घुटनों में दर्द के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन अधिकतर मामलों में जब उम्र बढ़ने लगती हैं तो व्यक्ति की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। ऐसे में जोड़ों में दर्द या घुटनों में दर्द की समस्या होती है। यह समस्या होने पर व्यक्ति तरह-तरह की दवाई का सेवन करना शुरू कर देता है।
यकीनन दवाइयों के सेवन से उसे काफी राहत मिलती है। लेकिन वह अपनी डे टू डे लाइफ में कुछ हर्ब्स को शामिल कर ले तो उसकी एंटी-इफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज के कारण जोड़ों में दर्द के साथ-साथ सूजन व अन्य लक्षणों को भी मैनेज करने में काफी मदद मिलती है।
तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको कुछ ऐसी ही हर्ब्स के बारे में बता रही हैं, जो घुटनों के दर्द से राहत दिलाने में आपके काफी काम आ सकते हैं-
थाइम
यह एक सुगंधित जड़ी बूटी है, जिसमें उच्च एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है। एक शोध के मुताबिक, इसमें एंटी-इफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण पाए गए हैं जो रूमेटोइड गठिया या जोड़ों के दर्द के इलाज के लिए लाभदायी हो सकते हैं। आप थाइम की पत्तियों को मीट से लेकर एग डिशेज व सूप आदि में शामिल कर सकती हैं। हालांकि, यह भी ध्यान रखें कि इसका जरूरत से ज्यादा सेवन सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
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हल्दी
यह एक ऐसा मसाला है, जिसका इस्तेमाल खाद्य पदार्थों को रंग और स्वाद देने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। आयुर्वेद में भी हल्दी का उपयोगगठिया सहित विभिन्न स्थितियों को मैनेज करने के लिए किया गया है। औषधीय खाद्य जर्नल में अगस्त 2016 में प्रकाशित शोध के अनुसार, इसे एंटी- इफ्लेमेटरी गुणों के अलावा, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन में एनाल्जेसिक प्रभाव भी होते हैं। आप इसे कई तरीकों से अपने दैनिक आहार का हिस्सा बना सकती हैं।
हल्दी का सेवन शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना न भूलें। दरअसल, हल्दी में खून को पतला करने वाले गुण होते हैं, इसलिए अगर आप खून को पतला करने वाली दवा लेते हैं तो बड़ी मात्रा में हल्दी लेने से बचना चाहिए।
काली मिर्च
काली मिर्च, में पिपेरिन होता है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। शोध में पाया गया है कि काली मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और गैस्ट्रो-प्रोटेक्टिव प्रभाव होते हैं। यह सूजन के साथ-साथ जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में मददगार है। आप इसे सलाद से लेकर सूप, अंडे, और अन्य कई रेसिपीज में शामिल कर सकते हैं।
दालचीनी
शक्तिशाली में शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं। यह कई तरीकों से सेहत के लिए लाभकारी है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ न्यूट्रिशन के जर्नल में मई 2018 में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि जब रूमेटोइड गठिया वाली महिलाओं ने आठ सप्ताह तक रोजाना 500 मिलीग्राम दालचीनी पाउडर के चार कैप्सूल का सेवन किया, तो इससे उनकी स्थिति में उल्लेखनीय परिवर्तन आया। इसे सीमित मात्रा में डाइट में शामिल किया जा सकता है।
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अश्वगंधा
अश्वगंधा का उपयोग हजारों वर्षों से दर्द को कम करने, तनाव को कम करने और अन्य स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है। अश्वगंधा में एंटी- इंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक प्रभाव पाए गए हैं। अश्वगंधा आमतौर पर अर्थराइटिस वाले लोगों के लिए सुरक्षित है। हालांकि, अगर आप मधुमेह या थायराइड की दवाएं ले रहे हैं, तो ऐसे में एक बार एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।
तो अब आप भी इन हर्ब्स का इस्तेमाल करें और अपने घुटनों के दर्द को दवाइयों के बिना भी अधिक मैनेज करें। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकीअपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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Image Credit- freepik
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