शरीर में होने वाले बदलावों को समझना और सही समय पर उन पर ध्यान देना बेहद जरूरी है, खासकर जब बात महिलाओं की हेल्थ की हो। बच्चेदानी महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम का जरूरी अंग है और इसमें होने वाला कोई भी असामान्य बदलाव को गंभीरता से लेना चाहिए। कभी-कभी बच्चेदानी में गांठ या ट्यूमर होने लगते हैं, जिनके बारे में सही जानकारी होना बेहद जरूरी है।
मेडिकवर हॉस्पिटल्स, खारघर, नवी मुंबई की अनुभवी कंसल्टेंट ऑब्स्टेट्रिशियन और गायनेकोलॉजिस्ट की डॉक्टर हिमानी गुप्ता ने बच्चेदानी में ट्यूमर से संबंधित जरूरी जानकारी शेयर की है। उनका कहना है, '' इन लक्षणों को पहचानना और समय रहते डॉक्टर से सलाह लेना जान बचाने वाला कदम साबित हो सकता है।'' लक्षणों के बारे में जानने से पहले बच्चेदानी में ट्यूमर क्या होता है?
बच्चेदानी में ट्यूमर क्या है?
बच्चेदानी में ट्यूमर का अर्थ है बच्चेदानी के अंदर या उसकी दीवारों पर सेल्स का असामान्य रूप से बढ़ना, जिससे एक गांठ जैसी बन जाती है। ये ट्यूमर कैंसर वाले या सौम्य भी हो सकते हैं। बच्चेदानी में होने वाले ट्यूमर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं-
- फाइब्रॉइड: यह सबसे आम तरह का ट्यूमर है, जो बच्चेदानी में पाया जाता है। फाइब्रॉइड आमतौर पर सौम्य होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे कैंसर वाले नहीं होते है और शरीर के अन्य हिस्सों में नहीं फैलते हैं। हालांकि, इनका आकार बढ़ सकता है और इसके होने पर शरीर में कई तरह के लक्षण दिख सकते हैं। फाइब्रॉइड अक्सर मसल्स के टिश्यू से बने होते हैं, जो बच्चेदानी की दीवारों में बढ़ते हैं। कई महिलाओं को बच्चेदानी में फाइब्रॉइड होते हैं, लेकिन सभी में लक्षण दिखाई नहीं देते हैं।
- बच्चेदानी का कैंसर: यह ज्यादा गंभीर कंडीशन है। इसमें बच्चेदानी के टिश्युओं में असामान्य सेल्स अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगते हैं। बच्चेदानी के कैंसर को एंडोमेट्रियल कैंसर भी कहते हैं, क्योंकि यह अक्सर बच्चेदानी की अंदरूनी परत (एंडोमेट्रियम) में शुरू होता है। यदि इसका इलान न किया जाए, तो यह खतरनाक ट्यूमर है, जो समय के साथ शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है।
बच्चेदानी में ट्यूमर के लक्षण क्या हैं?
बच्चेदानी में ट्यूमर के लक्षण हर महिला में अलग-अलग हो सकते हैं और ट्यूमर के प्रकार, आकार और स्थान पर निर्भर करते हैं। हालांकि, कुछ सामान्य और जरूरी चेतावनी संकेत हैं, जिन पर ध्यान देना बेहद रूरी है। डॉक्टर गुप्ता के अनुसार, सबसे आम और जरूरी लक्षण वजाइना से ब्लीडिंग है-
- वजाइना से ब्लीडिंग: यह बच्चेदानी में ट्यूमर का सबसे आम लक्षण है। इसका मतलब है कि ब्लीडिंग किसी भी समय और कहीं भी हो सकती है, चाहे आपके पीरियड्स का समय हो या न हो।
- मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग: यदि आपको मेनोपॉज के कुछ साल बाद भी ब्लीडिंग हो रही है, तो यह गंभीर चेतावनी संकेत है और इसे कभी भी इग्नोर नहीं करना चाहिए।
- पीरियड के बाद ब्लीडिंग: यदि आपको दो पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग होती है, यानी जब आपका पीरियड नहीं चल रहा होता है, तब भी ब्लड आता है, तो यह भी एक असामान्य लक्षण है।
- मेनोरेजिया: इसका अर्थ है हैवी और लंबे समय तक चलने वाले पीरियड्स। यदि आपको पीरियड के दौरान हैवी ब्लीडिंग होती है (आपको बार-बार पैड या टैम्पोन बदलने पड़ते हैं) या वे नॉर्मल से ज्यादा दिनों तक चलते हैं, तो यह भी चिंता का विषय हो सकता है।
बच्चेदानी में ट्यूमर अन्य सामान्य लक्षण
इन ब्लीडिंग संबंधी लक्षणों के अलावा, बच्चेदानी में ट्यूमर के कुछ अन्य सामान्य लक्षण भी हो सकते हैं-
- पेल्विक एरिया में दर्द: आपको पेल्विक एरिया में लगातार दर्द या भारीपन का अहसास हो सकता है। यह दर्द हल्का या तेज हो सकता है और फाइब्रॉइड के बड़े होने पर ज्यादा महसूस हो सकता है।
- पेट के निचले हिस्से में गांठ: ट्यूमर के बड़ा होने पर आपको अपने पेट के निचले हिस्से में एक गांठ या सूजन महसूस हो सकती है।
- बार-बार यूरिन आना या यूरिन में ब्लड: यदि ट्यूमर ब्लैडर पर प्रेशर डाल रहा है, तो आपको बार-बार यूरिन आने की इच्छा हो सकती है। कई महिलाओं के बच्चेदानी में ट्यूमर होने पर यूरिन से ब्लड भी आ सकता है।
- सेक्शुअल रिलेशन के दौरान दर्द: सेक्शुअल रिलेशन के दौरान दर्द या बेचैनी भी बच्चेदानी में ट्यूमर का एक लक्षण हो सकता है।
- बिना वजह वजन कम होना या थकान: यदि आपका वजन बिना किसी कारण के घटने लगे या लगातार ज्यादा थकान महसूस हो, तो यह भी एक चेतावनी संकेत हो सकता है, खासकर कैंसर के मामलों में।
बच्चेदानी में ट्यूमर से बचाव के लिए क्या करना चाहिए?
यदि आपको ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण या चेतावनी संकेत महसूस होते हैं, तो बिना किसी देरी के अपने डॉक्टर से सलाह लें। इन लक्षणों को कभी भी सामान्य समझकर इग्नोर न करें। याद रखें, समय पर पता लगना और उपचार रोगी के लिए जीवन रक्षक होता है।
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बच्चेदानी में ट्यूमर विशेष रूप से बच्चेदानी में कैंसर के शुरुआती स्टेज में पहचान और ट्रीटमेंट से बचाव हो सकता है। इसलिए, अपने शरीर के संकेतों के प्रति सचेत रहें और कोई भी असामान्य बदलाव दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
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Image Credit: Shutterstock and Freepik
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