खाने का असली स्वाद वास्तव में उसके तड़के से ही आता है। अमूमन हम जब भी कोई डिश बनाते हैं तो उसके तड़के से एक अलग ही स्वाद और खुशबू आने लगती है। तड़का लगाते समय अक्सर हम अलग-अलग मसालों का इस्तेमाल करते हैं। इन्हीं में शामिल है सरसों के दाने और जीरा। ये दोनों मसाले खाने के स्वाद को बढ़ाते हैं, लेकिन आपको यह भी पता होना चाहिए कि हर मसाला एक तरह से काम नहीं करता है। दोनों का अपना अलग स्वाद व खुशबू होती है, इसलिए आपको यह पता होना चाहिए कि किस डिश में किसे चुनना चाहिए।
वैसे सही तड़के का मसाला चुनना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। बस आपको कुछ छोटी-छोटी बातों का पता होना चाहिए और फिर आप हर बार एक परफेक्ट डिश तैयार कर पाएंगी। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि आपको सरसों और जीरा में से कब किसे इस्तेमाल करना चाहिए-
सरसों के दाने थोड़ा तीखे और हल्के कड़वे होते हैं। यही वजह है कि जब इनका इस्तेमाल तड़के में किया जाता है, तो डिश का टेस्ट एकदम से बदल जाता है। सरसों के दाने को तड़के में तब इस्तेमाल किया जाना चाहिए, जब आपको एक स्ट्रॉन्ग और टैंगी टेस्ट चाहिए होता है।
अमूमन साउथ इंडियन डिशेज जैसे सांबर, रसम, उपमा आदि में सरसों के दाने का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, अचार बनाते समय भी सरसों का इस्तेमाल करना अच्छा विचार है। सरसों के दाने से तड़का लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप इसे बहुत देर तक ना पकाएं, अन्यथा ये कड़वे हो जाएंगे। अगर सरसों के दाने का तड़का लगाते समय उसमें करी पत्ते को भी शामिल किया जाए तो इससे टेस्ट कई गुना बेहतर हो जाता है।
जीरा वास्तव में सरसों जितना तीखा नहीं होता, इसलिए ये खाने को टेस्ट को ओवरपावर नहीं करता है। भारतीय रसोई में अधिकतर जीरे का तड़का लगाया जाता है।
आप इसे ज्यादातर नॉर्थ इंडियन दाल, सब्जियां, खिचड़ी या चावल आदि में इस्तेमाल कर सकती हैं। जीरे का तड़का लगाते समय आप उसे केवल खुशबू आने तक चटकाएं। कोशिश करें कि वह जले नहीं।
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जरूरी नहीं है कि हर बार दोनों में से एक ही मसाले का इस्तेमाल किया जाए। अगर आप चाहें तो कभी-कभी दाल तड़का या पोहा जैसी डिश में सरसों और जीरा दोनों का इस्तेमाल कर सकती हैं। जहां सरसों से तड़के में जोरदार पंच आता है, वहीं जीरा एक बेहतरीन खुशबू देता है। हालांकि, जब आप दोनों का इस्तेमाल कर रही हैं तो ऐसे में सरसों का इस्तेमाल कम मात्रा में ही करें।
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