जब हम वर्कआउट करते हैं, तो कई तरह की एक्सरसाइज को उसमें शामिल करते हैं। इन्हीं में से एक है केटलबेल स्विंग्स वर्कआउट। इसे हिप्स के लिए एक बेहद ही अच्छी एक्सरसाइज माना जाता है। हालांकि, जब आप इसे करते हैं, तो यह ग्लूट्स, हैमस्ट्रिंग, कोर, पीठ, कंधे और बाहों सहित कई मसल्स ग्रुप को एक्टिव करता है, जिससे आपका ओवर ऑल बॉडी वर्कआउट होता है। वहीं, इससे आपको कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ बेनिफिट्स भी मिलते हैं। अगर आप वेट लॉस करना चाहते हैं तो भी केटलबेल स्विंग वर्कआउट करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
इस बात में कोई दोराय नहीं है कि केटलबेल स्विंग वर्कआउट कई मायनों में सेहत के लिए लाभकारी है। लेकिन अधिकतर लोग इसे गलत तरीके से करते हैं या फिर कुछ टिप्स को नजरअंदाज करते हैं। जिससे उन्हें वर्कआउट का वह बेनिफिट नहीं मिल पाता है, जो वास्तव में मिलना चाहिए। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही टिप्स के बारे में बता रहे हैं, जो आपके स्विंग फ़ॉर्म को अगले लेवल तक ले जाने में आपकी मदद करेंगे
सही वज़न का करें चयन
केटलबेल स्विंग के दौरान फॉर्म में किसी तरह की गड़बड़ से बचने के लिए आप हल्के वजन के केटलबेल से शुरुआत करें। जैसे-जैसे आप अधिक सहज होते जाते हैं, धीरे-धीरे वज़न बढ़ाते जाएं। आप पहले हल्का वजन चुनें और फिर उससे स्विंग करें। इस दौरान आपको यह समझ में आएगा कि आप अपने बॉडी फॉर्म के साथ किसी तरह का समझौता तो नहीं कर रहे हैं।
ग्रिप हो सही
केटलबेल स्विंग ज़्यादातर हिप मूवमेंट है, जिसमें ऊपरी शरीर का कम से कम इस्तेमाल किया जाता है। अगर हम केटलबेल को बहुत कसकर पकड़ते हैं, तो हम हाथों को अकड़ सकते हैं। साथ ही साथ, गर्दन और कंधों पर बहुत ज़्यादा तनाव डाल सकते हैं। इसलिए, हमेशा अपनी पकड़ को थोड़ा ढीला रखने की कोशिश करें। लेकिन यह पकड़ बहुत ढीली भी नहीं होनी चाहिए, अन्यथा इससे चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है। केटलबेल को अपने हाथों से उड़ने से रोकने के लिए केवल उतना ही पकड़ें, जितना ज़रूरी हो। आप केटलबेल पकड़ते समय चाक का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, खासकर जब बेल भारी हो या आपके हाथ पसीने से तर हों।
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करें हिप हिंज
अक्सर यह देखने में आता है कि जब लोग केटलबेल स्विंग वर्कआउट करते हैं तो उस दौरान अपने घुटनों को मोड़कर स्क्वाट्स पोजिशन में आ जाते हैं। लेकिन स्विंग एक हिप हिंज मूवमेंट है, स्क्वाट नहीं। आप घुटनों पर नहीं, बल्कि अपने हिप्स पर झुकें। अपने हिप्स को पीछे की ओर इस तरह धकेलें जैसे कि आप अपने पीछे किसी अदृश्य दीवार को छूने की कोशिश कर रहे हों। साथ ही, इस दौरान रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
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सही हो ब्रीदिंग पैटर्न
केटलबेल स्विंग वर्कआउट करते हुए आपको अपने ब्रीदिंग पैटर्न का भी ख्याल रखना चाहिए। जब आप केटलबेल को नीचे अपने पैरों के बीच लाते हैं तो उस दौरान अपनी नाक से सांस अंदर लें। वहीं, केटलबेल को ऊपर की ओर ले जाते समय अपने मुंह से ज़ोर से सांस बाहर छोड़ें।
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