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हमारे यहां भारत में मेहंदी का इस्तेमाल हमेशा श्रृंगार के लिए किया जाता है। शादी हो या कोई त्योहार, हाथों में मेहंदी जरूर रचाई जाती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये किसी गंभीर बीमारी का इलाज भी कर सकती है? जी हां, हाल ही में हुई एक स्टडी में इसका खुलासा हुआ है। आपको बता दें कि लिवर की बीमारियों को अक्सर ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है, क्योंकि ये धीरे-धीरे शरीर में बढ़ती हैं और जब तक लक्षण दिखें, तब तक हालत काफी बिगड़ चुकी होती है।
आजकल सबसे आम लिवर बीमारी फैटी लिवर (NAFLD या MASLD) तेजी से बढ़ रही है। इसकी वजह है हमारी गलत डाइट, मोटापा और दिनभर बैठे रहने वाली लाइफस्टाइल। फैटी लिवर की समस्या तब होती है जब लिवर की सेल्स में जरूरत से ज्यादा फैट जमा हो जाती है। शुरुआत में ये नुकसान नहीं करती, लेकिन समय के साथ ये लिवर इंफ्लेमेशन, फाइब्रोसिस (scarring), सिरोसिस या लिवर कैंसर तक पहुंच सकती है।
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अभी तक इस बीमारी का कोई पक्का इलाज नहीं है, लेकिन हाल ही में आई एक नई रिसर्च ने उम्मीद जगा दी है। जापान की Osaka Metropolitan University के वैज्ञानिकों ने अपनी स्टडी में बताया है कि मेहंदी के पौधे (Lawsonia inermis) में पाया जाने वाला एक नेचुरल कंपाउंड लॉसोन (Lawsone) लिवर को गंभीर नुकसान से बचाने में मदद कर सकता है।
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ये स्टडी जर्नल Biomedicine & Pharmacotherapy में प्रकाशित हुई है। इसमें बताया गया है कि लॉसोन लिवर फाइब्रोसिस (यानी लिवर में बनने वाले जख्म या स्कार) को रोकने और कुछ हद तक उलटने में भी मदद कर सकता है। रिसर्च टीम में शामिल एसोसिएट प्रोफेसर त्सुतोमु मात्सुबारा और डॉ. आत्सुको दाइकोकू ने चूहों पर सर्वे किया।
इस दौरान उन्होंने पाया कि लॉसोन से इलाज करने पर लिवर में बनने वाले जहरीले प्रोटीन (जैसे α-SMA, COL1A और YAP) का लेवल कम हुआ। वहीं एंटीऑक्सीडेंट से जुड़ा एक प्रोटीन CYGB बढ़ गया, जिससे लिवर सेल्स फिर से हेल्दी होने लगीं। इस दौरान ये भी देखा गया कि चूहों के लिवर टिशूज में सुधार हुआ और वे पहले से ज्यादा हेल्दी हो गए। इसका साफ मतलब है कि मेहंदी का ये कंपाउंड फाइब्रोसिस को रोकने के साथ-साथ स्कार्स को भरने में भी मदद कर सकता है।
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जब लिवर को लंबे समय तक नुकसान पहुंचता है तो लिवर की खास सेल्स (जिन्हें हेपेटिक स्टेलेट सेल्स कहते हैं) एक्टिव होकर ज्यादा स्कार टिशू बनाने लगती हैं। यही फाइब्रोसिस कहलाता है। धीरे-धीरे ये स्कार्स लिवर को बिगाड़ देते हैं, जिससे उसका कामकाज रुकने लगता है। आगे चलकर यही सिरोसिस या लिवर फेल्योर का कारण बन जाता है। लिवर फाइब्रोसिस तब होता है जब आप जरूरत से ज्यादा शराब पीती हैं। वहीं वायरल हेपेटाइटिस या फैटी लिवर की वजह से भी लिवर फाइब्रोसिस का खतरा बढ़ जाता है।
वैज्ञानिकों ने बताया कि रिसर्च अभी स्टार्टिंग फेज में है। अभी इंसानों पर इसका सर्वे करना बाकी है। हालांकि, ये खोज लिवर डिजीज के इलाज के लिए एक नई दिशा दिखाती है।
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