जामुन को संस्कृत में 'जम्बूलन' कहते हैं और हिंदू पौराणिक कथाओं में इसे 'देवताओं का फल' माना जाता है। जामुन सिर्फ एक स्वादिष्ट फल नहीं, बल्कि आयुर्वेद में इसे एंटी-डायबिटिक, एंटी-डायरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-वायरल जड़ी-बूटी के रूप में वर्णित किया गया है। यह सच में एक 'औषधि' है। इसके गुण इतने हैं कि यह शरीर की कई समस्याओं को दूर करने में मददगार है।
जामुन एक मीठा और कसैला फल है, जो गर्मियों और मानसून में आसानी से उपलब्ध होता है और इसके स्वास्थ्य लाभों को जानने के बाद आप भी इसे अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहेंगी। आज हम आपको बताएंगे कि जामुन कैसे खाएं और चमत्कारी फायदे क्या हैं? इसकी जानकारी BAMS डॉक्टर चैताली राठौड़ ने सोशल मीडिया से शेयर की है।
डायबिटीज और ब्लड शुगर लेवल होता है बैलेंस
जामुन को डायबिटीज रोगियों के लिए वरदान माना जाता है और इसके बीजों में तो और भी ज्यादा औषधीय गुण होते हैं।
ऐसे खाएं जामुन के बीज
- जामुन के बीजों का पाउडर 3 से 6 ग्राम की मात्रा में लें। इसे खाने से पहले दिन में दो बार लें।
जामुन के बीज का पाउडर डायबिटीज को कंट्रोल करने का जबरदस्त फायदेमंद है। यह ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस करता है, जिससे अचानक शुगर बढ़ने का खतरा कम होता है। इसके अलावा, यह दस्त और अस्थमा जैसी श्वसन से जुड़ी समस्याओं में भी असरदार होता है। जामुन के बीज में 'जम्बोलिन' नाम का एक्टिव तत्व होता है, जो ब्लड में ग्लूकोज के लेवल को कम और इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करता है। यह पैंक्रियास के बीटा सेल्स को बढ़ता है, जिससे इंसुलिन सही तरीके से बनता है।
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पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग में फायदेमंद
महिलाओं में होने वाली हैवी ब्लीडिंग की समस्या कई बार शरीर में कमजोरी और एनीमिया का कारण बन सकती है। इसमें जामुन आपकी मदद कर सकता है।
ऐसे खाएं जामुन का पाउडर
- 3 ग्राम जामुन के बीज का पाउडर चावल के पानी के साथ लेने से काफी अच्छे रिजल्ट मिल सकते हैं।
जामुन में एस्ट्रिंजेंट गुण होते हैं, जो पीरियड्स में होने वाली हैवी ब्लीडिंग को कंट्रोल करते हैं। चावल का पानी इसे शरीर में बेहतर तरीके से पहुंचाने में मदद करता है। यह महिलाओं के लिए नेचुरल और असरदार घरेलू उपाय हो सकता है।
बढ़ सकता है आयरन का लेवल
ज्यादातर महिलाओं में आयरन की कमी पाई जाती है। अगर आपके शरीर में भी खून कम है,तो डाइट में जामुन को शामिल करें। यह आयरन और विटामिन-सी का बहुत अच्छा स्रोत है।
ऐसे खाएं जामुन
- जामुन के ताजे फल को चबाकर खाएं या अपनी पसंद के अनुसार इसका जूस पिएं।
जामुन में आयरन प्रचुर मात्रा में होता है, जो रेड ब्लड सेल्स के प्रोडक्शन के लिए जरूरी है। साथ ही, इसमें विटामिन-सी भी भरपूर होता है, जो शरीर में आयरन के अवशोषण को बढ़ाता है। यह एंटी-ऑक्सीडेंट का सबसे अच्छे स्रोतों में से एक है, जो सेल डैमेज से बचाता है और स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। रेगुलर जामुन खाने से एनीमिया दूर होता है और एनर्जी का लेवल बढ़ता है।
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डाइजेशन को रखता है दुरुस्त
डाइजेशन का अच्छा होना और शरीर से टॉक्सिंस को निकालना हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए जरूरी है। जामुन इसमें भी आपकी मदद कर सकता है।
ऐसे पिएं जामुन का जूस
- जामुन के ताजे फल का 10-15 मिलीलीटर जूस लें। इसमें थोड़ा-सा भुना जीरा पाउडर और काला नमक मिलाएं। इसे भोजन से पहले पिएं।
यह डाइजेशन को ठीक करता है, गैस्ट्रिक समस्याओं को कम करता है और शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालता है। जीरा और काला नमक इसके पाचन गुणों को और बढ़ा देते हैं, जिससे पेट हल्का महसूस होता है और कब्ज की समस्या दूर होती है।
अगर आप भी इन समस्याओं में से किसी से परेशान हैं, तो जामुन खाना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Shutterstock
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