ऐसे कई जोड़े होते हैं जो अपने घर में नन्हीं किलकारी सुनने के लिए बेताब रहते हैं। IVF, सरोगेसी, वास्तु उपाय ना जाने क्या-क्या अपनाने के बाद भी कई बार गुड न्यूज नहीं मिलती है। ऐसे समय पर अक्सर हम कई मिथकों पर यकीन करने लगते हैं। कई कोशिशों के बाद भी अगर कंसीव नहीं हो पा रहा है, तो हो सकता है कि आप देसी नुस्खों और तरीकों की ओर रुख कर लें। ऐसे हैक्स जो वॉट्सएप से लेकर फेसबुक तक दादी-नानी के नुस्खों के तौर पर फेमस होते हैं।
पर क्या इन हैक्स में कोई सच्चाई होती है? आपने अगर अक्षय कुमार और करीना कपूर की फिल्म 'गुड न्यूज' देखी है, तो शायद आपको याद हो कि उसके एक सीन में करीना संबंध बनाने के बाद पैरों को ऊपर करके लेट जाती हैं। ऐसा इसलिए ताकि वो कंसीव कर सकें। क्या वाकई इस तरह का कोई हैक है कि संबंध बनाने के बाद पैर ऊपर करने से महिलाएं कंसीव कर लेती हैं?
M.B.BS, MD (Obgyn) डॉक्टर अमीना खालिद ने इंस्टाग्राम पर इससे जुड़ी जानकारी शेयर की है।
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नहीं बिल्कुल नहीं। डॉक्टर अमीना का कहना है कि यह पूरी तरह से एक मिथक है और ऐसी कोई भी रिसर्च नहीं है जो इसे सच मान सके।
लोगों को ऐसा लगता है कि वेजाइना से सीमन बाहर बह जाता है और इसके कारण प्रेग्नेंसी की गुंजाइश कम हो जाती है। पैर अगर ऊपर रखेंगे, तो ऐसा नहीं होगा। पर यह सही नहीं है। ग्रैविटी के कारण सीमन वेजाइनल ओपनिंग से बाहर जाएगा ही। (वेजाइनल यीस्ट इन्फेक्शन से ऐसे बचें)
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प्रेग्नेंसी के चांस महिलाओं की फर्टिलिटी और पुरुषों के स्पर्म काउंट पर निर्भर करते हैं। एक बार संबंध बनाने पर 40 से 200 मिलियन स्पर्म तक बाहर आते हैं। ऐसे में आपको पैर ऊपर करके कोई हैक करने की जरूरत नहीं होती है।
वेजाइनल ओपनिंग को सर्विक्स कहा जाता है और अधिकतर स्पर्म वहीं डिपॉजिट हो जाते हैं। ओवरी से निकले हुए एग्स को फर्टिलाइज करने के लिए सिर्फ एक ही हेल्दी स्पर्म की जरूरत होती है। ऐसे में यह जरूरी नहीं है कि पैरों को ऊपर रखने से ही स्पर्म को वेजाइनल ओपनिंग में रोका जाए।
जब ये स्पर्म निकलते हैं, तब वेजाइनल ओपनिंग में ही इनकी जेल जैसी कंसिस्टेंसी बन जाती है। यह कंसिस्टेंसी 20 से 30 मिनट के लिए रहती है। इसी जेल के कारण स्पर्म के लिए सेफ्टी नेट बन जाता है जिसके कारण वो वेजाइना के एसिडिक माहौल में भी खराब नहीं होते। इस कंसिस्टेंसी के कारण ही स्पर्म सर्विक्स में टिका रहता है।
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स्पर्म 90 सेकंड के अंदर ही सर्विक्स के अंदर पहुंच जाते हैं और इससे उनकी स्पीड का अंदाजा लगाया जा सकता है। कुछ मिनटों के अंदर ही वो यूट्रस तक पहुंच जाते हैं।
डॉक्टर अमीना ने एक स्टडी का जिक्र किया। 1973 में एक स्टडी की गई थी जिसमें स्पर्म इनसेमिनेट किए गए थे। 5 मिनट के अंदर उतने ही स्पर्म फैलोपियन ट्यूब में थे जितने इनसेमिनेट हुए थे। स्पर्म अपने मूवमेंट के कारण नहीं बल्कि यूट्रस और पेल्विक मसल्स के कॉन्ट्रैक्शन के कारण भी जल्दी यूट्रस तक पहुंचते हैं।
इन सब फैक्ट्स से आपको पता चल सकता है कि संबंध बनाने के बाद इस तरह का योगा करने से कोई भी फायदा नहीं होगा। हां, इससे आपकी कमर में दर्द जरूर हो सकता है।
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Image Credit: Freepik/ Goodnews screenshot
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