सितंबर 2025 चंद्र ग्रहण: तिथि, समय और सूतक काल की पूरी जानकारी यहां लें

इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण पूर्ण ग्रहण होगा और इस दिन चंद्रमा का रंग लाल होगा। ऐसे में आपको इसकी तिथि के साथ समय की पूरी जानकारी भी लेनी चाहिए, जिससे आप इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखें। आइए यहां जानें इस ग्रहण के बारे में कुछ बातें विस्तार से।
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ज्योतिष शास्त्र में कोई भी ग्रहण एक बड़ी खगोलीय घटना का संकेत देता है। ऐसे ही हिंदू धर्म में भी ग्रहण का विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि किसी भी ग्रहण का आम लोगों पर भी प्रभाव होता है। इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 07 सितंबर को लगने वाला है। राजस्थान के ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी जी बताते हैं कि हिंदू पंचांग और खगोलीय गणना के अनुसार सितंबर 2025 में लगने वाला चंद्र ग्रहण खास महत्व रखता है। भारत समेत कई देशों में दिखाई देने वाला यह ग्रहण न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, बल्कि धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी ये विशेष प्रभाव डालेगा। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के समय सूर्य, चंद्र और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाते हैं, जिससे चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है और चंद्रमा धूमिल या लाल दिखाई देने लगता है। चंद्रग्रहण किसी भी पूर्णिमा तिथि को पड़ता है क्योंकि इस दिन पूर्ण चंद्रमा की रात होती है। आइए जानें सितंबर महीने में लगने वाले साल के दूसरे चंद्र ग्रहण के सूतक काल, तिथि और समय से जुड़ी सभी बातें यहां विस्तार से।

सितंबर 2025 में कब पड़ रहा है चंद्र ग्रहण?

  • सितंबर 2025 में चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 रविवार, भाद्रपद पूर्णिमा के दिन पड़ेगा। यह चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को लगेगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा और भाद्रपद महीने की पूर्णिमा तिथि पर लगेगा।
  • साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को रात 9:58 मिनट से शुरू होकर रात्रि 1:26 मिनट तक रहेगा। इस दौरान चंद्रमा का रंग लाल नजर आएगा। इसे ब्लड मून कहा जाएगा।
  • यह चंद्र ग्रहण एशियाई देशों और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में 7 सितंबर को पूर्ण चंद्र ग्रहण के रूप में दिखेगा। वहीं दुनिया के अन्य हिस्सों में इस ग्रहण के कुछ चरणों की झलक देखने को मिलेगी।
  • अगर हम भारत की बात करें तो यह 7 सितंबर को भारत , चीन, रूस, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया और पूर्वी अफ्रीका में देखने को मिलेगा।
lunar eclipse on september

चंद्र ग्रहण सितंबर 2025 कब लगेगा सूतक काल?

  • चंद्र ग्रहण से लगभग 9 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है। ऐसे में 07 सितंबर दोपहर 12:57 से ही सूतक काल लग जाएगा।
  • चूंकि यह चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल यहां भी मान्य होगा। सूतक काल के दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे और पूजा-पाठ की मनाही होगी।
  • ग्रहण से पहले लगने वाले सूतक काल के दौरान पूजा-पाठ के अलावा कुछ अन्य चीजों की मनाही भी होती है।
  • वहीं ग्रहण के दौरान प्रेग्नेंट महिलाओं को भी कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है। इस दौरान आपको कोई भी चीज जैसे सब्जी या फल काटनी नहीं चाहिए।
  • इस दौरान आप पूजा-पाठ नहीं कर सकती हैं, लेकिन मंत्रों का जाप कर सकती हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार क्यों लगता है चंद्र ग्रहण

यदि हम विज्ञान की मानें तो चंद्र ग्रहण के कारण अलग हैं, लेकिन ज्योतिष के अनुसार ग्रहण छाया ग्रह राहु और केतु के कारण लगता है।

chandra grahan kab hai

ऐसा माना जाता है जब चंद्रमा राहु और केतु के पास पहुंचता है और सूर्य के विपरीत होता है, तो चंद्रग्रहण होता है। वहीं पौराणिक कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकला तो राहु ने धोखे से अमृत पी लिया था, जिसके बाद विष्णु जी के मोहिनी रूप ने उसका सिर धड़ से अलग कर दिया था, उसी समय से राहु और केतु सूर्य-चंद्रमा को आज भी निगल जाते हैं और इसी वजह से सूर्य और चंद्र ग्रहण लगता है।

साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 07 सितंबर को पड़ने वाला है और यह भारत में भी मान्य होगा, इसलिए आप भी सूतक काल के नियमों का पालन करें। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Images: freepik. com

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