एक उम्र के बाद हर लड़की पीरियड्स अनुभव करती है। यह एक नेचुरल प्रोसेस है और हम सभी इसे एक्सपीरियंस कर ही रही हैं। लेकिन पीरियड्स सिर्फ माह के कुछ खास दिन ही नहीं होते हैं, बल्कि यह इससे कहीं अधिक है। इस दौरान दर्द से लेकर मूड स्विंग्स तक काफी कुछ आपको और हमको झेलना पड़ता है। साथ ही साथ, ऑव्यूलेशन पीरियड भी इसी से जुड़ा हुआ है।
पिछले कुछ वक्त पीरियड्स के प्रति लोगों के नजरिए में अंतर आया है और अब हम सभी यकीनन पहले से कहीं अधिक जागरूक हो चुकी हैं। लेकिन आज भी हममें से कई महिलाएं पीरियड्स को ट्रैक करना इतना जरूरी नहीं समझती हैं। बस एक अंदाजा ही लगाती हैं।
हालांकि, पीरियड्स को ट्रैक करने से कई बेमिसाल फायदे मिल सकते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको पीरियड्स को ट्रैक करने के कुछ फायदों के बारे में बता रहे हैं-
आपको अपने यूनिक पैटर्न को समझने में मिलती है मदद
अपने पीरियड्स को ट्रैक करने का सबसे आसान तरीका यह है कि आप पीरियड आने पर लॉग इन करें ताकि आप अपने पीरियड साइकल की लेंथ को समझ सकें। हर किसी का शरीर अलग होता है और इसलिए हर किसी के पीरियड का पैटर्न भी अलग हो सकता है।
जरूरी नहीं है कि आपके दो पीरियड्स के बीच में भी हर बार 28 दिनों का ही गैप हो। इसलिए जब आप पीरियड्स को ट्रैक करना शुरू करती हैं तो ना केवल आपको अपनी साइकल लेंथ के बारे में पता चलता है, बल्कि आप अपने पीरियड के यूनिक पैटर्न को भी आसानी से समझ पाती हैं।
ओव्यूलेशन के बारे में लगा सकती हैं अंदाजा
अगर आप इन दिनों कंसीव करने का मन बना रही हैं तो ऐसे में पीरियड्स को ट्रैक करना आपके लिए बेहद ही लाभ मिलता है। ओव्यूलेशन से पहले और बाद के दिनों के दौरान प्रेग्नेंसी संभव है। ऐसे में आप पीरियड्स को ट्रैक करके यह आसानी से पता लगा सकती हैं कि किस समय आपके कंसीव करने के चांसेज सबसे अधिक हैं।
आजकल ऐसे कई पीरियड्स ट्रैकिंग ऐप्स हैं, जो इसमें आपकी काफी मदद कर सकते हैं।(लेट पीरियड्स के कारण)
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ओवरऑल हेल्थ पर पड़ता है असर
मेंस्ट्रुअल साइकल आपकी ओवर ऑल हेल्थ के इंडिकेटर के रूप में काम करता है। पीरियड्स आपके शरीर को यह बताता है कि चीजें ठीक से काम कर रही हैं जैसा उन्हें करना चाहिए। बहुत जल्दी या लेट पीरियड्स आना, उनका स्किप होना या फिर बहुत अधिक हैवी पीरियड्सहोनाइस बात का संकेत हो सकता है कि आपकी हेल्थ के साथ कोई समस्या है।
ऐसे में अगर आप अपने पीरियड्स को ट्रैक करती होंगी, तो इससे आपके लिए समय रहते यह जान पाना आसान हो जाएगा। जिससे आप अपनी ओवर ऑल हेल्थ का बेहतर तरीके से ख्याल रख पाएंगी।
मूड का मैनेज करने में मददगार
हम सभी अक्सर पीरियड्स के दौरान हार्मोनल चेंज से मूड में बदलाव जैसे चिड़चिड़ापन, एंग्जाइटी आदि महसूस करती है। हालांकि, मूड और पीरियड्स के बीच के सीधे लिंक पर अभी और भी शोध की आवश्यकता है। लेकिन जब आप पीरियड्स को ट्रैक करना शुरू करती हैं।
तो इससे आपको पहले ही इसकी जानकारी हो जाती है। जिससे आप अपने पीरियड साइकल को समझकर मूड को मैनेज करने के लिए भी कुछ कदम उठा सकती हैं।
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तो अब आपको भी समझ आ गया होगा कि पीरियड्स को ट्रैक करना कितना आवश्यक है। आप भी आज से ही अपने पीरियड्स को ट्रैक करना शुरू कर दें और अपनी हेल्थ का बेहतर ख्याल रखें।
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Image Credit- freepik
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