दिवाली में आतिशबाजी यानी कि पटाखे एक आनंददायक हिस्सा होता है, जो सभी में खुशी की भावना भरता है, खासकर बच्चे पटाखे देखकर खुश हो जाते हैं। लेकिन ये आंखों के लिए गंभीर खतरे पैदा कर सकते हैं। आतिशबाजी की तेज आवाज और चमकीले प्रकाश सही तरीके से न संभाले जाए तो खतरनाक हो सकते हैं,और बच्चे खास कर इसकी चपेट में आ सकते हैं, खासकर बच्चे आंखों की चोटों के प्रति संवेदनशील हो ते हैं।
इससे आंखों को दीर्घकालीन प्रभाव पड़ सकता है। आइए जानते हैं पटाखों से आंखों को क्या क्या नुकसान हो सकते हैं, इसको लेकर डॉक्टर नीरज संदूजा, एमबीबीएस, एमएस ओफ्थल्मोलॉजिस्ट एंड ऑय सर्जन, विआन ऑय एंड रेटिना सेंटरजानकारी साझा कर रहे हैं।
आतिशबाजी से बच्चों को हो सकते हैं ये नुकसान
- आतिशबाजी आंखों को गंभीर चोटें पहुंचा सकते हैं, खासकर के जो बच्चे पटाखों को नजदीक से जलाते हैं। चिंगारी, मलबा या विस्फोट आंखों में जलन, कट या अन्य प्रकार की चोटें ला सकते हैं। जो आंखों को लंबे समय तक नुकसान पहुंचा सकती हैं।
- गंभीर मामलों में आतिशबाजी से चोट लगने पर दृष्टि का आंशिक या पूरा नुकसान हो सकता है। आंखों का कॉर्निया चोटिल हो सकता है। इससे बच्चों की देखने की क्षमता पर काफी असर पड़ता है। कभी-कभी नुकसान भरने लायक भी नहीं होता है
- एक्सपर्ट बताते हैं कि कई बार आतिशबाजी से लगने वाली छोटी तुरंत लक्षण नहीं देखती। बच्चा शुरू में ठीक लग सकता है, लेकिन कुछ हफ्तों या महीनों के बाद उसे धुंधली दृष्टि या रोशनी के प्रति संवेदनशीलता जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- आतिशबाजी से आंखों के पीछे मौजूद रेटिना को गंभीर नुकसान हो सकता है। रेटिना की चोटें लंबे समय तक दृष्टि संबंधी समस्याएं पैदा कर सकती हैं और अगर गंभीर नुकसान हो तो इससे अंधापन भी हो सकता है।
- एक्सपर्ट बताते हैं कि आतिशबाजी के विस्फोट से उड़ने वाला मलबा आंखों में जा सकता है, जिससे संक्रमण हो सकता है, इसका इलाज करना मुश्किल हो सकता है और अगर ध्यान नहीं दिया गया तो लंबे समय तक आंखों की समस्याएं पैदा हो सकती है।
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- आतिशबाजी से निकलने वाली चिंगारी बहुत गर्म होती है और एक छोटी सी चिंगारी भी आंख के नाजुक हिस्सों को जला सकती है,जलने से स्थायी दाग हो सकते हैं जो सामान्य दृष्टि में बाधा डाल सकते हैं।
- आतिशबाजी के शक्तिशाली विस्फोट आंखों की मांसपेशियों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं जो आंखों की गतिविधियों को नियंत्रित करती है।
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