क्या आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ रहा है, क्या आपकी कमर का साइज भी बढ़ गया है? अगर ऐसा हो रहा है, तो कुछ फूड्स से दूरी बनाकर रखना बेहद जरूरी है। जी हां, यह सच है कि कुछ फूड्स को हेल्दी माना जाता है, लेकिन कुछ खास स्वास्थ्य समस्याओं में इन्हें खाने से बचना चाहिए। हाई ब्लड शुगर, वजन बढ़ने, मोटापे या हाई कोलेस्ट्रॉल से जूझ रही महिलाओं को इन फूड्स को सावधानी से या सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए। अपनी हेल्थ को बनाए रखने के लिए यह समझना बेेेहदद जरूरी है कि कौन से फूड्स आपके लिए फायदेमंद हैं और कौन से नहीं। BAMS डॉक्टर चैताली राठौड़ हमें 3 ऐसे फूड्स के बारे में बता रही हैं, जो आमतौर पर हेल्दी समझे जाते हैं, लेकिन कुछ बीमारियों में इनसे परहेज या सीमित मात्रा में खाना अच्छा होता है।
1. दही: कफ और सूजन बढ़ाने वाला
- दही को प्रोबायोटिक्स का बेहतरीन स्रोत माना जाता है और डाइजेशन के लिए फायदेमंद समझा जाता है, कुछ खास बीमारियों में समस्याएं पैदा कर सकता है।
- आयुर्वेद के अनुसार, दही में 'कफ दोष' बढ़ाने के गुण होते हैं। इसका मतलब है कि यह शरीर में नमी, भारीपन और बलगम को बढ़ा सकता है।
- यदि किसी को शरीर में सूजन की समस्या है, जैसे कि जोड़ों का दर्द, अस्थमा या किसी भी तरह की अंदरूनी सूजन, तो उन्हें दही खाने से बचना चाहिए।
- दही के कफ बढ़ाने वाले गुण सूजन को और बढ़ा सकते हैं। साथ ही, अगर डायबिटीज रोगी दही खाते हैं, तो उनका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।
- आयुर्वेद में दही को 'अभिष्यंदि' कहा गया है, जिसका अर्थ है, जो शरीर के चैनलों या स्रोतों को अवरुद्ध करता है।
- डायबिटीज में शरीर के सूक्ष्म चैनल पहले से ही प्रभावित होते हैं और दही का सेवन उन्हें और ज्यादा रोक सकता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना और भी मुश्किल हो सकता है।
- यह शरीर में 'आम' (टॉक्सिंस) को जमा कर सकता है, जिससे डायबिटीज से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
- इसलिए, अगर आप किसी भी तरह की सूजन या डायबिटीज से परेशान हैं, तो दही सावधानी से खाएं या अपने आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से सलाह लें।
2. गेहूं: कार्बोहाइड्रेट और ग्लूटेन का स्रोत
- भारतीय घरों में गेहूं एक मुख्य आहार है, लेकिन इसमें कार्बोहाइड्रेट और ग्लूटेन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है।
- वजन बढ़ाने या 'बलप्रदा' (ताकत बढ़ाने) की इच्छा रखनी महिलाओं के लिए गेहूं फायदेमंद हो सकता है, बशर्ते उनका डाइजेस्टिव सिस्टम मजबूत हो। यह शरीर को एनर्जी और शक्ति देता है।
- डायबिटीज रोगियों को भी गेहूं से परहेज करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि, इसमें कार्बोहाइड्रेट बहुत ज्यादा होते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाते हैं।
- गेहूं से परहेज करके ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके अलावा, गेहूं में ग्लूटेन होता है, जो कुछ लोगों में ग्लूटेन सेंसिटिविटी या सीलिएक रोग का कारण बन सकता है, जिससे डाइजेशन संबंधी समस्याएं और सूजन हो सकती है। डायबिटीज रोगियों में अक्सर पेट से जुड़ी समस्याएं पहले से ही होती हैं और ग्लूटेन उन्हें और बढ़ा सकता है।
- गेहूं की जगह आप बाजरा, ज्वार, रागी या कुट्टू जैसे विकल्पों को चुन सकती हैं, जिनमें लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ज्यादा फाइबर होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रख सकता है।
3. गुड़ चीनी का 'हेल्दी' विकल्प
- कई महिलाएं जिन्हें डायबिटीज है या जो हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना चाहती हैं, वह रिफाइंड शुगर की जगह गुड़ खाने लगती हैं। उन्हें लगता है कि गुड़ चीनी से बेहतर है, क्योंकि यह नेचुरल है और इसमें कुछ मिनरल्स होते है।
- हालांकि, डायबिटीज में यह शुगर लेवल को बनाए रखने में प्रभावी नहीं होता है। जी हां, यह आपको मिठाई का एक हेल्दी विकल्प दे सकता है, क्योंकि इसमें रिफाइंड शुगर की तुलना में ज्यादा मिनरल्स जैसे आयरन होते हैं और यह 'पूरी तरह से खाली कैलोरी' नहीं होता है। लेकिन, यह फिर भी एक प्रकार की चीनी ही है और चीनी कुछ भी हो, वह ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाएगी ही।
- इसलिए, डायबिटीज से परेशान महिलाओं को गुड़ सीमित मात्रा में ही खानी चााहिए। किसी भी प्रकार की चीनी, चाहे वह नेचुरल स्रोत से हो या रिफाइंड हो, डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकती है।
अगर आपको भी डायबिटीज है और आपका वजन बढ़ रहा है, तो इन 3 चीजों को खाने से बचना चाहिए। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Freepik & Shutterstock
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