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कोरोना वायरस के इन 12 Myths का शिकार तो नहीं हैं आप, एक्‍सपर्ट से जानिए सच्‍चाई

चीन के वुहान से शुरू हुआ घातक और रहस्‍यमय कोरोना वायरस दुनियाभर में अपने पैर पसार चुका है। WHO द्वारा COVID-19 को महामारी के रूप में घोषित कर दिया है। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखकर लोगों में इस वायरस को लेकर डर और चिंता बढ़ती जा रही है। कोरोनावायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। दुनियाभर में इस वायरस को लेकर दहशत का माहौल है। कोरोनावायरस को लेकर कई तरह के मिथ फैल रहे हैं। इसकी वजह है कि इस बारे में ज्‍यादातर लोगों के पास सही जानकारी का अभाव है। लेकिन इस बीमारी को लेकर, डॉक्‍टर विजय डिविल्वा, डायरेक्टर -मेडिकल अफेयर्स एंड क्रिटिकल केयर, एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट, मुंबई ने कुछ व्हाट्सएप मिथकों का भंडाफोड़ किया है जो इस वायरस के बारे में फैल रहे हैं। आइए इन मिथ और इनसे जुड़ी सच्‍चाई के बारे में जानें। 

Pooja Sinha

Editorial

Updated:- 28 Apr 2020, 14:04 IST

मिथ 1: बार-बार पानी पीने से वायरस बाहर निकल जाएगा, और पेट के एसिड वायरस को मार देंगे।

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सच्चाई: यह बात बिल्कुल सच नहीं है। इस तर्क का मतलब है कि किसी को भी गले में खराश या फ्लू वायरस को धो सकता है और नहीं होगा। लगातार पीने का पानी गले से वायरस को नहीं मार सकता है। एक बार जब वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है, तो पानी की खपत की कोई भी मात्रा इससे छुटकारा पाने में मदद नहीं करेगी।

मिथ 10: नॉस्ट्रिल में गर्म हवा भरने से वायरस से छुटकारा पाने में हेल्‍प मिलती है।

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सच्चाई: इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं है। एक बार अनुबंधित होने के बाद, वायरस केवल सतह पर नहीं रहता है। यह शरीर में प्रवेश करता है और वायरस के कण सेल्‍स पर आक्रमण करते हैं।

मिथ 11: लहसुन खाने से कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने में हेल्‍प मिलती है।

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सच्चाई: लहसुन में एंटीसेप्टिक गुण होते है लेकिन इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि यह शरीर को वायरस से बचाता है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि लहसुन एक हेल्‍दी फूड है जिसमें कुछ एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं। हालांकि, वर्तमान प्रकोप से कोई सबूत नहीं है कि लहसुन खाने से लोगों को कोरोनोवायरस से बचाया गया है। 

मिथ 12: गाय के गोबर में नहाने और गोमूत्र के सेवन से COVID-19 को रोका जा सकता है।

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सच्चाई: इस श्वसन संक्रमण के खिलाफ मुकाबला करने के इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई बायोकेमिकल या वैज्ञानिक आधार नहीं है।

मिथ 2: गहरी सांस लेकर इसे 10 सेकंड से अधिक समय तक रोकना मतलब आपको कोरोना नहीं है।

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सच्चाई: ज्‍यादातर लोगों का मानना है कि गहरी सांस लेकर अपनी सांस को 10 सेकड से अधिक समय तक रोकें। अगर आप इसे बिना खांसी, बिना किसी परेशानी, जकड़न के सफलतापूर्वक पूरा करते हैं, तो यह साबित होता है कि फेफड़ों में फाइब्रोसिस नहीं है, यह साबित करता हैं कि आपका संक्रमण नहीं है। लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, और न ही सही है। COVID 19 संक्रमण वाले कई लोग स्पर्शोन्मुख हैं। एक ही समय में गहरी सांस लेते हुए खांसी होना फाइब्रोसिस का संकेत नहीं देता है, लेकिन हो सकता है कि वायुमार्ग से जलन हो। यह किसी भी वायुमार्ग संक्रमण में हो सकता है।

