आहार को अपनाने से संबंधित सलाह लेनी चाहिए। इस शोध में सामान्यतः 55 वर्ष की आयु और 5.5 साल से पोस्ट मेनोपॉज की स्थिति से गुजर रही 103 महिलाओं पर रिसर्च की गई। इसके बाद पाया गया कि मेडिटेरेनियन डाइट का सेवन करने वाली महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस या हड्डियों के पतले होने की समस्या को कम किया जा सकता है।
क्या है मेडिटेरेनियन डाइट
मेडिटेरेनियन डाइट का मतलब मेडिटेरेनियन देशों के आहार से है। इसमें फलों, सब्जियों, अनाज, आलू, ऑलिव ऑयल, सीड्स, फिश, लो सैचुरेटड फैट, डेयरी प्रोडक्ट और रेड मीट की अधिकता होती है। ये आपके मसल मास और हड्डियों को मजबूत करने में कारगर है।
शोधकर्ता ताइस रासिया सिल्वा का कहना है कि मेडिटेरियन डाइट महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम करने के साथ उनके हॉर्मोन बैलेंस को भी बनाए रखने में मदद करता है। सिर्फ यही नहीं मेडिटेरियन डाइट दिल की बीमारियां, डायबिटीज, कैंसर और क्रॉनिक बीमारियों के खतरे को भी कम करने में मददगार है।
ये कैसे काम करती है?
इसमें कोलेस्ट्रॉल कम होता है क्योंकि इसमें फिश, कम मात्रा में रेड मीट और हार्ट हेल्दी रेड वाइन होती है। साथ ही इसमें अनाज, फलों, सब्जियों और नट्स बहुत अधिक मात्रा में होता है जो इसे फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और मिनरल से भरपूर बनाता है। और यह सभी चीजें हमारी इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं। इसमें शामिल ऑलिव ऑयल monosaturated fats से भरपूर होने के कारण आपके हार्ट के लिए अच्छा है। इसके अलावा दही में मौजूद हेल्दी बैक्टीरिया हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए अच्छा होता है।
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