जब कोई महिला प्रेग्नेंट होती हैं, तब उसके शरीर और मन में कई तरह के बदलाव आते हैं। गर्भवती महिला अपने बच्चे की खातिर इन बदलावों को खुशी-खुशी अपनाती है, लेकिन कभी-कभी उसे कुछ असामान्य बदलाव भी महसूस हो सकते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लीडिंग होना ऐसी ही समस्या है, जो कुछ इंफेक्शन्स के कारण हो सकती है।
कई बार गर्भवती महिलाएं हल्की ब्लीडिंग या स्पॉटिंग देखकर घबरा जाती हैं, क्योंकि अक्सर इसे मिसकैरेज का संकेत माना जाता है, लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता। कुछ इंफेक्शन भी प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लीडिंग की वजह बन सकते हैं।
आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. चंचल बताती हैं कि प्रेग्नेंसी में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, यीस्ट इंफेक्शन और क्लैमाइडिया जैसे इंफेक्शन के कारण ब्लीडिंग हो सकती है। इनसे योनि और सर्विक्स में सूजन और जलन हो जाती है। प्रेग्नेंसी के दौरान यूटरिन सर्विक्स काफी सेंसिटिव हो जाता है और इसमें खून की नसें ज्यादा होती हैं। ऐसे में हल्की सी जलन, रगड़ या प्रेशर से भी ब्लीडिंग हो सकती है। यही वजह है कि कई बार सेक्सुअल रिलेशन के बाद ब्लीडिंग बढ़ जाती है।
यह इंफेक्शन यूरेथ्रा और ब्लैडर में होता है। प्रेग्नेंसी में यूट्रस का साइज बढ़ने से ब्लैडर पर प्रेशर पड़ता है, जिससे पेशाब पूरी तरह से खाली नहीं हो पाता। बचे हुए पेशाब में बैक्टीरिया तेजी से बढ़ते हैं, जिससे यूटीआई का खतरा बढ़ जाता है। यह इंफेक्शन यूरिन मार्ग में सूजन पैदा करता है, जिससे ब्लीडिंग हो सकती है। अगर यह किडनी तक पहुंच जाए, तो समस्या गंभीर हो सकती है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, जो यीस्ट को बढ़ाने का मौका देता है। इसलिए, हार्मोनल बदलाव के कारण गर्भवती महिलाओं को यह इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा होता है। इस इंफेक्शन से योनि में खुजली, जलन और सूजन होती है। ज्यादा खुजली या इंफेक्शन गंभीर होने पर नाजुक टिश्युओं से खून निकलने लगता है।
क्लैमाइडिया एक सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन है, जिससे सर्विक्स में सूजन होने लगती है। यह सूजन यूटरिन सर्विक्स को इतना सेंसिटिव बना देती है कि मामूली छूने या सेक्शुअल रिलेशन बनने से भी खून बहने लगता है। अगर प्रेग्नेंसी में इसका इलाज न किया जाए, तो यह यूटरिन सर्विक्स में सूजन पैदा करता है, जिससे ब्लीडिंग हो सकती है। यह शिशु के लिए भी खतरनाक हो सकता है।
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यह इंफेक्शन योनि और सर्विक्स में जलन पैदा कर सकते हैं, खासकर सेक्शुअल रिलेशन के बाद। यीस्ट या फंगल इंफेक्शन गंभीर होने पर ब्लीडिंग का कारण बन सकते हैं। इसलिए, हमेशा अपने शरीर का ध्यान रखें और छोटे-छोटे बदलावों पर भी गौर करें ताकि भविष्य में होने वाली समस्याओं से बचा जा सके।
अगर आप गर्भवती हैं और आपको किसी भी तरह की ब्लीडिंग या स्पॉटिंग हुई है, तो घबराएं नहीं। हर बार ब्लीडिंग का मतलब मिसकैरेज या कोई गंभीर समस्या नहीं होता। फिर भी सेफ और हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए किसी अच्छी गायानेकोलॉजिस्ट के पास जरूर जाएं।
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