herzindagi
ukdu baithne ke fayde in hindi

रोज 5-10 मिनट उकड़ू बैठें और शरीर में चौंकाने वाले बदलाव पाएं

अगर आप फिट रहना चाहती हैं, तो दिन में सिर्फ 5-10 मिनट उकड़ू बैठें। ऐसा करने से आप डाइजेशन से जुड़ी परेशानियों से बच सकती हैं, ऊर्जा और चक्रों का संतुलन बनाए रख सकती हैं और शरीर को मजबूत और लचीला बना सकती हैं। इसके लिए आपको किसी विशेष उपकरण या ज्‍यादा समय की जरूरत नहीं होती है। 
Editorial
Updated:- 2025-10-06, 18:43 IST

घुटनों को मोड़कर पैरों के बल जमीन पर बैठने को उकड़ू बैठना कहा जाता है। इसे कुछ लोग स्क्वॉट पोजीशन के नाम से भी जानते हैं। यह देखने में भले ही साधारण लगे, लेकिन इसके फायदे बहुत गहरे और लंबे समय तक असर करने वाले होते हैं।

हमेशा से उकड़ू बैठना भारत की पारंपरिक जीवनशैली का हिस्सा रहा है। पहले लोग खाना खाते समय, बातें करते समय, खेलों में या घर के कामकाज के दौरान अक्सर इसी मुद्रा में बैठते थे। यही कारण है कि हमारे दादा-दादी और बुज़ुर्ग ज्‍यादा लचीले और मजबूत हुआ करते थे। आज योग और प्राकृतिक चिकित्सा भी इसे सेहत के लिए आसान और बेहतरीन तरीका मानते हैं।

आज अपनी मंडे मोटिवेशन सीरीज में हम आपको उकडू बैठने के फायदों के बारे में बता रहे हैं। इसकी जानकारी वैदिक योगा दिल्‍ली के योग एक्‍सपर्ट शिवम अहलावत ने शेयर की है। उन्‍होंने योग साइंस में बैचलर्स और मास्टर्स किया है। आप भी अच्‍छे शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए उनके ग्रुप और पर्सनल योग क्लासेस से जुड़ सकती हैं।

एक्‍सपर्ट का कहना है कि उकड़ू बैठना आसान और नेचुरल अभ्यास है, जिसके लिए किसी विशेष उपकरण या ज्‍यादा समय की जरूरत नहीं है। दिन में सिर्फ 5-10 मिनट भी इस मुद्रा में बैठने से शरीर को शक्ति, लचीलापन, डाइजेशन में सुधार और मानसिक सेहत अच्‍छी रहती है। यह सिर्फ शारीरिक ही नहीं, बल्कि ऊर्जात्मक और मानसिक स्वास्थ्य को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।

ukaru baithne ke fayade in hindi

डाइजेशन में सुधार

  • उकड़ू बैठने से डाइजेस्टिव सिस्‍टम नेचुरली एक्टिव होता है।
  • यह कब्ज, गैस, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।
  • इस मुद्रा में बैठकर मल त्याग करने से आंतों पर एक्‍स्‍ट्रा प्रेशर नहीं पड़ता है।
  • यूरिन मार्ग साफ रहता है, जिससे इंफेक्‍शन का खतरा कम होता है और बार-बार यूरिन आने की समस्या (Polyuria) में सुधार होता है।
  • यह मुद्रा शरीर को नेचुरल रूप से साफ करती है।

ऊर्जा और चक्रों का संतुलन

  • उकड़ू बैठने से मूलाधार चक्र (Root Chakra) एक्टिव होता है, जो आत्मविश्वास और जीवन ऊर्जा से जुड़ा है।
  • इस मुद्रा में बैठने से प्राण शक्ति शरीर में ऊपर की ओर प्रवाहित होती है और यह नाड़ी तंत्र को संतुलित करती है।
  • पंच प्राण का संतुलन होने से मन और शरीर दोनों में सामंजस्य आता है।
  • यह तन ही नहीं, मन के लिए भी अच्‍छा है। इससे तनाव और चिंता कम होती है और आप सकारात्मक महसूस करती हैं।
  • इस मुद्रा में रेगुलर बैठने से आप अंदर से ज्‍यादा ऊर्जावान, जवां और आत्‍मविश्वासी महसूस करेंगी।

squat benefits for body pain

दर्द से सुरक्षा और बढ़ता है लचीलापन

  • यह मुद्रा पैरों, घुटनों, एड़ियों और पीठ की मसल्‍स को मजबूत बनाती है।
  • लंबे समय तक बैठने या खड़े रहने से होने वाले दर्द और अकड़न को कम करती है।
  • इसे रेगुलर करने से शरीर में लचीलापन आता है, जिससे चलने-फिरने में हल्कापन महसूस होता है।
  • बुज़ुर्गों और जिन लोगों को जोड़ों का दर्द रहता है, उनके लिए यह धीरे-धीरे दर्द से राहत पाने का नेचुरल उपाय है।
  • यह मुद्रा शरीर को चुस्त-दुरुस्त और बढ़ती उम्र में भी गतिशीलता बनाए रखती है।

इसे जरूर पढ़ें: वार्मअप रूटीन में स्क्वाट्स शामिल करने से मिलेंगे ये फायदे

उकड़ू बैठने की आदत न सिर्फ शारीरिक रूप से फायदा देती है, बल्कि मानसिक और आंतरिक शक्ति का अनुभव भी कराती है। इसलिए, इसे अपने रूटीन में शामिल करें और अच्‍छे स्वास्थ्य, ऊर्जा और दीर्घायु की ओर आसान कदम बढ़ाएं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: Shutterstock

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।