बारिश की फुहारें गर्मी से राहत देती हैं। इसलिए बारिश हर किसी को पसंद आती है। लेकिन बारिश में कई सारी बीमारियां भी फैलने लगती हैं। खासकर संक्रमण इस मौसम की सबसे खतरनाक बीमारी है जो हर किसी को परेशान कर देती है। कई लोगों की ये जान भी ले लेती है। मानसून में महिलाओं को सबसे अधिक दिक्कत होती है। क्योंकि उन्हें काफी ज्यादा समय पानी में बिताना (बर्तन और कपड़े धोने समय) पड़ता है। जिसके कारण पानी के संक्रमण से भी जुड़ी कई सारी बीमारियां हो जाती हैं।
अगर पानी का ख्याल रख भी लिया तो भी इस मौसम में फैलने वाली पेट की बीमारियों से बचना मुश्किल होता है। दरअसल मानसून में खाना बहुत ही जल्दी संक्रमित हो जाता है जिसके कारण इस मौसम में पेट से जुड़ी कई सारी समस्याएं होती हैं। इन समस्याओं से बचने के टिप्स जानने लिए हर जिंदगी ने शालीमार स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल की डायटिशियन सिमरन सैनी से बात की तब उन्होंने हमें इस बारे में विस्तार से बताया। डायटिशियन सिमरन सैनी के अनुसार इस मौसम में महिलाओं को विशेष डाइट फॉलो करनी चाहिए। कुकिंग ऑयल का ख्याल रखना चाहिए। खाने की चीजों को खुला नहीं छोड़ना चाहिए आदि।
इस मौसम में उमस काफी ज्यादा होती है। जिसके कारण काफी गर्मी लगती है। वहीं जब अचानक से बारिश होती है तो मौसम तुरंत ठंडा हो जाता है। मौसम में होने वाले इस अचानक बदलाव से लड़ने के लिए हमें खाने का विशेष तौर पर ख्याल रखना चाहिए। डायटिशियन सिमरन सैनी कहती हैं मानसून के मौसम में सरसों के तेल, मक्खन या मूंगफली के तेल में खाना नहीं बनाना चाहिए। ये तेल भारी करते हैं। जिसके कारण पेट में दर्द और अपच की समस्या होती है। मानसून में लाइट खाना खाने के लिए जैतून का तेल, घी या सूरजमुखी तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। यह तेल दूसरे तेलों की तुलना में हल्के होते हैं।
इस मसौम में हरी मिर्च या हरे धनिये पत्ती से बनी चटनी जरूर खानी चाहिए। डायटिशियन सिमरन सैनी कहती हैं कि इस मौसम में सब्जियां भी कई बार खराब निकल जाती हैं। ऐसे में टमाटर, हरी मिर्च, पुदीना और हरे धनिये से बनी चटनी का सेवन करना चाहिए। इन सब्जियों में किसी भी तरह का मसाला और तेल नहीं पड़ता जिसके कारण ये पेट को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
डायटिशियन सिमरन सैनी कहती हैं कि जिम जाने वाली महिलाएं अगर कच्चा दूध और अंडा लेती हैं तो उन्हें इस मौसम में यह डाइट नहीं लेनी चाहिए। क्योंकि कच्चे दूध में इस मौसम में जल्दी बैक्टीरिया पनप जाते हैं जो पाचनतंत्र को प्रभावित करते हैं। जिससे उल्टी और दस्त की समस्या होती है। इसलिए इस मौसम में कच्चा दूध ना पिएं।
सबसे जरूरी चीज। इस मौसम में आठ से दस ग्लास पानी जरूर पिएं। डायटिशियन सिमरन सैनी कहती हैं कि मौसम अचानक ठंडा हो जाने से कई महिलाएं पानी का इनटेक कम कर देती हैं। यह गलत है। मौसम चाहे जो भी हो। पानी का इनटेक बिल्कुल भी कम ना करें। दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पीएं। इस मौसम में पानी की कमी पूरी करने के लिए फलों का जूस लिया जा सकता है। जो विटामिन्स के साथ मिनरल्स की भी पूर्ति करता है।
तो इन चार जरूरी बातों का इस मौसम में जरूर ख्याल रखें और मानसून के मौसम में फिट रहें।
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