दुलमा या दोलमा एक भरवां व्यंजन है, जिसे गर्म या ठंडे तरीके से परोसा जाता है। कुछ प्रकार के दुलमा सब्जियों, फलों, और समुद्री भोजन के साथ बनाए जाते हैं, जबकि कुछ अंगूर के पत्ते और पत्ता गोभी के पत्तों से लपेट कर बनाए जाते हैं। यह भारत और विदेश दोनों जगह खाया-खिलाया जाता है। मगर विद्वानों का कहना है कि असल में इसकी उत्पत्ति अर्मेनिया में हुआ है। आइए जानें दुलमा की पूरी कहानी।
कहां हुआ जन्म
ऐसा कहा जाता है कि 335 ईसा पूर्व में जब अलेक्जेंडर ने थैब्स शहर में मार्च किया, तो उन्हें भरवां बेल के पत्तों से भरे प्लैटर ने काफी प्रभावित किया। ऐसा शहर जो खाने की कमी से गुजर रहा था, वहां ऐसा कुछ देखना उनके लिए अलग था। उन्होंने रसोई में जाकर देखा, तो पाया ग्रीक वॉरियर्स को जो भी बचा कुचा खाना या मीट आदि मिल रहा था, वे उसे अंगूर के पत्तों में लपेटकर इस तरह बना रहे थे। प्रभावित होकर, अलेक्जेंडर ने इसे अपने सैन्य भोजन का हिस्सा बनाया। कहा जाता है कि उन्हीं के साथ दुलमा भी दुनिया भर में घूमा।
भारत में पहुंचा
दिलचस्प रूप से, अर्मेनियाई राष्ट्रीय व्यंजन का आधुनिक परिवर्तन भारत में हुआ, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल में। लेकिन शुरुआत में इतना बदलाव नहीं था। लंबे समय तक लोग अंगूर की बेल न सिर्फ फल के लिए बल्कि दुलमा बनाने के लिए लगाते थे। और लगभग एक दशक तक इसे पारंपरिक तरीके से ही बनाया जाता था। लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, दुलमा को अन्य जगहों पर भी स्वीकार किया गया। गोभी के पत्तों ने अंगूर के पत्तों की जगह ले ली। और मीट की जगह हिल्सा या अन्य मछलियों ने ले ली। आजकल तो सिर्फ आलू और टमाटर वाले दुलमा भी चलन में हैं।
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अर्मेनियाई में बनाया जाता है दुलमा फेस्टिवल
दुलमा नए साल के अवसर पर अर्मेनिया में खूब बनाया जाता है। इस पारंपरिक भोजन का एक त्योहार भी मनाया जाता है। साल 2011 में पहला पैनामेनियन दुलमा फेस्टिवल मनाया गया था। इसका उद्देश्य था पारंपरिक अर्मेनियाई दुलमा को लोकप्रिय बनाना। वहीं, इसका दूसरा उद्देश्य था दुलमा का तुर्की मूल के बारे में गलत राय नकारना। इस त्योहार के दौरान, तमाम कुक और स्थानीय लोग अपने तरीके से पारंपरिक दुलमा तैयार करते हैं। पांचवे त्योहार में कम से कम 60 तरह के दुलमा पेश किए गए थे। इस त्योहार में राष्ट्रीय गीत के साथ ही नृत्य किया जाता है। इन दुलमा को टेस्ट करने के बाद जज, विनर्स की अनाउंसमेंट करते हैं।
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सबसे लंबा दुलमा
दुलमा का इतिहास तो आपने जान ही लिया। वहीं, साल 2017 में सबसे लंबा दुलमा तैयार किया गया था। उस दुलमा की लंबाई 60m, 44sm थी, जो उस समय बड़ा सुर्खियों में था।
फेमस है pasuts tolma
Pasuts tolma लाल या काली बीन्स, मसूर, मटर, हरी मटर, बुलगुर और चावल से बना एक अर्मेनियाई पारंपरिक व्यंजन है, जो गोभी या अंगूर के पत्तों में लपेटकर बनाया जाता है। यह एक लोकप्रिय दुलमा है, जिसे ठंडा परोसा जाता है। pastus का अर्थ उपवास होता है। इसे खासतौर पर ईस्टर आदि के मौके पर बनाया जाता है।
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