मानसून में बीमारियों से बचने के लिए अपनाएं ये आदतें

  • Aiman Khan
  • Editorial
  • Updated - 2024-07-05, 14:37 IST

मानसून के मौसम में डेंगू, चिकनगुना,डायरिया और अन्य तरह के संक्रमण से बचने के लिए आप इन हेल्दी हैबिट्स को फॉलो कर सकते हैं।

Hygiene Practices in monsoon season
Hygiene Practices in monsoon season

बरसात का मौसम हमारे लिए खुशी लाता है। हमें आराम और तरोताजा महसूस करता है। साल का यह ऐसा मौसम होता है जब हर वर्ग के लोगों को चाय और पकोड़े के साथ ठंडी हवा का आनंद लेने में मजा आता है। सभी साल भर इस वक्त का इंतजार करते हैं, लेकिन बारिश का मौसम न सिर्फ केवल खुशी और ठंडक का है बल्कि यह मलेरिया चिकनगुनिया डेंगू और अन्य तरह के संक्रमण हो जैसी जल जनित बीमारियों के बारे में भी है। अगर आप इन बीमारियों से बचना चाहते हैं तो आप कुछ हेल्दी हैबिट्स को फॉलो कर सकते हैं।

मानसून में बीमारियों से बचने के लिए अपनाएं ये आदतें

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  • मानसून के मौसम में खुद को बीमारियों से बचाना है तो आप यह सुनिश्चित करें कि किसी भी हाल में सार्वजनिक स्थानों से पानी नया पिएं, क्योंकि इसमें बैक्टीरिया और वायरस हो सकते हैं। साफ और स्वच्छ पानी पीकर आप खुद को बीमारियों से बचा सकते हैं। कोशिश यही करें कि आप जब भी पानी पिएं फिलटर या उबला हुआ पानी पिएं।
  • मानसून के मौसम में मच्छर जनित बीमारियां जैसे डेंगू और मलेरिया और चिकनगुनिया प्रचलित है। ऐसे में आप इससे बचने के उपाय का पालन करें। जैसे हमेशा मच्छरदानी लगाकर सोएं, आसपास साफ सफाई का ध्यान रखें, फुल स्लीव्स के कपड़े पहने, मॉस्किटो रेपेलेंट या क्रीम का इस्तेमाल जरूर करें.
  • कूड़े कचड़े का उचित ढंग से निपटारा करें और सुनिश्चित करें कि कूड़ेदानों के ढक्कन सही से बंद हों। फूलों के गमले,कूलरों और किसी भी तरह के कंटेनर में पानी जमा ना होने दें। जलजमाव को रोकने के लिए नालियों की सफाई जरूर करवाएं।

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  • मानसून के दौरान किसी भी तरह की स्ट्रीट फूड बिल्कुल भी नहीं खाएं। सड़क पर बिकने वाले खाद्य पदार्थ या कटे हुए फलों में हानिकारक परजीवी होते हैं जिसके कारण आप फूड प्वाइजनिंग, डायरिया, टाइफाइड के शिकार हो सकते हैं
  • खराब नींद आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को खराब कर सकता है। मानसून के दौरान आप बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। ऐसे में आप प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए हर रात 8 घंटे जरूर सोएं।

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Image Credit- freepik

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