थायराइड के लिए कौन से विटामिन अच्छे हैं? एक्‍सपर्ट से जानें जवाब

हाइपोथायरायडिज्‍म में थायराइड ग्‍लैंड पर्याप्त हार्मोन नहीं बना पाती है, जिससे थकान, वजन बढ़ना और त्वचा-बालों की समस्याएं होती हैं। शरीर में कुछ जरूरी विटामिन की कमी इसका एक कारण हो सकती है। 
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हाइपोथायरायडिज़्म तब होता है, जब थायराइड ग्‍लैंड शरीर के लिए जरूरी हार्मोन पर्याप्त मात्रा में नहीं बना पाती है। यह हमारे शरीर की सबसे जरूरी ग्‍लैंड्स में से एक है, जो मेटाबॉलिज्‍म, एनर्जी और शरीर के कई जरूरी कामों को नियंत्रित करती है। जब थायराइड हार्मोन कम बनता है, तब शरीर की कई काम धीमे पड़ जाते हैं। इस वजह से थकान, वजन बढ़ना, मन उदास रहना, ठंड ज्‍यादा लगना, त्‍वचा में ड्राईनेस और बालों का झड़ना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अक्सर डॉक्टर इस कंडीशन में दवा देते हैं, जो थायराइड हार्मोन की कमी को पूरा करने में मदद करती है। लेकिन, कई बार ऐसा देखा गया है कि दवा लेने के बावजूद भी कुछ लोग पूरी तरह से बेहतर महसूस नहीं करते या उनके लक्षणों में पूरी तरह से सुधार नहीं आता है। क्‍या आप जानती हैं कि ऐसा शरीर में जरूरी विटामिन की कमी से होता है?

रिसर्च से पता चला है कि कुछ विशेष विटामिन थायराइड को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करते हैं, खासकर अगर यह समस्या ऑटोइम्यून बीमारी जैसे हाशिमोटो थायरायडाइटिस के कारण होती है। इस ऑटोइम्यून कंडीशन में शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से थायराइड ग्‍लैंड पर हमला कर देता है, जिससे उसके कार्य में बाधा आती है। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से विटामिन थायराइड के लिए सबसे जरूरी हैं। इसके बारे में हमें एलाईव हेल्थ न्यूट्रिशनिस्ट और योगा ट्रेनर तान्‍या खन्ना बता रही हैं।

विटामिन-D: इम्यूनिटी और थायराइड के लिए

vitamin d for hypothyroid patients

विटामिन-D को "सनशाइन विटामिन" कहा जाता है। यह हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने में भी जरूरी भूमिका निभाता है। लेकिन क्‍या आप जानती हैं कि थायराइड से परेशान महिलाओं में इसकी कमी अक्सर पाई जाती है। कई अध्ययनों ने इस बात की पुष्टि की है कि थायराइड रोगियों में विटामिन-D का लेवल नॉर्मल से कम होता है।

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एक्‍सपर्ट का मानना है कि विटामिन-D3 के सप्लीमेंट लेने से, विशेष रूप से हाशिमोटो थायरायडाइटिस जैसे ऑटोइम्यून थायराइड डिस्‍ऑर्डर में थायराइड एंटीबॉडीज के लेवल को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, पर्याप्त विटामिन-D का लेवल इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है, जिससे शरीर थायराइड संबंधी समस्‍याओं का सामना ज्‍यादा असरदार तरीके से कर पाता है।

विटामिन-D के स्रोत

  • सप्‍लीमेंट के अलावा आपको धूप, मछली, अंडे की जर्दी, फोर्टिफाइड दूध आदि से विटामिन-D मिल सकता है।

विटामिन-B12: एनर्जी और याददाश्त के लिए

vitamin b 12 for hypothyroid patients

विटामिन-B12 जरूरी विटामिन है, जो शरीर को पर्याप्त एनर्जी देने, मूड और याददाश्त को सही रखने में जरूरी भूमिका निभाता है। थायराइड मरीजों में विटामिन-B12 की कमी आम बात है, जिसके कारण बहुत ज्‍यादा थकान और मानसिक कमजोरी जैसी शिकायतें महसूस होती हैं।