मिथ 3: कोरोना वायरस निमोनिया में ड्राई खांसी होती है लेकिन नाक का बहना शामिल नहीं है।

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सच्चाई: माना जाता है कि अगर आपकी नाक बहती है और थूक भी आती है तो यह कॉमन कोल्‍ड के लक्षण है। कोरोना वायरस निमोनिया में ड्राई खांसी होती है लेकिन नाक का बहना शामिल नहीं है। बहती नाक भी फ्लू के अलावा अन्य कारणों से हो सकती है। हां, जबकि COVID 19 संक्रमण वाले कई रोगियों को सूखी खांसी होती है, कुछ को लगातार खांसी हो सकती है। 

मिथ 4: COVID 19 को हॉस्पिटल में ले जाने पर फेफड़ों में 50 प्रतिशत फाइब्रोसिस होता है।

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सच्चाई: माना जाता है कि जब तक आपको गहरी सांस लेने और खांसी से पीड़ित होने या सीओवीआईडी 19 वाले रोगी को हॉस्पिटल में भर्ती किया जाता है, तब तक फेफड़ों की 50 प्रतिशत फाइब्रोसिस होता है और बहुत देर हो चुकी होती है। यह बिलकुल सच नहीं है। COVID 19 संक्रमण वाले रोगियों में बहुत कम प्रतिशत फेफड़ों के फाइब्रोसिस विकसित होता है। 80% रोगियों में कोई भी लक्षण नहीं या हल्के लक्षण होते हैं, 15% में गंभीर लक्षण होते हैं और 5% को गहन देखभाल या वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत है।

मिथ 5: बॉडी पर अल्‍कोहल छिड़कने से COVID 19 को रोका जा सकता है।

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सच्चाई: इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। लेकिन बार-बार हाथ धोने और अल्कोहल आधारित सैनिटाइज़र (60% अल्कोहल की मात्रा के साथ) के साथ अपने हाथ को साफ करने से संक्रमण को कम करने में हेल्‍प मिलेगी।

मिथ 6: अल्‍कोहल लेने से वायरस को मारा जा सकता है।

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सच्चाई: अल्‍कोहल का सेवन वायरस को रोकने या उसका इलाज करने में हेल्‍प नहीं करता है। हालांकि, अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का इस्‍तेमाल करना निश्चित रूप से वायरस से बचाने में मदद करेगा।

मिथ 7: संक्रमित व्यक्ति से वायरस को संक्रमित होने में सिर्फ 10 मिनट लगते हैं।

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सच्चाई: संक्रमित व्यक्ति के साथ एक संक्षिप्त मुठभेड़ के कुछ सेकंड या मिनट के भीतर कोई भी संक्रमित हो सकता है। वायरस के संक्रमण के लिए कोई निश्चित समय अवधि नहीं है।

 

मिथ 8: नॉन-वेज के सेवन से संक्रमण हो जाएगा।

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सच्चाई: नॉन-वेज फूड के सेवन से कोरोनावायरस नहीं होता है और यह पूरी तरह से सुरक्षित है। कोई भी सबूत साबित नहीं करता है कि भोजन वायरस को प्रसारित कर सकता है। हालांकि, खपत से पहले मांस और अंडे को अच्छी तरह से धोना और पकाना बेहद जरूरी है।

मिथ 9: मास्क पहनना आपकी रक्षा करेगा।

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सच्चाई: हेल्‍दी लोगों द्वारा बिना किसी लक्षण के मेडिकल मास्क का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। केवल उन लोगों का निदान या संदेह किया जाता है और जो संक्रमित रोगियों या संदिग्ध रोगियों की देखभाल करते हैं, उन्हें मास्क पहनना चाहिए।