शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए लोग योग का सहारा लेते हैं। योगा सेशन के दौरान कई तरह के योगासनों का अभ्यास किया जाता है। इन्हीं में से एक है गरुड़ासन। गरुड़ासन को सेहत के लिए बेहद ही लाभकारी माना गया है। यह ना केवल आपकी बॉडी के बैलेंस को बेहतर बनाने में मदद करता है, बल्कि इससे बॉडी की फ्लेक्सिबिलिटी भी सुधरती है।
जब आप गरुड़ासन का अभ्यास करती है तो इससे पैरों की मसल्स खासतौर से जांघों और कोर की मसल्स को टोन करने में मदद मिलती है। साथ ही साथ, गरुड़ासन के ट्विस्टिंग पोश्चर के कारण ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। इस बात में कोई दोराय नहीं है कि गरुड़ासन का अभ्यास करना सेहत के लिए बेहद लाभदायक है। लेकिन फिर भी ऐसे कई लोग हैं, जिन्हंे गरुड़ासन का अभ्यास ना करने की सलाह दी जाती है। तो चलिए आज इस लेख में ब्लॉसम योगा के फाउंडर और योगविशेषज्ञ जितेन्द्र कौशिक आपको बता रहे हैं कि किन लोगों को गरुड़ासन करने से बचना चाहिए-
प्रेग्नेंसी में करें अवॉयड
यूं तो प्रेग्नेंसी में योगाभ्यास करना फायदेमंद होता है। लेकिन प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में गरुड़ासन का अभ्यास करने से बचना चाहिए। दरअसल, गरुड़ासन में बॉडी को बैलेंस करना होता है। लेकिन तीसरी तिमाही के दौरान बॉडी को बैलेंस करने में परेशानी हो सकती है। ऐसे में जरा सा बैलेंस बिगड़ने पर आप खुद को नुकसान पहुंचा सकती है।
घुटने में इंजरी होने पर करें अवॉयड
अगर आपके घुटने में दर्द है या फिर किसी वजह से घुटने की इंजरी हुई है तो ऐसे में आपको गरुड़ासन करने से बचना चाहिए। इसके अलावा, अगर किसी को गठिया की समस्या है, उसके लिए भी गरुड़ासन करना सही नहीं माना जाता है। हालांकि, फिर भी अगर आप गरुड़ासन का अभ्यास करना चाहती हैं तो ऐसे में पहले योग विशेषज्ञ की सलाह लें और उनकी देख-रेख में ही इसका अभ्यास करें। इसके अलावा, वैरिकोज वेन्स की समस्या होने पर भी गरुड़ासन नहीं करना चाहिए।
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एंकल में दर्द होने पर करें अवॉयड
गरुड़ासन का अभ्यास करते हुए आपको अपने हाथों और पैरों को रैप करना होता है। जिसके कारण काफ, थाइज और शोल्डर एरिया की मसल्स पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इसलिए, अगर आपको एंकल में दर्द या फिर किसी तरह की शोल्डर इंजरी हुई है तो ऐसे में गरुड़ासन का अभ्यास करने से बचें।
बीपी की समस्या होने पर करें अवॉयड
अगर किसी को हाई बीपी या लो बीपी की समस्या है तो ऐसे में उन्हें गरुड़ासन करने से बचना चाहिए। दरअसल, गरुड़ासन का अभ्यास करते हुए बहुत अधिक देर खड़ा होना पड़ता है। जिन लोगों को लो बीपी की समस्या होती है, उनके लिए बहुत देर तक स्टैंडिंग पोश्चर वाले आसन करना सही नहीं माना जाता है। वहीं गरुड़ासन का अभ्यास करते हुए शरीर के कुछ हिस्सों पर अतिरिक्त दबाव बढ़ सकता है। जिससे आपको ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। इसलिए, जिन्हें पहले से ही हाई बीपी है, उन्हें भी इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
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वर्टिगो की समस्या होने पर करें अवॉयड
अगर किसी को वर्टिगो की शिकायत है तो उसे बिल्कुल भी गरुड़ासन नहीं करना चाहिए। दरअसल, गरुड़ासन एक बैलेंसिंग पोश्चर है, जबकि वर्टिगो अटैक होने पर व्यक्ति को तेजी से चक्कर आते हैं। ऐसे में व्यक्ति को दुनिया घूमती हुई नजर आती है। ऐसे लोग जब गरुड़ासन का अभ्यास करते हैं तो वह खुद को चोटिल कर सकते हैं।
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Image Credit- freepik
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