पीसीओएस में क्या है ज्यादा फायदेमंद- वॉकिंग या योग, जानिए

पीसीओएस की शिकायत होने पर वर्कआउट करना काफी अच्छा माना जाता है। लेकिन वॉकिंग या योग में से क्या ज्यादा बेहतर है, जानने के लिए पढ़ें यह लेख।
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पीसीओएस से निपटने का एक आसान और प्रभावी तरीका है वेट मैनेजमेंट। जब आपका वजन धीरे-धीरे कम होने लगता है तो ऐसे में हार्मोन भी बैलेंस होने लगते हैं और पीसीओएस को मैनेज करना भी अधिक आसान हो जाता है। अमूमन यह देखने में आता है कि पीसीओएस होने पर यह समझ ही नहीं आता है किस तरह की एक्सरसाइज की जाए। जहां कोई कहता है कि इंटेंस वर्कआउट करना चाहिए तो किसी का मानना है कि लाइट एक्सरसाइज करना बेहतर रहेगा।

पीसीओएस होने पर चूंकि वजन अधिक होता है, इसलिए वॉकिंग या योग के जरिए महिलाएं खुद को फिट रखने की कोशिश करते हैं। अब सवाल ये है कि पीसीओएस के लक्षणों, जैसे वज़न बढ़ना, अनियमित पीरियड्स, मूड स्विंग्स या थकान आदि को कंट्रोल करने में इनमें से कौन ज़्यादा असरदार है। तो चलिए आज इस लेख में पावरलिफ्टिंग में नेशनल रिकॉर्ड होल्डर और एनीटाइम फिटनेस के फिटनेस ट्रेनर विनय माहौर आपको बता रहे हैं कि पीसीओएस होने पर वॉकिंग या योगा में से क्या ज्यादा फायदेमंद है-

पीसीओएस में योगासन के फायदे

PCOS workout plan for beginners

पीसीओएस होने पर योग करना फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि-

  • योग हार्मोनल संतुलन में मददगार है। कुछ योगासन जैसे तितली आसन, भुजंगासन और बालासन सीधे-सीधे हॉर्मोन बनाने वाली ग्रंथियों को एक्टिव करते हैं और एस्ट्रोजन और इंसुलिन को बैलेंस करते हैं।
  • योग तनाव को कम करने में सहायक है। योगा, खासकर प्राणायाम और मेडिटेशन, दिमाग को शांत करता है और तनाव हार्मोन मसलन कॉर्टिसोल को कम करता है, जिससे वज़न और पीरियड्स दोनों में सुधार आता है।
  • अधिकतर महिलाओं को पीसीओएस में इंसुलिन रेसिस्टेंस होता है। लेकिन योग शरीर को इंसुलिन का सही इस्तेमाल करना सिखाता है। जिससे स्थिति में काफी सुधार होता है।
  • रेगुलर योगा करने से पीरियड्स का टाइम धीरे-धीरे रेग्युलर होने लगता है।
  • पीसीओएस में अक्सर मूड स्विंग्स की शिकायत होती है। लेकिन योग करने से डीप ब्रीदिंग और माइंड-बॉडी कनेक्शन की वजह से मूड ज़्यादा स्टेबल रहता है।

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पीसीओएस में वॉकिंग के फायदे

PCOS friendly exercises at hom

वॉकिंग करना एक सिंपल एक्सरसाइज है, लेकिन यह उतना ही असरदार भी है। बस आपको नियमित रूप से वॉकिंग करना चाहिए। इससे कई फायदे मिल सकते हैं-

  • ब्रिस्क वॉकिंग करने से कैलोरी बर्न होती है और पेट की चर्बी कम होती है, जिससे पीसीओएस में फायदा मिलता है।
  • योगा की तरह, चलना भी इंसुलिन रेसिस्टेंस को कम करता है। सिर्फ़ 30 मिनट रोज़ चलना बहुत फ़ायदेमंद है।
  • पीसीओएस की वजह से अगर आपको थकान का अहसास हो रहा है तो ऐसे में वॉकिंग करना अच्छा रहता है। यह एनर्जी और मेटाबोलिज़्म को बूस्ट अप करता है।
  • जब आप बाहर वॉकिंग करते हैं तो इससे धूप और मूवमेंट मिलती है। जिसकी वजह से आपका मूड अच्छा होता है।
  • आप रात में खाने के बाद या सुबह जल्दी 30-45 मिनट की ब्रिस्क वॉक कर सकते हैं। खाने के बाद 10-15 मिनट टहलना भी ब्लड शुगर कंट्रोल करने में बहुत अच्छा है।

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क्या है ज्यादा फायदेमंद ?

PCOS friendly exercises at home easily

पीसीओएस में सिर्फ किसी एक को फायदेमंद नहीं माना जाता है, बल्कि आपको दोनों को ही अपने फिटनेस रूटीन का हिसा बनाना चाहिए। आप हफ्ते में 3-4 बार योगा करो, जबकि वॉक को अपने नियमित रूटीन का हिस्सा बनाएं। आप सुबह के समय योग कर सकते हैं, जबकि शाम में वॉक की जा सकती है।

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Image Credit- freepik


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