एक रिसर्च में लगभग 40% थायराइड रोगियों में विटामिन-B12 की कमी पाई गई। डॉक्‍टरों का मानना है कि विटामिन B12 के सप्लीमेंट लेने से न सिर्फ एनर्जी लेवल में सुधार होता है, बल्कि यह दिमाग के कामों और याददाश्त को भी बेहतर बनाता है, जिससे थायराइड के कारण होने वाली मानसिक कमजोरी से राहत मिलती है।

विटामिन-B12 के स्रोत

  • सप्‍लीमेंट के अलावा आपको दूध, दही, अंडा, मीट आदि जैसी चीजों से विटामिन-B12 मिल सकता है।

विटामिन-A: थायराइड हार्मोन को बेहतर तरीके से काम करने में मददगार

vitamin a for hypothyroid patients

विटामिन-A एक शक्तिशाली पोषक तत्व है, जो थायराइड हार्मोन की प्रभावशीलता को बढ़ाता है। यह विटामिन थायराइड हार्मोन के शरीर में सही तरीके से उपयोग होने में मदद करता है। इसके अलावा, विटामिन-A त्वचा के स्वास्थ्य और आंखों की रोशनी के लिए भी अत्यंत फायदेमंद है, जो थायराइड की समस्या से अक्सर प्रभावित होते हैं।

एक अध्ययन के अनुसार, विटामिन-A लेने से TSH के लेवल में कमी आ सकती है। यह दर्शाता है कि विटामिन-A थायराइड ग्‍लैंड के काम को विनियमित करने में मदद कर सकता है। हालांकि, यह जानना बेहद जरूरी है कि विटामिन-A एक फैट-सॉल्युबल विटामिन है, इसका मतलब है कि यह शरीर में जमा हो सकता है। इसलिए, इसकी ज्‍यादा मात्रा शरीर के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। इसी कारण, विटामिन-A के सप्लीमेंट हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही और निर्धारित मात्रा में ही लेने चाहिए, ताकि किसी भी साइड इफेक्‍ट से बचा जा सके।

विटामिन-A के स्रोत

  • सप्‍लीमेंट के अलावा गाजर, शकरकंद, पपीता, हरी पत्तेदार सब्जियां आदि से आपको विटामिन-A मिल सकता है।

सावधानियां- सप्लीमेंट लेते समय ध्यान दें

  • सप्लीमेंट लेने से पहले अपना ब्लड टेस्ट जरूर कराएं।
  • आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स थायराइड दवा के असर को कम कर सकते हैं। इन्हें दवा से 4 घंटे के अंतर पर लें।
  • कोई भी विटामिन या सप्लीमेंट जरूरत से ज्यादा न लें। इससे फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। हमेशा मात्रा और समय का ध्यान रखें।
  • हमेशा डॉक्टर या न्यूट्रिशन एक्सपर्ट की सलाह लेकर ही सप्लीमेंट लें।

थायराइड को सिर्फ दवा से पूरी तरह कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। सही पोषण और जरूरी विटामिन्स भी उतने ही जरूरी हैं। इससे कंडीशन को कंट्रोल और लक्षणों में सुधार किया जा सकता है। अगर आप अपनी डाइट और लाइफस्‍टाइल पर ध्यान देंगी, तो आपकी दवाओं की जरूरत भी कम हो सकती है और आप खुद को ज्यादा हेल्‍दी महसूस करेंगी। तो आज ही अपने थायराइड की देखभाल सही पोषण के साथ शुरू करें।

अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: Shutterstock & Freepik

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FAQ

  • थायराइड किस विटामिन की कमी से होता है?

    थायराइड विटामिन-डी और आयोडीन की कमी से हो सकता है।
  • थायराइड की कमी से कौन सा रोग होता है?

    थायराइड की कमी से हाइपोथायरायडिज्म होता है, जिसे अंडरएक्टिव थायराइड भी कहते हैं।