
हमारे यहां भारत में घूमने के लिए एक से एक जगहें मौजूद हैं। हर राज्य की अपनी खासियत है। कोई अपने खानपान के लिए पूरी दुनिया में फेमस है, तो कुछ अपनी अनोखी विशेषताएं समेटे हुए हैं। बिहार भी उन्हीं में से एक है। आपको बता दें कि बिहार की धरती हमेशा से इतिहास से भरपूर रही है। यहां के Barabar Caves भी बहुत खास हैं। ये गुफाएं न सिर्फ पुरानी हैं बल्कि भारत की सबसे पहली पत्थर काटकर बनाई गई संरचनाओं में से एक मानी जाती हैं।
इन्हें देखकर यही लगता है कि इतने नॉर्मल डिजाइन में भी कितनी सुंदरता और कला छिपी हो सकती है। आज का हमारा लेख भी इसी विषय पर है। हम आपको बराबर गुफाओं का इतिहास बताने जा रहे हैं। साथ ही इसकी खासियत के बारे में भी जानेंगे और हम आपको ये भी बताएंगे कि आप यहां कैसे पहुंच सकती हैं। आइए जानते हैं -
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Barabar Caves का इतिहास 3rd century BCE यानी मौर्य काल का है, जब सम्राट अशोक का शासन था। इन गुफाओं को सॉलिड ग्रेनाइट पत्थर को काटकर बनाया गया था। यह काम कितना मुश्किल रहा होगा, इसका अंदाजा सिर्फ इन गुफाओं को देखकर ही लगाया जा सकता है। माना जाता है कि इन गुफाओं का उपयोग आजीविका संप्रदाय के साधु करते थे। उनकी साधना और ध्यान के लिए यह जगह बेहद शांत और परफेक्ट मानी जाती थी।
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Barabar Caves का इतिहास 3rd century BCE यानी मौर्य काल का है। उस दौरान सम्राट अशोक का शासन हुआ करता था। कहा जाता है कि इन गुफाओं को सॉलिड ग्रेनाइट पत्थर को काटकर बनाया गया था। ये काम कितना मुश्किल रहा होगा, इसका अंदाजा सिर्फ इन गुफाओं को देखकर ही लगाया जा सकता है।
ऐसा माना जाता है कि इन गुफाओं का इस्तेमाल आजीविका संप्रदाय के साधु करते थे। उनकी साधना और ध्यान के लिए ये जगह बहुत शांत होती थी। इन गुफाओं की सबसे बड़ी खासियत तो इनके अंदर का चमकदार इंटरियर है। जब आप अंदर जाते हैं, तो चारों तरफ एकदम पॉलिश्ड और साफ लेयर दिखाई देती है।
पत्थर की दीवारें इतनी चिकनी लगती हैं कि विश्वास ही नहीं होता कि ये हजारों साल पहले हाथों से तैयार की गई होंगी। यही सब चीजें इन गुफाओं को इतना गॉर्जियस बनाती हैं। इनकी एक और खासियत है कि गुफा में की गई आवाज लगभग तीन मिनट तक गूंजती रहती है।
ये गुफाएं Jehanabad जिले की सबसे खास जगहों में से एक है। ये Makhdumpur गांव के पास स्थित है और यहां दुनिया भर के पर्यटक आते हैं। इसकी सुंदरता लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
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अगर आप यहां घूमने जाना चाहती हैं तो सितंबर से अप्रैल का समय सबसे अच्छा माना जाता है। इस मौसम में यहां का टेंपरेचर बहुत आरामदायक रहता है। इससे घूमने में भी आसानी होती है। यहां मोबाइल, कैमरा और बाकी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स ले जाने की अनुमति है, इसलिए आप आराम से तस्वीरें भी क्लिक कर सकती हैं।
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बाराबर तक पहुंचना भी आसान है। सबसे नजदीकी एयरपोर्ट पटना और गया है। नजदीकी रेलवे स्टेशन Banavar Halt है। इसके अलावा Barabar Caves तक सड़क मार्ग से पटना, गया, नालंदा और अरवल के रास्ते भी आसानी से पहुंचा जा सकता है।
तो अगर आप बिहार जाने का सोच रही हैं, तो Barabar Caves को देखना न भूलें। साथ ही अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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Image Credit- Bihar Tourism
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