महिलाओं में क्यों होती है मैग्नीशियम की कमी, जानिए इसके पीछे की असली वजह

मैग्नीशियम शरीर के जरूरी मिनरल्स में से एक है जो हमारी बॉडी के 300 से भी ज़्यादा कामों में शामिल होता है। हालांकि, कुछ वजहों के चलते ज़्यादातर महिलाओं के शरीर में इसकी कमी पाई जाती है। जानिए इस लेख में।
Low magnesium in women

अक्सर हम सभी मैक्रो-न्यूट्रिएंट्स इनटेक पर बहुत अधिक ध्यान देते हैं। लेकिन शरीर को मैक्रो ही नहीं, माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स की भी उतनी ही ज्यादा जरूरत होती है। कई तरह के विटामिन और मिनरल्स होते हैं, जो शरीर की कार्यप्रणाली को सही तरह से काम करने में मदद करते हैं। इन्हीं में से एक है मैग्नीशियम। यह शरीर के लिए बेहद ही जरूरी मिनरल है, क्योंकि यह हमारे मूड, नींद, एनर्जी, हार्मोन और पीरियड्स दृ सबको बैलेंस में रखने में मदद करता है। लेकिन अक्सर महिलाओं के शरीर में इसकी कमी पाई जाती है।

जब शरीर में मैग्नीशियम की कमी होती है तो शरीर खुद इस बात के संकेत देने लगता है। मसलन, बिना किसी खास कारण के थका हुआ महसूस करना, नींद ना आना, अजीब तरह की क्रेविंग्स होना आदि। महिलाओं के शरीर में मैग्नीशियम की कमी होना बेहद आम है और इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि महिलाओं के शरीर में मैग्नीशियम की कमी की मुख्य वजहें क्या हैं-

बहुत अधिक चाय, कॉफी या शुगर लेना

सुबह उठते ही मार्निंग टी लेना या फिर शाम की चार बजे की चाय अक्सर आपकी सेहत पर नेगेटिव असर डाल सकती है। दरअसल, चाय, कॉफी, एनर्जी ड्रिंक्स और शुगर आदि सब मैग्नीशियम को शरीर से पेशाब के ज़रिए बाहर निकालते हैं।

Is magnesium deficiency common in women

ऐसा नहीं है कि आपको इन्हें पूरी तरह से छोड़ देने की जरूरत है, बस आपको इसकी मात्रा को सीमित करना चाहिए। ध्यान दें कि अगर आप दिन में 3 या उससे ज़्यादा कप चाय या कॉफी पीती हैं, तो इसका सीधा मतलब है कि आप अपने शरीर से मैग्नीशियम निकाल रही हैं।

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बैलेंस्ड डाइट ना लेना

सेहत और डाइट का आपस में सीधा संबंध है। आप दिनभर में क्या खाती हैं, उससे आपकी स्किन और सेहत दोनों पर असर पड़ता है। अधिकतर महिलाओं की डाइट में हरी सब्ज़ियां और साबुत अनाज नहीं होते हैं।

What causes magnesium deficiency in women

अगर आप हर दिन इसे खाने की जगह सफेद चावल, मैदा, नूडल्स, बिस्कुट व पैक्ड स्नैक्स खाती हैं तो इससे शरीर में मैग्नीशियम की कमी होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। कोशिश करें कि आप नियमित रूप से पालक, मखाना, मेवे व साबुत अनाज आदि को अवश्य खाएं।

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हार्मोनल बदलाव होना

आपको शायद पता ना हो, लेकिन हार्मोन में बदलाव भी शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो सकती है। दरअसल, मैग्नीशियम और एस्ट्रोजन व प्रोजेस्टेरोन का आपस में गहरा रिश्ता होता है। पीरियड्स से पहले अक्सर शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो जाती है, जिसकी वजह से मूड स्विंग्स, क्रेविंग्स, सूजन व दर्द आदि काफी ज़्यादा महसूस होता है। वहीं, पीसीओएस और थायराइड की समस्या होने पर शरीर के मिनरल्स सही तरह से प्रोसेस नहीं हो पाते हैं। वहीं, मेनोपॉज़ के बाद तो शरीर में मैग्नीशियम का अवशोषण काफी कम हो जाता है। ऐसे में जरूरी है कि आप मैग्नीशियम रिच फूड्स व डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट्स भी ले सकती हैं।

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Image Credit- freepik

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