मटन चाप कैसे हुई इतनी फेमस? जानिए इनका दिलचस्प इतिहास

आपने मटन चाप तो खाई होगी, लेकिन क्या खाते वक्त आपके मन में यह सवाल आया है कि आखिर पहली बार इसे बनाया किसने होगा? अगर हां, तो इसका जवाब यकीनन आपको इस लेख में मिल सकता है। 
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जब हम कुछ खाते हैं तो कभी न कभी हमारे मन में यह सवाल जरूर आता है कि पहली बार कब और कैसे इसे बनाया होगा। इसे बनाने के पीछे क्या वजह रही होगी, क्योंकि हर व्यंजन का अपना अलग इतिहास होता है, जो संस्कृति, भौगोलिक स्थिति या किसी जरूरत से जुड़ा होता है। कई व्यंजन के बारे में लोगों को अंदाजा होता है, लेकिन कुछ डिशेज ऐसी हैं जिसकेबारे में जानकारी दूर से दूर तक नहीं होती जैसे- मटन चाप।

मटन चाप भारतीय व्यंजनों में अपनी खास जगह बनाने वाली एक शाही डिश है। इसकी रसीली ग्रेवी और मसालों से सजी नरम मटन रिब्स हर खाने के शौकीन के दिल को जीत लेती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह लाजवाब व्यंजन इतना प्रसिद्ध कैसे हुआ? मटन चाप के इतिहास में झांकने पर कई रोचक कहानियां सामने आती हैं।

अगर आप भी इसकी कहानी जानना चाहते हैं, तो आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं इस स्वादिष्ट व्यंजन से जुड़े रोचक तथ्य और आसान रेसिपी-

मुगल रसोई से हुई शुरुआत

What is the history of mutton chops

मटन चाप को खाने का रिवाज मुगल काल से शुरू हुआ। मुगल बादशाहों को नॉन-वेज खाना बहुत पसंद था। इसलिए प्राचीन रसोई में रोजाना अलग तरह से नॉनवेज बनाया जाता था।

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इसी दौरान मटन चाप का आविष्कार हुआ। उस वक्त मटन रिब्स को हल्की आंच पर मसालों और दही के साथ पकाकर तैयार किया जाता था, ताकि मटन नरम और रसदार हो जाए।

नवाबी दौर में मिली लोकप्रियता

मुगल काल में मटन चाप की रेसिपी सिर्फ दरबार तक सीमित थी, लेकिन जब नवाबी का दौर आया तो इसे ज्यादा बनाया जाने लगा। खासकर लखनऊ और हैदराबाद जैसे शहरों में, इसे नवाबों के दरबार में शाही भोज का हिस्सा बनाया गया।

यहां इसे पारंपरिक तरीके से ग्रेवी में पकाया जाता था, जिसमें केसर, दही, काजू और बादाम का इस्तेमाल किया जाता था। नवाबी रसोई की इस शैली ने मटन चाप को एक रिच और क्लासिक डिश बना दिया।

कोलकाता ने दिया मटन चाप को नया स्वाद

What is the history of mutton chaap

वैसे मटन चाप मुगल और नवाबी दौर में ज्यादा बनाया गया, लेकिन कोलकाता ने इसे नया स्वाद दिया। कहा जाता है कि बंगाल में मटन चाप को खास मसालों और सरसों के तेल के साथ तैयार किया जाता है, जिससे यह अधिक मसालेदार और स्वादिष्ट बन जाती है।

कोलकाता के पुराने मुगलई रेस्तरां आज भी अपनी खास मटन चाप के लिए लोकप्रिय है। यहां इसे पराठे या रूमाली रोटी के साथ परोसा जाता है, जो इसका स्वाद और भी बढ़ा देता है। साथ ही, कई तरह के मसाले का इस्तेमाल किया जाता था। यही वजह है कि आज इसके कई वर्जन देखने को मिलते हैं।

कई तरह से बनाई जाती है मटन चाप

What is the meaning of mutton chaap

इसका स्वाद इतना अच्छा है कि विदेशों में भी इसका जलवा बरकरार है। आज, यह डिश लंदन, दुबई और न्यूयॉर्क जैसे शहरों के भारतीय रेस्तरां के मेनू में आसानी से देखी जा सकती है। साथ ही, इसे एक नहीं बल्कि कई तरह से बनाया जाता है जैसे- शाही मटन चाप, भुना मटन चाप या ग्रिल्ड मटन चाप आदि।

लोकप्रियता की वजह क्या है?

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मटन चाप की लोकप्रियता के पीछे इसका स्वाद और रिच टेक्सचर है। यह व्यंजन हर खास मौके, शादी, और उत्सव का हिस्सा बन गया है। साथ ही, इसे बनाने का तरीका बदला जा सकता है। अगर आप नॉनवेज व्यंजनों के शौकीन हैं, तो मटन चाप को अपने मेन्यू में शामिल करना बिल्कुल न भूलें।

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अब हम हर किसी को पता सकते हैं कि मटन चाप का सफर मुगल दरबार से शुरू होकर आज दुनिया भर के व्यंजनों में अपनी पहचान बना चुका है। यह न केवल इतिहास और परंपरा का प्रतीक है, बल्कि भारतीय रसोई की कला और स्वाद की विरासत को भी दर्शाता है। अगली बार जब आप मटन चाप का स्वाद लें, तो इसके पीछे छिपी इस दिलचस्प कहानी को जरूर याद करें।
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Image Credit- (@Freepik and shutterstock)

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