योगा से ही होगा। योग हमारे जीवन के उद्धार का मार्ग है। योग से हर तरह की बीमारी से लड़ा जा सकता है। आपने यह सभी वाक्य जरूर सुने होंगे? आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण हमारा शरीर बीमारियों का घर बनता जा रहा है।
किसी चीज के बारे में अत्यधिक चिंता करना एंग्जाइटी का कारण बनता है। आपको बता दें कि स्ट्रेस और एंग्जाइटी दोनों में काफी अंतर है। अक्सर लोग इन्हें एक ही समझकर इसके लिए उपचार के तरीके ढूंढना शुरू कर देते हैं।
क्या आप भी इस समस्या का शिकार हैं? आप इसके लिए महंगे ट्रीटमेंट का सहारा ले रही हैं? अनगिनत दवाईयों का सेवन कर रही हैं? अगर आपका जवाब हां है तो अब ऐसा करना छोड़ दें। सेलिब्रिटी योग ट्रेनर अंशुका परवानी ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होनें उन आसन के बारे में बताया है जो इस समस्या को कम करने में मदद करेंगे।
बद्ध कोणासन
इस भागदौड़ भरी जिंदगी में एंग्जाइटी एक गंभीर समस्या बनकर उभर रही है। हालांकि, इस समस्या के लिए बाजार में दवाइयां उपलब्ध हैं। नेचुरल तरीके से आप इस परेशानी को कम कर सकती हैं। इसके लिए आपको बटरफ्लाई पोज यानी बद्ध कोणासन करना चाहिए।
कैसे करें यह आसन?
- जमीन पर पैर फैलाकर बैठ जाएं।
- इसके बाद पैरों को अंदर की ओर मोड़ें।
- इस बात का ध्यान रखें कि आपके तलवे आपस में छूने होने चाहिए।
- अब अपने हाथों की मदद से एड़ियों को जननांगों के पास लाने की कोशिश करें।
- अब गहरी सांस लें और छोड़ते दौरान घुटनों को फर्श पर दबाएं। ज्यादा दबाव का इस्तेमाल न करें।
- अब अपने दोनों पैरों को तितली की तरह ऊपर-नीचे फ्लैप करें। (घुटनों की स्ट्रेंथ के लिए योग)
- धीरे-धीरे शुरुआत करें। फिर गति बढ़ाएं।
- रोजाना 5 मिनट यह योग करने से एंग्जाइटी की परेशानी कम होने लगेगी।
सेतुबंध आसन
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अगर आपको एंग्जाइटी होती है तो आपके अपनी दिनचर्या में इस आसन को शामिल करना चाहिए।
कैसे करें यह आसन?
- सबसे पहले पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं
- अब अपने घुटनों को अंदर की ओर मोड़ लें।
- अपनी बांहों को शरीर के बगल में रखें और हथेलियों को फर्श पर लगाएं।
- अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए अपनी पीठ और कूल्हों को ऊपर की ओर उठाने की कोशिश करें।
- कंधों और सिर को जमीन पर लगाएं रखें।
- ठोड़ी को छाती से लगाकर रखें।
- अब सांस लें और कुछ देर इस मुद्रा में रहें।
बितिलासन
यह बैकबैंड होता है, जिसमें रीढ़ ढीली होती है। धड़ स्ट्रेच होता है और गर्दन में टेंशन रिलीव होता है। यह शब्द संस्कृत के बिटिला से लिया गया है, जिसका मतलब गाय होता है। एंग्जाइटी की परेशानी से राहत पाने के साथ-साथ इस आसन को करने से कलाइयां मजबूत होती हैं। पीरियड्स क्रैंप्स भी कम होते हैं। (प्राणायाम के फायदे)
कैसे करें यह आसन?
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले घुटने को जमीन पर रखकर मोड़ लें।
- फिर अपने दोनों हाथों को सामने की ओर रख लें।
- हाथों के बीच सामान्य गैप रखें।
- अब अपनी गर्दन को ऊपर कर लें।
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