क्या आप जानती हैं काजू कतली मिठाई का दिलचस्प इतिहास? 

Kaju Katli Origin Story: काजू कतली एक ऐसी मिठाई है जिसे हर त्यौहार का हिस्सा बनाया जाता है। पर आपको पता है कि इसे सबसे पहले कहां और कैसे परोसा गया था। अगर नहीं तो आइए जानते हैं इसके दिलचस्प इतिहास के बारे में- 

 
history of kaju katli

भारत का हर त्यौहार मिठाइयों के बिना बिल्कुल अधूरा है। हम इनके बिना किसी भी त्यौहार की कल्पना ही नहीं कर सकते...पर काजू कतली हर किसी की फेवरेट होती हैं....इसलिए जब भी कुछ मीठा खाने की बात होती है, तो काजू कतली का ही ख्याल मन में आता है। हालांकि, काजू कतली एक ऐसी मिठाई है, जो हमें हर दुकान पर आसानी से मिल जाएगी, लेकिन त्यौहार के वक्त घर पर ही कतली बनाई जाती हैं।

हालांकि, कई लोगों को लगता है कि काजू कतली सिर्फ भारत में ही बनाई जाती है, जबकि यह अन्य देशों में भी यह उतना ही मशहूर है। जी हां, भारत का इस मिठाई का इतिहास काफी पुराना है, तब इसे बनाने का तरीका बिल्कुल अलग था जबकि अब तरीका बिल्कुल बदल गया है। तो देर किस बात की आइए जानते हैं काजू कतली बनाने का आसान तरीका-

क्या है इतिहास?

know about kaju katli

कतली का इतिहास बेहद दिलचस्प रहा है और इसकी कहानी भी बहुत सिंपल है। कहा जाता है कि काजू कतली का आविष्कार मुगल काल में हुआ था जिसे सबसे पहले जहांगीर के शासन काल में बनाया गया था। कहा जाता है कि जहांगीर ने काजू कतली को सिख गुरु को सम्मान देने के लिए शाही रसोई में काजू की बर्फी गाढ़े दूध या रबड़ी, कुचले हुए काजू और बादाम से बनाई जाती थी।

पहले इस मिठाई को काजू-बर्फी के नाम से भी जाना जाता था, लेकिन वक्त के साथ काजू कतली कहा जाने लगा। (काजू से आप बना सकती हैं ये सारी चीजें)

इसे ज़रूर पढ़ें-जानें पंजाब के उस अमृतसरी कुलचे की कहानी जो था शाहजहां को खूब पसंद

सिखों से है संबंध

facts about kaju katli

कहा जाता है कि जहांगीर ने सिख गुरुओं और राजाओं को बंदी बना लिया था और लंबे समय तक ग्वालियर के किले में बंदी बनाकर रखा था। बंदियों की पीड़ा स्पष्ट थी और उनके रहने की स्थिति दयनीय भी थी। सिखों के छठे गुरु, गुरु हरगोविंद, बंदियों में से एक थे। (झारखण्ड की इन 3 लजीज स्वीट रेसिपीज)

अपने निर्देशों के साथ, राजा ने किले के अंदर कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने में सहायता की और सभी कैदियों और गार्डों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया। इसके बाद बादशाह जहांगीर ने घोषणा की कि गुरु को मुक्त कर दिया जाएगा और जो कोई भी उनके वस्त्र धारण कर सकता है, वह मुक्त हो जाएगा।

गुरु हरगोविंद ने गुप्त रूप से 52 राजाओं को आदेश दिया कि वे जेल में हर किसी के द्वारा पहने जाने के लिए काफी लंबा वस्त्र बनाएं। दीवाली पर, सभी कैदियों को उनके लंबे वस्त्र पहने हुए मुक्त कर दिया गया था। बस इस खुशी में काजू कतली को बनाया गया और सभी को परोसा गया।

लखनऊ शहर का रही हिस्सा

origin of kaju katli

काजू कतली को जहांगीर ने लखनऊ शहर में बनाया गया था, जो अपनी समृद्ध पाक संस्कृति के लिए जाना जाता था। काजू को बारीक पीसकर चीनी और घी में मिलाकर मिठाई बनाई जाती थी। मिश्रण को धीमी आंच पर तब तक पकाया जाता था जब तक कि ये गाढ़ा न हो जाए।

इसे ज़रूर पढ़ें-ताजमहल के उद्घाटन में क्या सच में शाहजहां को परोसा गया था कोरमा? जानें इससे जुड़े रोचक किस्से

इसके बाद, काजू कतली पूरे भारत में लोकप्रिय हो गई और अब यह देश की सबसे पसंदीदा मिठाइयों में से एक है। यह अन्य देशों को भी निर्यात किया जाता है और भारतीय डायस्पोरा के बीच एक लोकप्रिय भारतीय मिठाई है।

आपको यह जानकारी कैसी लगी, हमें जरूर बताएं। इसी तरह अपने शहर के लोकप्रिय खाने की दिलचस्प कहानी सुनने के लिए पढ़ते रहें हरजिंदगी।

Recommended Video

Image Credit- (@Freepik)
HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP