क्या आप अचानक बीमार पड़ जाते हैं और पता नहीं क्यों? ऐसे में आपको डॉक्टर के पास जाने पर तुरंत कई ब्लड टेस्ट कराने होंगे। हालांकि, ब्लड टेस्ट कराना डॉक्टर के लिए यह निर्धारित करने का एकमात्र तरीका है कि आपको असुविधा क्यों हो रही है?
ब्लड टेस्ट के रिजल्ट भविष्य की उपचार योजनाओं को तय करने में मदद करते हैं। यहां तक कि अगर आप पूरी तरह से हेल्दी हैं तो भी आपको हर साल ब्लड टेस्ट का विकल्प चुनना चाहिए। यह समस्या को बड़ा होने से बचाने के लिए आपका एहतियाती स्टेप हो सकता है।
हमें हर साल कौन से जरूरी टेस्ट कराने चाहिए? इनके बारे में हमें पोषण विशेषज्ञ (बीएससी, एमएससी (फूड और न्यूट्रिशन) दृष्टि पारेख जी बता रही हैं। एक्सपर्ट का कहना है, 'रेगुलर ब्लड टेस्ट आपके समग्र कल्याण का ट्रैक रखने का एक महत्वपूर्ण तरीका है।'
'रेगुलर टेस्ट कराने से आपको उम्र बढ़ने के साथ-साथ आपके शरीर में होने वाले परिवर्तनों के बारे में जानने में मदद मिल सकती है और आपको अपनी हेल्थ के बारे में सूचित निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाया जा सकता है।'
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आगे उन्होंने बताया, 'ब्लड टेस्ट आपके संपूर्ण हेल्थ की एक महत्वपूर्ण तस्वीर प्रदान करते हैं। ये जांच एक बीमारी की शुरुआती पहचान में मदद करती हैं, जो बदले में, अधिक गंभीर स्टेज में इसकी प्रगति को रोक सकता है। वे इस बात पर नजर रखने में भी आपकी मदद कर सकते हैं कि आपका शरीर बीमारियों के लिए विभिन्न उपचारों के प्रति कितनी अच्छी तरह से प्रतिक्रिया करता है।'
1- विटामिन- बी12 + फोलेट
यह टेस्ट आपके ब्लड में विटामिन बी-12 और फोलेट के लेवल को मापता है। यह ब्रेन, ब्लड और नर्वस सिस्टम का आकलन करने में मदद करता है। आपके शरीर को सामान्य रूप से काम करने के लिए विटामिन बी -12 यानि कोबालिन और फोलेट यानि फोलिक एसिड की आवश्यकता होती है।
दोनों पोषक तत्व रेड ब्लड सेल्स को बनाने और सेल्स के निर्माण में मदद करने के लिए डीएनए और आरएनए बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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2- विटामिन-डी
यह टेस्ट हड्डियों, फर्टिलिटी, इम्यून हेल्थ और बहुत कुछ का आकलन करने में मदद करता है। आपके ब्लड में विटामिन डी के लो लेवल की जांच के लिए विटामिन-डी टेस्ट का उपयोग किया जाता है ताकि स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनने से पहले आप इसका इलाज किया जा सकें।
यदि आपको ज्ञात हड्डी विकार या कैल्शियम को अवशोषित करने में कोई समस्या है, तो विटामिन-डी टेस्ट का उपयोग यह देखने के लिए किया जा सकता है कि क्या विटामिन डी की कमी आपकी स्थिति पैदा कर रही है।
3- थायरॉयड
इसमें मेटाबॉलिक/थायरॉयड फंक्शन और संभावित ऑटोइम्यून डिसऑर्डर्स का टेस्ट होता है। स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर यह जांचने के लिए कि आपका थायरॉयड कितनी अच्छी तरह काम कर रहा है और हाइपरथायरायडिज्म या हाइपोथायरायडिज्म जैसी समस्याओं का कारण जानने के लिए थायरॉयड टेस्ट का उपयोग करते हैं।
थायरॉयड आपकी गर्दन के सामने एक छोटी, तितली के आकार की ग्रंथि है जो दो थायरॉयड हार्मोन्स थायरोक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) बनाती है।
4- कंप्रिहेंसिव मेटाबोलिक पैनल
इसमें आपके ब्लड ग्लूकोज, इलेक्ट्रोलाइट्स और लिवर और किडनी के कार्य का टेस्ट करता है।
यह आपके शरीर के केमिकल संतुलन और मेटाबॉलिज्म (आपका शरीर आपके द्वारा खाए गए भोजन को ऊर्जा में कैसे बदलता है) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। हेल्थकेयर एक्सपर्ट अक्सर सीएमपी का उपयोग रेगुलर ब्लड टेस्ट के रूप में करते हैं और कुछ हेल्थ कंडीशन्स के डायग्नोज, चेकअप या निगरानी में मदद करते हैं।
5- आयरन
कुल आयरन, कुल आयरन बाइंडिंग क्षमता और फेरिटिन के बारे में जानना महत्वपूर्ण है। आयरन का टेस्ट का सबसे अधिक उपयोग यह चेक करने के लिए कि क्या आपके शरीर में आयरन का लेवल बहुत कम है जो एनीमिया का संकेत हो सकता है। विभिन्न प्रकार के एनीमिया का निदान करें। जांचें कि क्या आपके आयरन का लेवल बहुत अधिक है, जो हेमोक्रोमैटोसिस का संकेत हो सकता है।
6- लिपिड पैनल
आपके कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड लेवल का टेस्ट करता है। साथ ही, इससे आप ओमेगा 3 और ओमेगा 6 मान प्राप्त कर सकते हैं।
7- एचबीएआईसी
3 महीने के आपके ब्लड ग्लूकोज का टेस्ट करता है। जी हां, HbA1c टेस्ट के नतीजे से किसी व्यक्ति के पिछले 3 महीने के ब्लड शुगर का पता लगाया जा सकता है। यह टेस्ट ब्लड शुगर लेवल की जांच करने के लिए फास्टिंग और पीपी से अलग है। यह उन टेस्ट के मुकाबले ज्यादा भरोसेमंद माना जाता है जिनसे सिर्फ खाने से ठीक पहले या बाद में ब्लड शुगर लेवल की जानकारी मिलती है।
8- फास्टिंग इंसुलिन
इंसुलिन रेजिस्टेंस के किसी भी लेवल का आकलन करता है जो ब्लड शुगर की गड़बड़ी, डायबिटीज या अन्य मेटाबॉलिक रोगों में योगदान कर सकता है।
9- हार्मोन पैनल
किसी व्यक्ति के लक्षणों के कारण की पहचान करने के लिए अक्सर हार्मोन टेस्ट का उपयोग किया जाता है। देरी से ग्रोथ, मेनोपॉज, इनफर्टिलिटी, पॉलीसिस्टिक ओवरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) और कुछ प्रकार के ट्यूमर जैसी स्थितियों का निदान करने में टेस्ट मददगार हो सकता है।
10- एचएससीआरपी
तीव्र बीमारी और दीर्घकालिक लो-ग्रेड सूजन की जांच करता है।
11- कम्पलीट ब्लड काउंट
इसमें आरबी और डब्लूबीएस महत्वपूर्ण टेस्ट होता है। यह आपके इम्यून फंक्शन और विटामिन की कमी/ऑक्सीजन ट्रॉसपोर्ट के लिए जरूरी होता है।
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12- होमोसिस्टीन
सूजन, विटामिन की कमी और मेथिलिकरण में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
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निष्कर्ष
ये जरूरी ब्लड टेस्ट आपको अपनी हेल्थ के संबंध में मन की शांति प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं। हर साल इन टेस्ट को करान से आप अपनी हेल्थ कंडीशन से अवगत रहेंगे। अगर कुछ गलत है, तो डॉक्टर आगे के उपचार का सुझाव दे सकता है या आपको किसी एक्सपर्ट के पास भेज सकता है।
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