आपके घर की किचन में खाना पकाने के लिए अलग-अलग तरह की धातु के बर्तनों का इस्तेमाल होता होगा। जैसे स्टील, एल्युमिनियम, कांच, सेरेमिक, नॉन स्टिक और लोहा। इनमें से कुछ कुकवेयर अच्छे होते हैं, तो कुछ सेहत पर खराब असर भी डालते हैं। ऐसे में इस विषय में जानकारी होना बेहद जरूरी हो जाता है। आज हम आपको इस आर्टिकल में ऐसी ही धातु के बर्तन का इस्तेमाल सेफ है या नहीं इसके बारे में बताने जा रहे हैं।
एल्युमीनियम का बर्तन सेफ है या नहीं ?
आज अधिकतर घरों में एल्युमीनियम के कुकर, कड़ाही से लेकर पतीला का इस्तेमाल कुकिंग के वक्त होता है। इस मैटेरियल का बर्तन बाकि बर्तनों की तुलना में हल्का और सस्ता होता है। ऐसे में इसका इस्तेमाल घरों में ज्यादा होता है। एल्युमीनियम के बर्तन में खाना आसानी से बन जाता है। साथ ही, इनको साफ करने पर ये काफी चमकने भी लगते हैं, लेकिन शायद आपको नहीं पता होगा कि इस धातु का बर्तन आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। ज्यादा लंबे समय तक एल्युमीनियम के बर्तनों में खाना पकाने से उसमें मौजूद तत्व हमारे खाने में आने लगते हैं। इसकी वजह से इसका अधिक समय तक इस्तेमाल हमारी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
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एल्युमीनियम के बर्तन में क्या न पकाएं
ऐसा कहा जाता है कि एल्युमीनियम के बर्तनों में एक प्रकार की कोटिंग होती है। इसकी वजह से उसमें हर तरह का खाना बनाना भी अच्छा नहीं माना जाता है। यदि हम ऐसा करते हैं, तो वे तत्व मिलकर एक तरह का केमिकल पैदा करते हैं। इसकी वजह से हमारी सेहत बिगड़ सकती है। कुछ लोग एल्युमीनियम के भगौने में दूध उबालते हैं, जो कि गलत बताया जाता है। इसके साथ ही खट्टी चीजों को भी एल्युमिनियम की धातु वाले बर्तनों में बनाने से बचना चाहिए। खमीर वाले खाद्य पदार्थ भी इन बर्तनों में नहीं रखने चाहिए।
स्टील की बढ़ी डिमांड
आजकल बाजार में एल्युमीनियम की जगह स्टील के कुकर की ज्यादा डिमांड देखने को मिल रही है। स्टील के कुकर और कड़ाही देखने में ज्यादा चमकदार लगते हैं। हालांकि, यह एल्युमिनियम के मुकाबले थोड़े महंगे होते हैं, लेकिन स्टील के बर्तनों में बना खाना सेहत के लिए अच्छा होता है। हमारे घरों में भी स्टील के चम्मच से लेकर थाली और कटोरी में ही खाना खाया जाता है।स्टील के बर्तन लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर भी कोई तत्व नहीं छोड़ते हैं। दरअसल, इन पर एल्युमीनियम की तरह किसी प्रकार की कोटिंग नहीं होती है। ऐसे में स्टील के बर्तनों को नॉन-रिएक्टिव भी बोला गया है। स्टील के बर्तनों में बना हुआ खाना ज्यादा लंबे समय तक खराब भी नहीं होता है।
मिट्टी के बर्तनों का प्रचलन
प्राचीन समय में लोग मिट्टी से बने बर्तनों का इस्तेमाल करते थे। वहीं, अब धीरे-धीरे एक बार फिर इस तरह के बर्तन बाजार में खूब देखने को मिल रहे हैं। इनको आप चूल्हे पर चढ़ाकर भी बना सकते हैं और गैस पर भी। अक्सर चूल्हे पर बर्तन रखने के बाद वे काले हो जाते हैं। ऐसे में आप मिट्टी से बने बर्तनों का यूज कर सकती हैं। ये दिखने में काफी सुंदर लगते हैं। आज आप मार्केट में देखेंगे आपको मिट्टी के तवे, कटोरी आदि कई तरह के बर्तन दिख जाएंगे। इन पर आप सर्दी के मौसम में बाजरे और मक्के की रोटी बना सकती हैं। मिट्टी के बर्तनों में बने खाने में मिट्टी का सोंधी स्वाद आता है।
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