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World Diabetes day: क्या आपको पता है कि Type 1 और Type 2 diabetes में से कौन-सी ज्यादा खतरनाक है और क्यों?

जब हमारा इम्यून सिस्टम, पैनक्रियाज की सेल्स को डैमेज करने लगता है, तो टाइप-1 डायबिटीज होती है। वहीं टाइप 2 डायबिटीज तब होती है, जब हमारा शरीर इंसुलिन का इस्तेमाल सही से नहीं कर पाता है। टाइप-2 डायबिटीज ज्यादा कॉमन है। डायबिटीज का कौन-सा प्रकार  ज्यादा खतरना है, चलिए एक्सपर्ट से समझते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-11-14, 13:05 IST

World Diabetes Day हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है। इसका मकसद डायबिटीज के बारे में जागरूकता फैलाना और इससे बचने और इसे मैनेज करने के टिप्स के बारे में लोगों को जानकारी देना है। डायबिटीज के मामले आजकल लोगों में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। ज्यादातर लोगों को लगता है कि डायबिटीज सिर्फ मीठा खाने के कारण होती है, लेकिन ऐसा नहीं होता है। डायबिटीज दो प्रकार की होती है- टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज। इसमें टाइप 2 डायबिटीज ज्यादा कॉमन है। इन दोनों प्रकारों में कौन-सा प्रकार ज्यादा खतरनाक होता है, चलिए एक्सपर्ट से समझते हैं। इस बारे में डॉक्टर श्रेय श्रीवास्तव, सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन विभाग, शारदा हॉस्पिटल जानकारी दे रहे हैं।

Type 1 और Type 2 diabetes में से कौन-सी ज्यादा खतरनाक है और क्यों?

  • एक्सपर्ट का कहना है कि टाइप-1 डायबिटीज एक ऑटोइम्यून कंडीशन है, जब बॉडी का इम्यून सिस्टम पैनक्रियाज की इंसुलिन बनाने वाली सेल्स को डैमेज करने लगता है। यह आमतौर पर बचपन या किशोरावस्था में होती है।
  • जिन लोगों को टाइप-1 डायबिटीज है, उन्हें जीवनभर इंसुलिन थेरेपी लेने की जरूरत होती है। अगर इंसुलिन शॉट न लिए जाएं, तो डायबिटिक कीटोएसिडोसिस (DKA) हो सकती है। ऐसा तब होता है, जब शरीर में पर्याप्त इंसुलिन नहीं होता है। यह एक जानलेवा स्थिति हो सकती है।

diabetes controlling tea to balance blood sugar levels

  • टाइप-1 डायबिटीज को ज्यादा खतरनाक माना जाता है क्योंकि इसमें आमतौर पर पेशेंट को हर समय मॉनिटर करने और इंसुलिन मैनेजमेंट का ध्यान रखने की जरूरत होती है।
  • टाइप-2 डायबिटीज व्यस्कों में ज्यादा कॉमन है। यह खराब जीवनशैली के कारण होती है। मोटापा, गलत खान-पान और फिजिकल एक्टिविटी का कम होना, इसकी वजह बन सकता है। यह धीरे-धीरे डेवलेप होती है और इससे दिल की बीमारी, किडनी फेलियर और नर्व डैमेज की संभावना बढ़ जती है। अगर इसका सही से इलाज न किया जाए, तो आंखों की रोशनी भी जा सकती है।

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blood suagr level and insulin resistance

  • टाइप-2 डायबिटीज में शरीर इंसुलिन का इस्तेमाल सही तरीके से नहीं कर पाता है या इंसुलिन कम बनाता है। अगर लंबे समय तक ब्लड शुगर लेवल बढ़ा हुआ रहे, तो शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंच सकता है।
  • टाइप-1 डायबिटीज जहां शॉर्ट-टर्म जोखिम पैदा करती है, वहीं टाइप-2 डायबिटीज लॉन्ग टर्म दिक्कतों का कारण बन सकती है। दोनों की मामलों में हेल्दी लाइफस्टाइल, समय पर डायग्नोसिस, जागरूकता और डॉक्टर की सलाह पर सही इलाज बहुत जरूरी है।

 

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टाइप 1 और टाइप 2 दोनों ही प्रकार की डायबिटीज को पेशेंट को अपनी डाइट और लाइफस्टाइल का खास ख्याल रखना चाहिए। हर जिंदगी के वेलनेस सेक्शन में हम इसी तरह अपने आर्टिकल्स के जरिए स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के बारे में आप तक सही जानकारी पहुंचाने की कोशिश करते रहेंगे।
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Image Credit:Freepik

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