एक्यूआई बेहद खराब श्रेणी में है जो ना सिर्फ सेहत के लिए खतरनाक साबित हो रहा है बल्कि उनलोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है जो पहले से ही फेफड़ों से जुड़ी समस्या से जूझ रहे हैं। जिन लोगों को टीबी की शिकायत है उनके सेहत पर खराब हवा का क्या असर पड़ता है इसको लेकर हमने हेल्थ एक्सपर्ट से बात की। डॉ विभु कवात्रा इस बारे में जानकारी साझा कर रहे हैं।
खराब एक्यूआई टीबी के मरीजों के लिए कितना गंभीर है?
टीबी के मरीज के फेफड़े पहले से ही संक्रमित होते हैं जिससे वो प्रदूषकों के प्रभाव में जल्दी आते हैं। प्रदूषण में धूल, धुआं और जहरीली गैसों का मिश्रण होता है यह प्रदूषक तत्व श्वसन तंत्र में जाते हैं जो फेफड़ों में जलन,खांसी ,सांस रुकने की समस्या होती है।
अगर किसी व्यक्ति का टीबी का इलाज चल रहा हो और प्रदूषण की चपेट में आता है तो टीबी के इलाज में रुकावट डाल सकता है। फेफड़ों में और ज्यादा इंफ्लेमेशन हो सकता है जिससे टीबी बैक्टीरिया के प्रसार को और भी बढ़ावा मिल सकता है। प्रदूषण के संपर्क में मरीज आता है और स्थिति बिगड़ती है तो इलाज और भी जटिल हो सकता है।
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प्रदूषण की चपेट में आने से फेफड़ों पर ज्यादा दबाव पड़ता है जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है। इससे मरीज का मृत्युदर भी बढ़ सकता है।एक्सपर्ट बताते हैं कि टीबी के मरीजों की इम्यूनिटी बहुत ही कमजोर होती है और प्रदूषण की चपेट में आने से उनका स्तर और भी गिर सकता है। इसके कारण सामान्य गतिविधियों में रुकावट हो सकती है, जीवनशैली और गुणवत्ता में गिरावट आ सकती है।
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कैसे रखें ध्यान?
- घर से बाहर न निकलें
- इम्यूनिटी मजबूत करने वाली डाइट लें।
- पानी का खूब सेवन करें
- दवाएं वक्त पर लें।
- घर में एयर प्यूरीफायर लगाएं।
- जरा भी बेचैनी होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
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Image Credit- freepik
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