क्या आपको पता है प्लांटेन और केले में अंतर?

केला और प्लांटेन दोनों एक जैसे दिखते हैं। केला मीठा होता है लेकिन क्या आपने प्लांटेन को कभी खाकर देखा है? आज इस आर्टिकल में चलिए आपको इन दोनों के बीच का अंतर बताएं।

difference between banana and plantain

आपको प्लांटेन के बारे में भले ही कुछ न पता हो, लेकिन कच्चा केला सुनते ही आप समझ जाएंगे कि यहां बात किसकी हो रही है। केला और कच्चा केला जिसे प्लांटेन कहते हैं दोनों ही फल हैं। कच्चे केले को जहां कुकिंग में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है वहीं पके हुए केले को फल, स्मूदी और शेक जैसी चीजों में इस्तेमाल किया जाता है। केला और कच्चा केला एक जैसे ही दिखते हैं, इसलिए लोग इन्हें एक ही समझ लेते हैं। हालांकि इन दोनों में दिखने से लेकर स्वाद तक में बड़ा अंतर होता है।

अगर आपने इन दोनों का स्वाद चखा है तो आप जरूर दोनों के बीच का अंतर बता पाएंगे। केले और प्लांटेन में एक अंतर यह भी है कि प्लांटेन का साइज अमूमन बड़ा होता है। वहीं जो लोग इन दोनों को एक ही समझते हैं, हम उनके लिए यह आर्टिकल लेकर आए हैं। चलिए आपको बताएं कि स्वाद के अलावा इनमें और क्या अंतर है।

केला

Banana

पीले छिलके वाला एक मीठा फल जिसका गूदा पका हुआ होता है। इनके छिलके को निकालना आसान होता है और इन्हें पकाने के साथ-साथ लोग डेजर्ट, स्मूदी, शेक और सलाद आदि में खाते हैं। यह कई पौष्टिक न्यूट्रिएंट्स जैसे फाइबर और पोटैशियम का अच्छा स्रोत होते हैं जिनकी जरूरत आपके शरीर को होती है।

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कच्चा केला

Raw banana uses

केला पकने से पहले कच्चा होता है, लेकिन प्लांटेन आमतौर पर केले से लंबे होते हैं और उनका छिलका मोटा होता है। प्लांटेन में पके हुए केले से ज्यादा स्टार्च पाया जाता है और यह उनकी तरह मीठे भी नहीं होते। इन्हें उबालकर, बेक करके और फ्राइ करके खाया जाता है। (कच्चे केले को स्टोर करने के अमेजिंग टिप्स)

स्वाद का अंतर

जैसा कि हमने आपको ऊपर भी बताया कि दोनों में स्वाद का अंतर होता है। पका हुआ केला बहुत सॉफ्ट और मीठा होता है और पकने बाद इसकी मिठास भी बढ़ती है। केला और प्लांटेन जब कच्चे होते हैं तो उनके स्वाद में थोड़ी समानतो होती है लेकिन पकने के बाद दोनों का स्वाद काफी अलग हो जाता है। प्लांटेन का स्वाद और टेक्सचर आपको मैश आलू की तरह लग सकता है, जिसमें बहुत थोड़ी मिठास होती है।

न्यूट्रिएंट्स का अंतर

Raw banana recipes

केले की तुलना में प्लांटेन फाइबर, विटामिन्स और मिनरल्स का अच्छा स्रोत है। इनमें अच्छी मात्रा में विटामिन-सी होता है जो इम्यून फंक्शन को सपोर्ट करता है। पका हुआ कच्चा केला आलू की तरह ही लगता है, बस इसमें पोषक तत्व ज्यादा हैं। (केला खरीदते वक्‍त रखें इन बातों का ध्‍यान) इतना ही नहीं प्लांटेन विटामिन-ए, बी-6, मैग्नीशियम और पोटेशियम का भी अच्छा स्रोत है। केला ज्याद बहुत ज्यादा मीठा होता है, वहीं इसमें कम मीठापन होता है जिसके कारण यह केले से बेहतर है।

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दोनों को सर्व करने में अंतर

अब जैसा कि हमें पता है कि केले को फल के रूप में, स्मूदीज, शेक, डेजर्ट आदि में शामिल किया जाता है। सलाद की टॉपिंग्स में भी पके हुए केले का खूब इस्तेमाल होता है, लेकिन कच्चा केला लोग आमतौर पर पकाकर खाते हैं। कच्चे केले के चिप्स बनाए जाते हैं। कुछ लोग इसे बेक और फ्राई करके भी खाते हैं। गांव-देहात में कच्चे केले की सब्जी और चटनी भी खूब बनाई जाती हैं। इन्हें कैरेमलाइज करके पैनकेक के साथ भी सर्व किया जाता है।

लोग इन दोनों को भले ही एक समझ लें, लेकिन केले और प्लांटेन में टेस्ट, टेक्सचर और कुकिंग के बीच काफी अंतर होता है। अगर आप किसी अन्य तरीके से इनमें अंतर करते हैं, तो वो भी अपने लिख भेजें। हमें उम्मीद है यह लेख आपको पसंद आएगा। अगर यह लेख अच्छा लगा तो इसे लाइक और शेयर करें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए विजिट करें हरजिंदगी।

Image Credit- (@Freepik)

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