अगर आप चाहती हैं कि आपका शिशु गहरी नींद सोएं तो ये 1 ट्रिक आजमाएं

अगर आपका बच्‍चा भी ठीक से नहीं सोता है और इससे आपकी नींद भी खराब हो रही हैं। तो परेशान ना हो और इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें। 

child sleeping health card ()

आपने नोटिस किया होगा कि आपका नवजात शिशु या तो बहुत ज्‍यादा सोते हैं या बहुत कम। कुछ शिशु दिन-रात ज्‍यादातर समय सोते रहते हैं तो कुछ देर रात तक जागते रहते हैं और दिन में भी बहुत ज्‍यादा सोते हैं। तो कुछ थोड़ी-थोड़ी नींद लेकर उठ जाते हैं। अगर आपका बच्‍चा भी ठीक से नहीं सोता है और इसके चलते आप भी ठीक से सो नहीं पा रही हैं और आप इसका कारण और उपाय जानना चाहती हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए है।

शिशु को गहरी नींद सुलाने के टिप्‍स

जी हां कुछ नवजात शिशु बहुत ज्यादा सोते हैं तो कुछ बहुत कम। कोई देर रात तक जागता है तो कोई दिन हो या रात हर वक्त सोता रहता है। इसकी पीछे की वजह आपके घर का माहौल या जीन नहीं, बल्कि डाइट है। एक शोध में पता चला कि ब्रेस्‍टफीडिंग करने वाले शिशुओं की तुलना में ठोस आहार लेने वाले शिशुओं में नींद की समस्या कम होती है। शोध में पाया गया है जिन शिशुओं को जल्दी ठोस आहार देना शुरू किया गया, वे ज्यादा देर तक सोते हैं और रात में कम उठते हैं, और उन्हें लाइफ के पहले छह महीने के दौरान ब्रेस्‍टफीडिंग पर निर्भर रहने वाले शिशुओं की तुलना में नींद की गंभीर समस्या कम होती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपने शिशु को ब्रेस्‍टफीडिंग करवाना ही बंद कर दें। क्‍योंकि ब्रेस्‍टफीडिंग शिशु की सेहत के लिए बहुत अच्‍छा होता है।

child eating health card ()

क्‍या कहती है रिसर्च

किंग्स कॉलेज लंदन के प्रोफेसर ग्रिडेओन लैक ने कहा, "यद्यपि आधिकारिक सलाह यह है कि ठोस आहार देने से शिशुओं में रात के समय सोने की संभावना ज्यादा नहीं होती है, वहीं यह शोध कहता है कि इस सलाह को हमारे जुटाए गए साक्ष्यों के आलोक में फिर से जांच करने की जरुरत है"
इस शोध का प्रकाशन पत्रिका 'जामा पीडियाट्रिक्स' में किया गया है. शोधकर्ताओं ने 1,303 विशेष रूप से ब्रेस्‍टफीडिंग वाले तीन महीने के शिशुओं को दो समूहों में बांटकर इनका अध्ययन किया।

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