अपनी हेल्थ का ख्याल रखने के लिए हम सभी कई तरीके अपनाते हैं। इन्हीं में से एक है योग व प्राणायाम का अभ्यास करना। प्राणायाम को बेहद ही प्रभावशाली माना गया है। यह एक ब्रीदिंग टेक्निक है, जो आपके माइंड को रिलैक्स करने में मददगार है। प्राणायाम के दौरान अपनी ब्रेथ को सही तरह से कन्ट्रोल करके आप कई तरह की बीमारियों से भी आसानी से बच सकती हैं।
इस बात में कोई दोराय नहीं है कि प्राणायाम करने के अनगिनत लाभ हैं। लेकिन प्राणायाम से आपको लाभ तभी मिल पाते हैं, जब आप उसे सही तरह से करें। आमतौर पर, लोग प्राणायाम करते हुए कुछ छोटी-छोटी मिसटेक्स करते हैं, जिसके कारण उन्हें प्राणायाम का कोई लाभ नहीं मिल पाता है। तो चलिए आज इस लेख में योगा विशेषज्ञ और वुमन हेल्थ रिसर्च फाउंडेशन की प्रेसिडेंट डॉ नेहा वशिष्ट कार्की आपको प्राणायाम के दौरान की जाने वाली कुछ मिसटेक्स के बारे में बता रही हैं-
कुछ लोग प्राणायाम करते हुए बार-बार बीच में आंखों को खोलते हैं। लेकिन वास्तव में आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। दरअसल, जब आप प्राणायाम करते हुए बार-बार आंखें खोलते हैं तो इससे आपका फोकस टूट जाता है। साथ ही प्राणायाम का जो सीक्वेंस बना हुआ होता है, वह भी ब्रेक होता है।
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कई बार लोग प्राणायाम करते हुए बीच में बार-बार आसन बदलते रहते हैं। लेकिन ऐसा करना भी उचित नहीं माना जाता है। जब आप बार-बार आसन बदलते हैं तो इससे आपका ध्यान टूटता है और फिर इससे आपको प्राणायाम करने का पूरा लाभ नहीं मिल पाता है।(योगा करने के आसान तरीके)
जब आप प्राणायाम करते हैं तो हर आसन में पोश्चर के साथ-साथ सांसों पर फोकस किया जाता है। लेकिन कुछ लोग बस केवल प्राणायाम का अभ्यास करते हैं, लेकिन अपनी सांसों पर उनका ध्यान नहीं होता है। जिसके कारण उन्हें प्राणायाम का वह लाभ नहीं मिलता है, जो वास्तव में मिलना चाहिए।
जब आप प्राणायाम का अभ्यास कर रहे हैं तो आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि आप दांतों को आपस में ना मिलाएं। दरअसल, प्राणायाम के दौरान ध्यान मुद्रा बनती है, जिसमें दांत अलग रहते हैं और होंठ आपस में मिले रहते हैं।
कुछ लोग अपने योगाभ्यास को भी एक काम समझकर बस उसे पूरा करना चाहते हैं। लेकिन प्राणायाम को कभी भी जल्दबाजी में करने की सलाह नहीं दी जाती है। दरअसल, जब आप जल्दबाजी में प्राणायाम करते हैं तो इससे आप खुद को मेंटली रिलैक्स महसूस नहीं करते हैं, जो प्राणायाम के सबसे बड़े फायदों में से एक है। इसके अलावा, जल्दबाजी में प्राणायाम करने से आप अपनी उस बीमारी से भी निजात नहीं पा सकते हैं, जिसके लिए वह प्राणायाम कारगर है।
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प्राणायाम करते हुए आपकी जगह व पोश्चर दोनों ही अहम् है। कुछ लोग बंद कमरे में या फिर किसी शोर-शराबे वाली जगह पर प्राणायाम का अभ्यास करते हैं। हालांकि, ऐसा करने से आपको ध्यान केन्द्रित करने में समस्या हो सकती है। जिससे आप प्राणायाम के दौरान एकाग्रता से अभ्यास नहीं कर पाते हैं। इसके अलावा, प्राणायाम के दौरान अगर बॉडी पोश्चर सही नहीं होता है तो इससे भी आपको उसका पूरा लाभ नहीं मिल पाता है। प्राणायाम करते हुए आप सुखासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठ सकते हैं।
तो अब आप भी प्राणायाम करते हुए इन गलतियों से बचें और योगाभ्यास का पूरा लाभ उठाएं।
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