अधिकतर लोगों को डाइजेशन की समस्या होती है और उनके साथ IBS (Irritable Bowel Syndrome) की समस्या बहुत आम है। खाना खाने के बाद ही अगर तुरंत बाथरूम की ओर भागने की जरूरत पड़े और फिर भी पेट साफ न हो। आपको दिन में दो-चार बार जाने की जरूरत पड़े या फिर आपके स्टूल में म्यूकस आदि आने लगे तो फिर समझ जाएं कि ये बहुत खतरनाक स्थिति है।
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम कई तरह का हो सकता है और ये ऐसी स्थिति होती है कि आपको परेशानी भी होती रहती है। अगर आपको भी ऐसी समस्या है तो ये आपके रोज़ाना के काम में भी परेशानी पैदा कर सकता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा भावसार ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इस समस्या से जुड़ी कुछ जानकारी शेयर की है। ये वो समस्या है जिससे परेशान कई लोग रहते हैं, लेकिन वो इसके बारे में जानते नहीं हैं।
डॉक्टर दीक्षा ने कुछ लक्षण भी बताए हैं कि किस तरह से आप ये पता कर सकते हैं कि आपको इरिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या हो रही है।
इसे जरूर पढ़ें- Expert Tips: पाचन को रखना है दुरुस्त, तो डाइट में शामिल करें ये 5 ड्रिंक्स
ये सारी समस्याएं अगर रोज़ाना हो रही हैं तो ये आपको परेशान करने के लिए काफी हैं। ये समस्याएं पेट में आगे चलकर अलसर की समस्या भी पैदा कर सकती हैं। ऐसे में रोजमर्रा का काम करना भी काफी मुश्किल हो जाता है।
डॉक्टर दीक्षा ने इस समस्या से बचने की कुछ टिप्स के बारे में भी बताया है। ये टिप्स न सिर्फ आईबीएस में मदद करेंगी बल्कि ये कोलिटिस, डिसेंट्री, SIBO या आंतों से जुड़ी अन्य समस्याओं के लिए भी मददगार साबित हो सकती हैं।
यह विडियो भी देखें
View this post on Instagram
आपके लिए पुदीने का पानी पीना भी मददगार साबित होगा। ये आप हर रोज़ पी सकती हैं और इसे एक बार में पीने की जगह सिप-सिप कर पीना सही होगा। एक बोतल में पुदीने वाला पानी बनाकर रख लें। इसमें शक्कर आदि डालने की जरूरत नहीं है। बस पानी में पुदीने की पत्तियां डालें और इसे रोज़ाना पिएं। ये आपकी आंतों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। ये न सिर्फ मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है बल्कि ये पेट में होने वाली जलन को भी कम करता है।
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम को कम करने के लिए बेल का फल हमेशा ही फायदेमंद साबित होता है। ये न सिर्फ अंदर होने वाली जलन को कम करता है बल्कि आंतों की कई समस्याओं से निजाद दिलाता है। ये अल्सर आदि के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है और इसलिए आपको इसे शर्बत, कैंडी या फिर पाउडर की तरह से आपको इस्तेमाल करना चाहिए।
आप रोज़ाना छाछ का सेवन भी करें। इससे पेट की गर्मी शांत होती है और छाछ हमेशा पाचन शक्ति को भी बढ़ावा देती है। छाछ को आयुर्वेद में IBS के मरीज़ों के लिए अमृत माना जाता है। ये आपके खाने को आसानी से पचा देगी।
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम हमेशा पेट की पाचन प्रक्रिया पर असर करता है और पेट की जलन को बढ़ाता है। इसलिए बेहतर है कि आप कुछ खास तरह के खाने से दूर रहें, जैसे-
इसे जरूर पढ़ें- डाइजेशन बेहतर बनाने के साथ पेट की प्रॉब्लम्स दूर करते हैं ये 5 सुपरफूड्स
अगर आपको स्ट्रेस ज्यादा होता है तो ये सभी आंतों से जुड़े डिसऑर्डर्स को बढ़ा देगा। खासतौर पर ये IBS के लिए तो ज्यादा ही खतरनाक होता है। ऐसे में प्राणायाम, मेडिटेशन, सूरज की धूप पर्याप्त मात्रा में लेना, विटामिन-डी की कमी नहीं होने देना, अच्छा म्यूजिक सुनना, अपने प्रियजनों के साथ समय बिताना, पढ़ना, गैजेट्स से दूरप रहना बहुत काम का साबित हो सकता है। ये सब कुछ आपका स्ट्रेस लेवल कम करने का काम करेंगे।
हर शरीर अलग होता है और इसलिए ये जरूरी है कि आप अपने शरीर के हिसाब से ही डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करें। अगर आपको ऊपर बताई गई किसी चीज़ से एलर्जी है या फिर वो सूट नहीं करती है तो उसका इस्तेमाल न करें। इसी के साथ, आप इस सिंड्रोम के ट्रीटमेंट के लिए डॉक्टर से बात जरूर कर लें। अगर आप ऐसा करेंगे तो सही ट्रीटमेंट मिलने की गुंजाइश ज्यादा होगी।
अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।