रनिंग से जुड़े इन मिथ्स को ना मानें सच

रनिंग से जुड़े ऐसे कई मिथ्स हैं, जिन्हें लोग सच मानते हैं। 

myth and facts of common running

रनिंग एक ऐसी फिजिकल एक्टिविटी है, जो बच्चों से लेकर बड़ों तक को पसंद आती है। कभी खुद को फिट रखने के चक्कर में तो कभी दूसरों के साथ चैलेंज के रूप में लोग रनिंग करते हैं। यह वेट लॉस करने के लिए भी एक अच्छी एक्सरसाइज मानी गई है। इस बात में कोई दोराय नहीं है कि रनिंग करना आपकी सेहत के लिए काफी अच्छा है।

लेकिन फिर भी ऐसे कई लोग हैं, जो रनिंग करने से बचते हैं। दरअसल, वह कई बार लोगों से इसके बारे में काफी कुछ सुनते हैं। जिसके कारण उन्हें लगता है कि अगर वह रनिंग करेंगे तो इसका नेगेटिव असर उन पर पड़ सकता है। हो सकता है कि आपने भी लोगों के मुंह से रनिंग को लेकर काफी कुछ सुना हो। लेकिन किसी भी बात को सच मानने से पहले आपको उसकी वास्तविक सच्चाई के बारे में जान लेना चाहिए। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको रनिंग से जुड़े कुछ मिथक व उनकी सच्चाई के बारे में बता रहे हैं-

मिथक 1- रनिंग करने से आपके घुटने खराब हो जाएंगे

running will damage knees

सच्चाई- यह एक कॉमन मिथ है, जिस पर अक्सर लोग भरोसा करते हैं। उन्हें लगता है कि अगर वे नियमित रूप से दौड़ते हैं तो इससे उनके घुटने जल्द ही खराब हो जाएंगे। जबकि यह सच नहीं है। रनिंग करने के कारण अक्सर आपको घुटने में दर्द का अहसास हो रहा है, तो यह अक्सर मसल्स में असंतुलन और कमजोरी के कारण होता है। इसलिए, सही पॉश्चर में दौड़ने और डाइट पर ध्यान देने से आपको अपने घुटनों को लेकर चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

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मिथ 2- रनिंग के लिए एक खास बॉडी टाइप होना जरूरी है।

running requires certain body type

सच्चाई- बहुत से लोग रनिंग से इसलिए भी बचते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनका बॉडी टाइप इसके लिए फिट नहीं है और रनिंग के लिए एक खास बॉडी टाइप होना जरूरी है। मसलन, जिन लोगों की बॉडी का अपर पार्ट हैवी होता है, वे अक्सर रनिंग नहीं करते हैं। जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। किसी भी बॉडी टाइप के व्यक्ति रनिंग कर सकते हैं। बस आपके दौड़ने का तरीका सही होना चाहिए।

मिथक 3- रनर्स को स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने की नहीं है जरूरत

Runners don't need strength training

सच्चाई- आपने अक्सर लोगों से कहते हुए सुना होगा कि अगर कोई व्यक्ति रनिंग करता है तो उसे स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने की कोई आवश्यकता नहीं है। हो सकता है कि आप भी ऐसा ही सोचती हों, लेकिन यह केवल एक मिथक है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग आपकी परफार्मेंस को बूस्ट अप करने के साथ-साथ दौड़ते समय लगने वाली चोट की संभावना को भी कम करता है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से आपकी मसल्स को मजबूती मिलती है, जिससे मसल्स असंतुलन के कारण लगने वाली चोट से भी बचाव होता है।

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मिथक 4- मैराथन में रनिंग करना आपको स्वस्थ बनाता है।

सच्चाई- यह कथन पूरी तरह से सत्य नहीं है। मैराथन एक बड़ी शारीरिक चुनौती है और अगर इस दौरान हम शरीर को जरूरत से ज्यादा पुश करने से बॉडी को नुकसान होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इसलिए, अगर आपने अभी-अभी रनिंग करना शुरू किया है और आपको लगता है कि आप अभी मैराथन के लिए तैयार नहीं हैं तो इसे अवॉयड करें। वहीं, अगर आप मैराथन में दौड़ना ही चाहते हैं, तो इसके लिए सही तरह से ट्रेनिंग लेना आवश्यक है। जब आप सही प्रशिक्षण लेने के बाद मैराथन में रनिंग करते हैं, तो इससे मसल्स और हड्डियां मजबूत हो जाती हैं। साथ ही आपके हद्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

तो अब आप भी आंख मूंदकर किसी की बात पर विश्वास करने से बचें और पहले उस बात की सच्चाई जानने का प्रयास करें। हालांकि, रनिंग से जुड़े मिथ्स व भ्रम तो आपके मन से दूर हो ही गए होंगे।

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Image Credit- freepik

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