herzindagi
image

क्या एंडोमेट्रियोसिस के कारण मां बनने में परेशानी आती है? एक्सपर्ट से जानें

एंडोमेट्रियोसिस में गर्भाशय की अंदरूनी परत एंडोमेट्रियम जैसी कोशिकाएं गर्भाशय के बाहर विकसित होने लगती है। हल्के या मध्यम एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाओं को कोई समस्या नहीं होती है, जबकि गंभीर मामलों में फर्टिलिटी पर असर पड़ता है।
Editorial
Updated:- 2025-03-25, 20:46 IST

प्रेग्नेंसी से लेकर कई तरह की गलत धारनाएं हम लोगों के बीच बनी हुई है। इन्हीं में से एक है कि अगर किसी महिला को एंडोमेट्रियोसिस है, तो वह गर्भधारण नहीं कर सकती है। हालांकि, एक्सपर्ट का कहना है कि एंडोमेट्रियोसिस से जुड़ी फर्टिलिटी समस्याएं व्यक्ति की स्थिति और बीमारी की गंभीरता पर निर्भर करती हैं। कई महिलाएं इस कंडीशन के बावजूद आसानी से मां बन सकती हैं, जबकि कुछ को प्रेग्नेंसी में मुश्किले आ सकती हैं। आइए समझते हैं कि आखिर एंटोमेट्रियोसिस है क्या ? यह प्रजनन क्षमता को कैसे प्रभावित करता है, और इस स्थिति में गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए कौन-कौन से उपाय करने चाहिए। इसको लेकर हमने एक्सपर्ट से बात की। Dr. Radhika Potluri, MBBS, MS - OBG, Regional Medical Head & Fertility Specialist, Oasis Fertility इस बारे में जानकारी दे रही हैं।

एंडोमेट्रियोसिस क्या है?

endometriosis and infertility

यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय की अंदरूनी परत एंडोमेट्रियम जैसी कोशिकाएं गर्भाशय के बाहर विकसित होने लगती है। यह आमतौर पर फैलोपियन ट्यूब अंडाशय, आंतों और पेल्विक एरिया में पाया जाता है।

यह भी पढ़ें-अगर आपमें भी दिख रहे हैं ये तीन लक्षण, तो बिना किसी रुकावट के बन सकती हैं मां

क्या एंडोमेट्रियोसिस के कारण मां बनने में परेशानी आती है?

how endometriosis cause infertility

एक्सपर्ट के मुताबिक, एंडोमेट्रियोसिस के कारण फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय में सूजन या स्कार टिशू बन सकता है,जिससे अंडाणु के निषेचन और गर्भशय तक पहुंचने में दिक्कत हो सकती है।

इसके अलावा, यह हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है, जिससे ओव्यूलेशन प्रभावित होता है और गर्भधारण कठिन हो जाती है।

यह विडियो भी देखें

एंटोमेट्रियल टिशू पीरियड्स के दौरान टूटता है और बहता है, लेकिन यह शरीर से बार नहीं निकल पाता है, जिससे सूजन और पेल्विक एरिया में दर्द हो सकता है, जो गर्भधारण की संभावनाओं को और कम कर सकता है।

हालांकि, हर महिला की स्थिति अलग हो सकती है। हल्के या मध्यम एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाओं को कोई समस्या नहीं होती है, जबकि गंभीर मामलों में फर्टिलिटी पर असर पड़ता है।

यह भी पढ़ें-दिख रहे हैं ये 5 लक्षण, तो समझ जाएं आपकी बॉडी को है डिटॉक्स की जरूरत

अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit:Freepik

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।