साउथ इंडियन डिशेज बनाते वक्त काम आएंगे ये बर्तनों, किचन में जरूर होने चाहिए

आज हम आपको कुछ ऐसे बर्तनों के बारे में बताएंगे, जो साउथ के किचन में जरूर मिलेंगे। लेकिन क्या आपके पास इन बर्तनों की लिस्ट है? अगर नहीं, तो आइए एक बार जानने की कोशिश करते हैं।  

 
traditional utensils in south indian

साउथ इंडिया के फ्लेवर ही नहीं, कई मसाले भी भिन्न होते हैं। आपने अगर कभी दक्षिण भारत को एक्सप्लोर किया है, तो आपको पता होगा कि नॉर्थ इंडिया में बनने वाला डोसा और सांभर साउथ इंडिया के डोसे से कितना अलग होता है। दक्षिण भारतीय व्यंजन अपने गजब के स्वाद, खुशबूदार मसालों, जिन्हें अलग-अलग तरह से इस्तेमाल किया जाता है।

यही वजह है कि साउथ इंडियन कुजीन को नॉर्थ इंडिया में भी इतना पसंद किया जाता है। यहां के व्यंजनों में कुछ ऐसे मसाले डाले जाते हैं, जिसे सिर्फ साउथ के एरिया में इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, इन व्यंजनों को बनाने के लिए डिफरेंट तरह के बर्तन का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में अगर आप भी साउथ इंडियन व्यंजन का लुत्फ उठाना चाहते हैं, तो अपने किचन में इन बर्तनों को शामिल करें।

कलचट्टी

Kalachatti

यह बर्तन न केवल खाना पकाने के लिए उपयोगी होते हैं, बल्कि ये साउथ की संस्कृति और परंपराओं का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका उपयोग न केवल व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाता है, बल्कि इसे स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी लाभकारी माना जाता है। कलचट्टी में सांभर, करी, और अन्य प्रकार के सूप और स्ट्यू पकाने के लिए आदर्श होता है।

इसे जरूर पढ़ें-Kitchen Hacks: ये 4 किचन हैक्स आपके आएंगे बहुत काम, झटपट हो जाएगा काम

यह मसालों और सामग्री के स्वाद को बढ़ाता है। सब्जियों को पका नेके लिए इसका उपयोग किया जाता है, विशेष रूप से वे व्यंजन जिनमें अधिक समय और धीमी आंच की जरूरत होती है। हालांकि, इसका इस्तेमाल करने से पहले और बाद में कलचट्टी को अच्छी तरह से धोना चाहिए।

इडली पॉट

Idli pot

यह साउथ इंडिया की रसोई का एक पारंपरिक बर्तन है। यह खास बर्तन इडली बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो साउथ में बहुत बनाई जाती है। इडली पॉट में छोटे-छोटे खांचे होते हैं, जिनमें इडली के बैटर को डालकर भाप में पकाया जाता है। इडली पॉट स्टेनलेस स्टील, एल्यूमिनियम, या कभी-कभी ब्रास (पीतल) से बना होता है।

इसमें इडली पकाने के लिए अलग-अलग लेवल्स पर ट्रे होती हैं, जो स्टेनलेस स्टील की होती हैं। इडली पॉट भाप का इस्तेमालकरके इडली को पकाता है, जिससे इडली नरम और स्पंजी बनती है।

डोसा तवा

Dosa tawa uses

डोसा तवा एक तरह का बर्तन है, जो दक्षिण भारतीय रसोई में डोसा और उत्तपम बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। यह तवा अपनी सपाट और गोल सतह के लिए जाना जाता है, जो डोसा को कुरकुरा और समान रूप से पकाने में मदद करता है। पारंपरिक रूप से, डोसा तवा लोहे का बना होता है, जो अच्छी गर्मी उत्पन्न करता है और डोसा को एक समान रूप से पकाने में मदद करता है।

डोसा तवा आमतौर पर बड़ा और गोलाकार होता है, जिससे बड़े आकार का डोसा बनाया जा सकता है। हालांकि, इस्तेमाल के बाद तवा को गरम पानी से धोकर सूखा लेना चाहिए। नॉन स्टिक तवा को स्क्रब से बचाना चाहिए।

आचु पाटिराम

एक पारंपरिक दक्षिण भारतीय रसोई बर्तन है, जिसका उपयोग विशेष रूप से मोदक और अन्य स्टीम्ड मिठाई बनाने के लिए किया जाता है। यह बर्तन अपने अनूठे डिजाइन और विशिष्ट इस्तेमाल के लिए जाना जाता है। आचु पाटिराम आमतौर पर पीतल या कांसे से बना होता है। यह बर्तन गोलाकार और छोटे आकार का होता है, जिसमें एक विशेष प्रकार की स्टीम होती है।

इसे जरूर पढ़ें-कनॉट प्लेस की इन जगहों पर खा सकते हैं डिलिशियस छोले भटूरे

इसके चारों ओर छोटे खांचे या आकार होते हैं जिनमें मिठाई का मिश्रण डाला जाता है। इसमें एक ढक्कन होता है, जो स्टीमिंग के दौरान सामग्री को सुरक्षित रखता है। आचु पाटिराम का मुख्य उपयोग मोदक बनाने के लिए होता है। मोदक एक स्टीम्ड मिठाई है जिसमें नारियल और गुड़ की भराई होती है।

आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।Image Credit- (@Freepik)

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP