अगर आपने थिएटर में फिल्में देखी हैं तो यकीनन वहां बैठे-बैठे पॉपकॉर्न खाने का मन भी बनाया ही होगा। फिल्म देखते हुए पॉपकॉर्न खाना जैसे किसी तरह का रूटीन ही हो गया है। पर क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों है? फिल्मों और पॉपकॉर्न का नाता इतना गहरा क्यों है?
इसी के साथ, एक और चीज़ ये भी है कि मूवी थिएटर में जो पॉपकॉर्न मिलते हैं वो हमेशा ही या तो बहुत ज्यादा मीठे होते हैं या फिर बहुत ही ज्यादा नमकीन लगते हैं। खाने की किसी भी चीज़ में ज्यादा नमक हो जाए तो वो स्वाद में काफी खराब लगने लगती है, लेकिन फिर भला क्यों मूवी थिएटर वाले अपने यहां मिलने वाले पॉपकॉर्न के साथ ऐसा करते हैं?
आखिर क्यों मूवी थिएटर के पॉपकॉर्न होते हैं इतने नमकीन
सबसे पहले तो आप ये समझ लीजिए कि मूवी थिएटर वालों को न्यूट्रिशन की कोई चिंता नहीं होती है और वो अपने पॉपकॉर्न में किसी भी तरह का फ्लेवर डाल सकते हैं। ऐसे में वो इनमें ज्यादा नमक और मक्खन का फ्लेवर डालते हैं जिससे इनका स्वाद थोड़ा बदल जाए। यही कारण है कि घर में बनाए पॉपकॉर्न कभी भी मूवी थिएटर वाले पॉपकॉर्न की तरह नहीं होते।
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इसका एक कारण ये भी है कि ज्यादा नमकीन पॉपकॉर्न आपकी प्यास को और बढ़ा सकते हैं। आपने देखा होगा कि पॉपकॉर्न के साथ हमेशा ही कोल्डड्रिंक का कॉम्बो रखा जाता है और ये एक मार्केटिंग का तरीका माना जा सकता है। इससे मूवी थिएटर वालों का ज्यादा फायदा होता है और आपकी जेब पर ज्यादा असर पड़ता है।
हालांकि, एक रिपोर्ट बताती है कि फिल्म थिएटर में Flavacol नामक इंग्रीडिएंट भी पॉपकॉर्न में इस्तेमाल किया जाता है जिससे उनका स्वाद इतना स्पेसिफिक रहता है। अब फिल्म देखते-देखते कुछ तो चबाना है और अगर थिएटर वाले मूंगफली जैसी चीज़ रखेंगे तो उनका मुनाफा इतना नहीं होगा। पॉपकॉर्न आसानी से स्पेस ज्यादा लेता है ताकी डिब्बों को बड़ा दिखाया जा सके और यूजर्स को ये भ्रम हो कि उन्हें ज्यादा क्वांटिटी की चीज़ मिल रही है।
आखिर क्यों नहीं खाने चाहिए थिएटर वाले पॉपकॉर्न?
अब हमने पहले ये बात तो कर ली है कि थिएटर वाले पॉपकॉर्न में बहुत ज्यादा नमक क्यों होता है, लेकिन इन्हें खाना भी चाहिए या नहीं इसे लेकर भी बात करनी जरूरी है। हम आपको कुछ कारण बताते हैं जिनकी वजह से आपको थिएटर वाले पॉपकॉर्न खाने से बचना चाहिए।
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जैसा कि हम पहले बता चुके हैं कि इसमें फ्लेवर और नमक बहुत होता है और इसके कारण ये कैलोरी से भरपूर होते हैं। मीडियम पॉपकॉर्न में 720 कैलोरी और लार्ज पॉपकॉर्न में 1200 कैलोरी तक हो सकती हैं।
बटर पॉपकॉर्न में असल वाला मक्खन नहीं बल्कि बस बटर फ्लेवर्ड ऑयल का इस्तेमाल होता है।
ये पॉपकॉर्न फ्रेश नहीं होते हैं और इन्हें सिर्फ गर्म किया जाता है। हो सकता है ये पॉपकॉर्न काफी समय से वहां मौजूद हों।
इसमें नमक बहुत ही ज्यादा होता है जो आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता।
फिल्म थिएटर में मिलने वाले पॉपकॉर्न में बहुत ज्यादा मात्रा में सैचुरेटेड फैट होता है।
तो अब फिल्म थिएटर में मिलने वाले पॉपकॉर्न के बारे में आपको पता चल गया है। अगर आप इन्हें खाना चाहते हैं तो खाएं, लेकिन ध्यान रखें कि ये सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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