थकान, स्ट्रेस और कमर दर्द... प्रेग्नेंसी में चंद्र नमस्कार देगा तीनों में आराम

प्रेग्नेंसी में पीठ दर्द, थकान और वजन बढ़ना तो लाजमी है। अगर आप भी इन समस्याओं से परेशान रहती हैं, तो हम आपको एक ऐसे योगासन के बारे में बता रहे हैं, जिससे आपको फायदा मिल सकता है।
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प्रेग्नेंसी हर महिला के लिए एक खूबसूरत जर्नी होती है। जहां मां बनने की खुशी होती है, वहीं शरीर और मन में कई सारे बदलाव आते हैं। थकान, मोटापा, तनाव, कमर दर्द और नींद की शिकायत आम होती है। कहा जाता है कि जब तक बच्चा हो नहीं जाता है, तब तक ये सब दिक्कतें बनी रहती है। लेकिन आप चिंता मत करें, हम आपके लिए एक जबरदस्त विक्लप लेकर आए हैं। इससे आपकी परेशानियां दूर सकती है। प्रेग्नेंसी में होने वाली इन दिक्कतों को दूर करने के लिए आप एक खास योगासन, चंद्र नमस्कार का अभ्यास करें। आइए जानते हैं इसके फायदे DrNoopur Rohatgi|Yoga&Homoeopathy बता रही हैं।

प्रेग्नेंसी मेंचंद्र नमस्कार करने के फायदे

अक्सर प्रेग्नेंसी में मानसिक शांति कहीं खो जाती है। दस तरह की बातें मन में चलती है। ऐसे में इस आसन को करने से तनाव और चिंता में कमी आती है। मन को शांती मिलती है, जिससे आप इस सफर को बेहतर तरीके से जी सकती हैं।

इस आसन को करने से कूल्हों के दर्द में कमी आती है। यह हिप ओपनिंग अभ्यास है।यह आपके शरीर को प्रसव के लिए तैयार करने में मदद करते हैं।

जैसे जैसे गर्भ बढ़ता है, कमर और पीठ पर बहुत दबाव पड़ता है, जिससे इन दोनों ही जगहों पर हर वक्त दर्द बना रहता है। अगर आप चंद्र नमस्कार करती हैं, तो इससे पीठ में खिंचाव होता है। इससे पीठ की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और दर्द से राहत मिलता है।

इस योग को करने से आपको स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद मिलती है, जो कि डिलीवरी के लिए सही है।

इसके अलावा इससे नींद बेहतर करने में मदद मिलती है। जिससे आपकी मानसिक शांति बनी रहती है।

कैसे करें चंद्र नमस्कार

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  • ऊर्ध्व हस्तासन में खड़ी हो जाए, सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं और नमस्कार के मुद्र में हो जाएं।
  • इसी मुद्र में रहते हुए, पहले दाईं ओर झुकें, फिर बाईं ओर।
  • देवी आसन में खड़ी हों, पैर की उंगलियां बाहर की ओरस घुटनों को मोड़कर स्क्वाट करें । हाथों को नमस्कार मुद्रा में छाती के सामने लाएं
  • त्रिकोणासन में आएं। पैरों को चौड़ा रखें, एक पैर को बाहर की ओर मोड़ें। सांस छोड़ते हुए शरीर को उस पैर की ओर झुकाएं। और उसी तरफ के हाथ को नीचे जमीन पर रखें।दूसरा हाथ आसमान की ओर रखें।
  • इसके बाद पार्श्वोत्तानासन में आएं।
  • इसके बाद अंजनेयासन में आएं। फिर स्कंदासन में आएं।
  • स्कंदासन दूसरी तरफ
  • अंजनेयासन
  • पार्श्वोत्तानासन
  • त्रिकोणासन देवी आसन
  • बाएं और दाएं मुड़ना
  • ऊर्ध्व हस्तासन
  • पर्वतासन

अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit- Freepik

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